अखिलेश ने BJP पर साधा निशाना, बोले- नदियां उफान पर, सरकार को फिक्र तक नहीं
अखिलेश ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में नदियों का उफान खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, लोग तटबंधों पर या छतों पर दिन गुजार रहे हैं।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि प्रदेश के कई जिले बाढ़ग्रस्त है, किसान त्रस्त है उनकी फसलें बर्बाद हो गई है लेकिन भाजपा सरकार को प्राकृतिक आपदा से किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा देने का समय नहीं है। अखिलेश ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में नदियों का उफान खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, लोग तटबंधों पर या छतों पर दिन गुजार रहे हैं। पशुओं की जिन्दगी भी संकट में हैं, सड़के, पुल क्षतिग्रस्त हैं लेकिन भाजपा सरकार राज्य की परेशान हाल जनता की खोज खबर नहीं ले रही हैं।
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सपा अध्यक्ष ने सोमवार को कहा कि बाराबंकी, अयोध्या, कुशीनगर, गोरखपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़, मऊ, बस्ती, गोंडा, संतकबीरनगर, सीतापुर, सिद्धार्थनगर और बलरामपुर में बाढ़ से हजारों गांवों की लाखों जनसंख्या प्रभावित हैं। सैकड़ों गांवों का सम्पर्क बाकी इलाकों से टूट गया है। हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें जलमग्न हो गई हैं।
गंगा, घाघरा नदियां उफान पर
लखीमपुर खीरी के पलिया कलाॅ में शारदा, बलिया के तूतीपार क्षेत्र में सरयू, गोरखपुर के बर्डघाट एवं श्रावस्ती के राप्ती बैराज में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नेपाल व बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा, घाघरा नदियां उफान पर हैं। इनके तटबंधों को खतरा उत्पन्न हो गया है। बाढ़ की भयावह स्थिति और तटबंध टूटने की आशंका से ग्रामीणों में दहशत है। रोहिनी नदी, कुवानों, गंडक, कुनहरा नदियां भी खतरे के निशान के नजदीक बह रही है। बाढ़ की वजह से हजारों मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बड़ी संख्या में लोग अपने बचाव में पास की सड़कों पर या अपने मकानों की छतों पर शरण लिए हुए हैं।
सिरौली गौसपुर और रामसेनही घाट में हाहाकार
पशुओं के चारे के साथ उनको बचाने की भी समस्या हैं। बाराबंकी में सरयू खतरे के निशान से 108 से.मी. ऊपर पहुंच गई है जिससे तीन तहसीलों रामनगर, सिरौली गौसपुर और रामसेनही घाट में हाहाकार मचा हुआ है। मवेशी भूखे हैं उनके लिए चारा नहीं है। सीतापुर में दो बच्चे बाढ़ के पानी में डूब गए। लेकिन स्थानीय प्रशासन उन्हें राहत पहुंचाने में लापरवाह है।
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सपा मुखिया ने कहा कि झांसी मण्डल में किसानों को गेहूं की उपज का करोड़ों रुपये बकाया है। बदायूं सहित कई जिलों में किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है। बुन्देलखण्ड में खेती चैपट हो रही है लेकिन सरकार का ध्यान उधर नहीं है। गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ रुपये का भुगतान अभी भी नहीं हो पाया है। मिल मालिकों पर सरकार का कोई जोर नहीं है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा तो वैसे भी किसानों के हितों की अनदेखी करती रही है। वह तो बस कारपोरेट घरानों से ही खास नाता रिश्ता रखती है। भाजपा ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। वर्ष 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी करना भाजपा का सबसे बड़ा झांसा है। भाजपा को इसका जवाब भी वर्ष 2022 में मिल जायेगा।
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