अखिलेश यादव को नहीं मिली मुरादाबाद में विमान उतारने की अनुमति, सपा ने बताया निंदनीय
Samajwadi Party: अखिलेश यादव का 4 फरवरी को विमान से मुरादाबाद जाने की योजना थी। प्लेन को मुरादाबाद की भदासना हवाई पट्टी पर उतारने की अनुमति मांगी गई थी।
Samajwadi Party: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्य़क्ष अखिलेश यादव को मुरादाबाद में प्लेन लैंडिंग की अनुमति नहीं मिली। सपा आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट कर दावा किया गया है कि योगी सरकार के दबाव में कमिश्नर और डीएम ने अखिलेश यादव के प्लेन लैंडिग की इजाजत नहीं दी। अखिलेश यादव का 4 फरवरी को विमान से मुरादाबाद जाने की योजना थी। प्लेन को मुरादाबाद की भदासना हवाई पट्टी पर उतारने की अनुमति मांगी गई थी। जिसपर जिला अधिकारी मुरादाबाद शैलेंद्र कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि हवाई पट्टी पर कार्य चल रहा है। सुरक्षा कारणों से अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होने बताया कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय को इसकी सूचना दे दी गई है।
समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया है-" पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत दिनांक 4 फरवरी 2023 को मा. राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी को मुरादाबाद में एक समारोह में सम्मिलित होना था लेकिन योगी सरकार प्लेन को लैंड होने की अनुमति नहीं दे रही है। यह बेहद निंदनीय कृत्य है।"
पूर्व विधायक दीपक यादव से मुलाकात करने जा रहे थे अखिलेश यादव
मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव पूर्व विधायक दीप कुमार से मुलाकात करने जा रहे थे। लेकिन प्लेन लैंडिंग की अनुमति न मिलने के कारण कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया। पार्टी ने कहा कि इससे पहले झांसी में भी इसी तरह प्लेन लैंडिंग की अनुमति नही मिली थी।
जिला अधिकारी ने क्या कहा?
वहीँ इस सम्बन्ध में सभी आरोपों को ख़ारिज करते हुए ज़िला अधिकारी मुरादाबाद शैलेन्द्र कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि हवाई पट्टी पर कार्य चल रहा है। सुरक्षा के कारणों को मद्देनजर रखते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को विमान उतारने की अनुमति नही दी जा सकती। उन्होंने बताया कि यह सूचना समाजवादी पार्टीके राष्ट्रीय कार्यालय को सूचना दे दी गई है ।
ताड़ना शब्द का अर्थ शिक्षा देना है तो ब्राम्हणों को ताड़ो- सपा प्रवक्ता
दिल्ली में आयोजित एक ओबीसी सभा में सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने एक बार फिर ब्राम्हणों खिलाफ जहर उगला। उन्होने कहा ब्राम्हण कहते हैं कि ताड़न का अर्थ शिक्षा देना है, तो ब्राम्हणों को ताड़ो हमें क्यों ताड़ रहे हो। ये वाक्य दलितों को बिना डरे हर जगह बोलना है। मीडिया में हमारे लोगों (ओबीसी, दलित) की कमी है। डिबेट में ज्यादातर तिवारी, त्रिपाठी व मिश्रा होते हैं जबकि दलित वर्ग के मुश्किल से एक सदस्य होते हैं। जिसका उन्हे फायदा मिलता है।