समाजवादी विजन एवं विकास पदयात्रा को अखिलेश यादव ने हरी झंड़ी दिखा किया रवाना
लखनऊ: समाजवादी पार्टी की विकास नीति एवं प्रदेश को भविष्य में ले जाने वाली दिशा की ओर अवगत कराने के लिए चार दिवसीय समाजवादी विजन एवं विकास पदयात्रा को आज पार्टी मुख्यालय, लखनऊ से हरी झण्डी दिखाकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने रवाना किया।
इस पद यात्रा का नेतृत्व लखनऊ विश्वविद्यालय की स्टूडेंट लीडर पूजा शुक्ला कर रही हैं। उनके साथ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं पदयात्रा में शामिल हैं। समाजवादी विजन एवं विकास पदयात्रा समाजवादी पार्टी कार्यालय से चलकर हजरतगंज चैराहा, गांधी प्रतिमा, पटेल प्रतिमा, अम्बेडकर प्रतिमा, अवंतीबाई लोधी प्रतिमा, बर्लिग्ंटन चैराहा, हुसैनगंज चैराहा, के.के.सी./के.के.वी. कालेज होते हुए चारबाग रेलवे स्टेशन पर जाकर समाप्त हुई। पदयात्रियों ने जगह-जगह रूक कर लोगों से सम्पर्क किया और उन्हें समाजवादी सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराया।
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इस अवसर पर मीडिया से वार्ता करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कहा कि समाजवादी पार्टी का मानना है कि जब बड़े विकास कार्य होंगे तभी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पदयात्रा और साइकिल यात्रा के माध्यम से समाजवादी पार्टी से जनता के हर वर्ग को जोड़ने का अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी की पदयात्रा का कार्यक्रम सच्चाई का है जबकि भाजपा धोखे की पदयात्रा करती है। भाजपा की पदयात्रा में तो कई नेता भगाए गए और जनप्रतिनिधि तक पिट गए।
उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में नफरत और जातीय उन्माद फैलाने की कोशिशें हो रही है। मकसद साफ है कि मेहनतकश जनता मोदी सरकार से हर साल दो करोड़ रोजगार पर सवाल न पूछे, अच्छे दिन के वादे पर कालाधन, मंहगाई पर रोक लगाने से लेकर बेहतर शिक्षा-चिकित्सा के मुद्दों पर बात न हो। किसान अपने ऊपर हो रहे अन्याय की बात न कर सके।
अखिलेश यादव ने कहा कि जमीन पर भाजपा का कोई काम नहीं हुआ है, उसने केवल नाम बदलने और रंग-पुताई करने में ही समय बिताया है। समाजवादियों ने काम किया है। जनहित के तमाम कामों को जो समाजवादी सरकार में शुरू हुए थे, भाजपा सरकार ने रोक दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की नई संस्कृति है शिलान्यास का शिलान्यास और उद्घाटन का उद्घाटन करना। लेकिन समाजवादी कामों को भाजपाई कहां स्वीकार करते हैं।
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उन्होंने कहा कि भाजपा राज में कानून व्यवस्था मजाक बन गया है। मुख्यमंत्री जी की ‘ठोंको‘ नीति का असर दिख रहा है कि कहीं पुलिस जनता को ठोंक रही है तो कहीं जनता पुलिस को ठोंक रही है। गन्ना किसानों को पर्ची तक नहीं मिल रही है। ये पर्चियां सिर्फ भाजपा नेताओं की जेबों में मिलती है। आलू किसान और धान किसान परेशान है। क्षुब्ध आलू किसानों ने जब सड़क पर आलू बिखेर दिए तो उनसे आतंकवादियों की तरह पेश आया गया। गन्ना किसानों का पुराना भुगतान भी नहीं हुआ। गन्ने के दाम भी नहीं बढ़ाए गए। किसान की आय दुगनी होती कहीं दिखाई नहीं दी। किसान की चिंता छोड़ भाजपा मूर्तियांे की राजनीति कर रही है।
अब सन् 2019 का चुनाव भाजपा के कागजी विकास बनाम समाजवादी सच्चे विकास के बीच होगा। अखिलेश यादव ने कहा कि आज देश के संविधान और लोकतंत्र पर सबसे बड़ा खतरा है। भाजपा-संघ परिवार लोकतंत्र पर तानाशाही लादना चाहते हैं। बैंकों में जमा देश की जनता की गाढ़ी कमाई को 31 उद्योगपति लूटकर विदेश भाग गए। कई बैंक दिवालिया होने के कगार पर हैं। भ्रष्टाचार और मंहगाई अनियंत्रित है। कारोबार चैपट है। जिससे बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है।
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा मुद्दों को भटकाने और जनता को झूठे सपने दिखाने में अव्वल है। इसी के बूते उसने केन्द्र और राज्य में हासिल की। लेकिन अब लोगों का मोहभंग हो गया है और लोग बदलाव के लिए व्यग्र है।
इस अवसर पर राजेन्द्र चौधरी, एसआरएस यादव, अरविन्द कुमार सिंह, सुनील यादव साजन, जूही सिंह, विकास यादव, गौरव दूबे, फाकिर सिद्दीकी, प्रदीप तिवारी, बृजेश यादव दिग्विजय सिंह देव, प्रो0 अली महमूदाबाद डाॅ0 अजीज श्रीमती गीता सिंह, राम सागर, विजय सिंह, सौरभ यादव, सर्वेश यादव, वीरेन्द्र सिंह ‘वीरू‘ रजा हैदर, प्रदीप शर्मा, आरएस यादव, अंसार अहमद, मुनीर अहमद, जेडयू खान, राहुल सिंह, सिद्धार्थ मिश्रा, सागर धानुक, सुभाष यादव सहित अन्य नेता बड़ी संख्या में शामिल रहे।