Ramcharitmanas Controversy: अखिलेश की नाराजगी की खबरों के बीच, सपा ने अबतक नहीं लिये स्वामी प्रसाद के खिलाफ कोई ऐक्शन

UP Politics: स्वामी प्रसाद मौर्या के बयानों से सपा ने पहले ही किनारा कर लिया है। लेकिन अखिलेश यादव ने अभी तक इस विषय पर किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

Written By :  Anant kumar shukla
Update: 2023-01-24 12:21 GMT

Akhilesh Yadav holding a meeting in Samajwadi Party office (Social Media)

Ramcharitmanas Controversy: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर दिए गए बयान के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा जहाँ इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाये हुए है वहीँ साधु संत भी खासा नाराज दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है की सपा मुखिया अखिलेश यादव भी अपने नेता से नाराज चल रहे हैं। सोमवार को पार्टी ने स्वामी प्रसाद के विवादित बयान से किनारा कर लिया था। पार्टी ने उसे स्वामी प्रसाद का व्यक्तिगत बयान बताया। जानकारी के अनुसार अखिलेश यादव भी स्वामी प्रसाद से खासे नाराज हैं। बीते कई दिनों से स्वामी प्रसाद के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकले लगायी जा रही हैं।

सूत्रों के अनुसार आज इसी क्रम में अखिलेश यादव एक प्रेस कांफ्रेंस कर इस मुद्दे पर पार्टी की राय रखने वाले थे। प्रेस कांफ्रेंस तो नहीं हुई लेकिन जानकारी के अनुसार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इसी मुद्दे पर पार्टी के पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण मीटिंग कर रहे हैं। कार्यालय में सपा के तमाम नेता पहुंच चुके हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद पहली बार अखिलेश यादव पार्टी पदाधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं। मीटिंग के बाद किसी बड़े फैसले की उम्मीद जताई जा रही है।

बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्या के बयानों से सपा ने पहले ही किनारा कर लिया है। लेकिन अखिलेश यादव ने अभी तक इस विषय पर किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान से सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष खुश नहीं हैं। शिवपाल समेत सपा के तमाम नेताओं ने स्वामी के बयानों से किनारा करते हुए उनका व्यक्तिगत बयान करार दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अखिलेश यादव ने भी बयान से किनारा करने के निर्देश दिए। उन्होने इस तरह के बयानों से बचने के निर्देश दिए हैं।

शिलवपाल यादव ने किया किनारा

रामचरित मानस पर विवादित टिप्पड़ी कर के सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या अब अपनी पार्टी में भी अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं। चाचा शिवपाल यादव ने भी स्वामी के बयान से पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा कि ये स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी बयान है। हम लोग भगवान राम और कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले हैं। भाजपा राम के आदर्शों पर नहीं चलती। भगवान राम के विषय में कहा जाता है कि "प्राण जाए पर बचन न जाई"। लेकिन भाजपा वादे करके भूल जाती है।

लखुनऊ मध्य से सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने बयान को खारिज कर दिया है। उन्होने कहा कि ये स्वामी प्रसाद मौर्या का निजी बयान है। यह समाजवादी पार्टी का स्टैंड नहीं है। नेताओं को महंगाई,बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार पर बोलना चाहिए। अज्ञानतावश इस प्रकार की टिप्पणी की है। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के संज्ञान में पूरा प्रकरण है। जल्द ही अखिलेश यादव कार्रवाई करेंगे। सपा के किनारा करते ही हिंदू महासभा ने हजरतगंज थाने में तहरीर दी है। स्वामी प्रसाद पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय स्वामी के बयान से काफी नाराज दिखे। उन्होने कहा कि रामचरित मानस एक ऐसा ग्रंथ है जिसे देश में ही नही बल्कि विदेशों में भी पढ़ा जाता है। लोग इसका अनसरण भी करते हैं। उन्होने कहा कि यह ग्रंथ हमें नैतिक मूल्यों, भाइयों, माता-पिता, परिवार और अन्य लोगों के साथ महत्व को समझाती है। हमें न केवल रामचरित मानस बल्कि कुरान, बाइबिल और गुरूग्रंथ का भी सम्मान करना चाहिए।

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