Atiq Ashraf Murder: माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्‍या पर विपक्ष हमलावर, जानिए किसने क्या कहा

Atiq Ashraf Murder: अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद राजनीतिक दलों और नेताओं ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं। विपक्षी दलों ने यहां तक मांग की है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए।

Update: 2023-04-16 09:59 GMT
प्रियंका गांधी व अखिलेश समेत विपक्ष हमलावर( सोशल मीडिया)

Atiq Ashraf Murder: अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद राजनीतिक दलों और नेताओं ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं। अतीक और अशरफ की हत्या तब हुई जब पुलिसकर्मी उन्हें हथकड़ी लगा कर चेकअप के लिए अस्पताल में लाये थे। यह घटना लाइव कैमरे में कैद हुई है।

विपक्ष हमलावर

विपक्षी दलों ने यहां तक मांग की है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए।

- अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली ने इस हत्या को 'कोल्ड ब्लडेड' हत्या करार दिया। उन्होंने कहा, अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की नृशंस हत्या यूपी में अराजकता की पराकाष्ठा है। यह टॉप लेवल से हरी झंडी के बिना नहीं हो सकता है। यह अविश्वसनीय घटना एक बड़ी साजिश के तहत हुई है। किसी भी अन्य लोकतंत्र में, कानून के शासन के खिलाफ इस तरह के जघन्य अपराध के परिणामस्वरूप राज्य सरकार की बर्खास्तगी होती है, लेकिन आज के 'न्यू इंडिया' में यह संभव नहीं है।"

- समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध अपने चरम पर पहुंच गया है। 'उन्होंने ट्वीट किया - यूपी में अपराध चरम पर है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे में सरेआम फायरिंग कर किसी की जान जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या? जनता में डर पैदा किया जा रहा है, ऐसा लगता है कि कुछ लोग जानबूझकर ऐसा माहौल बना रहे हैं।

- राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी ने पूछा कि क्या राज्य में 'जंगल राज' कायम है? उन्होंने कहा, कोई भी अतीक अहमद के साथ सहानुभूति नहीं रख रहा है क्योंकि एक अपराधी को दंडित किया जाना चाहिए। लेकिन जो कोई भी इस वीडियो को देखेगा वह सवाल करेगा कि क्या हम लोकतंत्र हैं? प्रत्येक अपराधी को अदालत में सुनवाई करने और वहां दोषी ठहराए जाने का अधिकार है।

- कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने बड़ी साजिश का आरोप लगाया है। अल्वी ने कहा, "यह यूपी की कानून-व्यवस्था की स्थिति को दिखाता है। यह एक बड़ी साजिश लगती है। इसकी गहन जांच और न्यायिक जांच होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।

- राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, "यूपी में दो हत्याएं: 1) अतीक अहमद और भाई अशरफ 2) कानून का राज।"

- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भाजपा नीत सरकार में उत्तर प्रदेश में जंगल राज चल रहा है। सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर कहा, "यूपी में बीजेपी योगी सरकार के तहत जंगल राज। यह यूएसपी है: एनकाउंटर हत्याएं, बुलडोजर राजनीति और अपराधियों को संरक्षण देना। कानून का शासन लागू करो, अपराधियों को पकड़ो और उन्हें कड़ी सजा दो।"

- ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की हत्या उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की विफलता का एक आदर्श उदाहरण है। उन्होंने ट्वीट किया - अतीक और उसके भाई की पुलिस हिरासत में हत्या कर दी गई थी और हथकड़ी लगाई गई थी। जेएसआर के नारे भी लगाए गए थे। उनकी हत्या योगी की कानून व्यवस्था की बड़ी विफलता का एक आदर्श उदाहरण है। मुठभेड़-राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। जिस समाज में हत्यारे नायक होते हैं, उस समाज में अदालत और न्याय व्यवस्था का क्या काम होता है?"

- तृणमूल कांग्रेस के विधायक बाबुल सुप्रियो ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया - कोई भी कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता, यहां तक कि एचएम अमित शाह या सीएम योगी आदित्यनाथ भी नहीं - भले ही यह माफिया के खिलाफ हों। जमीन का कानून मौजूद है। यह तालिबानी 'राज' है और प्रथम दृष्टया यह पूर्व नियोजित हत्या है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस घटना की सीबीआई जांच का आदेश देना चाहिए।

- प्रयागराज हत्याकांड पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, "हमारे देश का क़ानून संविधान में लिखा गया है, यह क़ानून सर्वोपरि है। अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, मगर देश के क़ानून के तहत होनी चाहिए। किसी भी सियासी मक़सद से क़ानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। जो भी ऐसा करता है, या ऐसे करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे भी ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उस पर भी सख्ती से क़ानून लागू होना चाहिए। देश में न्याय व्यवस्था और कानून के राज का इकबाल बुलंद हो, यही हम सबकी कोशिश होनी चाहिए।"

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