अखिलेश यादव बोले- BJP राज में नौजवानों की जिंदगी से हो रहा खिलवाड़

सपा अध्यक्ष ने गुरुवार को कहा कि गांव-देहात और छोटे शहरों-कस्बों से बड़े-बड़े सपने लेकर शहरों में पढ़ाई और नौकरी की तलाश में आने वाले छात्रों, नौजवानों को समय से मदद की सख्त जरूरत है।

Update:2020-06-11 18:44 IST
akhilesh yadav

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि लाॅकडाउन की स्थिति में शैक्षणिक गतिविधियां के बंद रहने के बावजूद तमाम स्कूल-कालेजों के प्रबन्धक अभिभावकों से फीस तथा अन्य खर्चे वसूलने के लिए लगाातार दबाव बनाए हुए है। शिक्षा संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों तथा दूसरे कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री और उनकी टीम-11 इन मामलों में मौन धारण किए है। सरकार केवल प्रेस नोट जारी कर ही अपने कर्तव्य की इतिश्री मान रही है।

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नौजवानों को समय से मदद की सख्त जरूरत

सपा अध्यक्ष ने गुरुवार को कहा कि गांव-देहात और छोटे शहरों-कस्बों से बड़े-बड़े सपने लेकर शहरों में पढ़ाई और नौकरी की तलाश में आने वाले छात्रों, नौजवानों को समय से मदद की सख्त जरूरत है। वैश्विक महामारी के चलते खराब आर्थिक हालातों के मारे इन नौजवानों के पास वर्तमान में कमरे का किराया,खाने-पीने और फीस देने का भी इंतजाम नहीं है।

उन्होंने कहा कि नौजवानों की जिन्दगी से खिलवाड़ का क्रूरतापूर्ण खेल भाजपा राज में धड़ल्ले से हो रहा है। यूपी की भाजपा सरकार के इन्वेस्टमेंट समिट्स और डिफेंस एक्सपो के कागजी इवेंट न तो निवेशक ला सका,न ही रोजगार। यदि मुख्यमंत्री जी 69000 शिक्षक, बीडीओ, एलटी,एटीए एवं यूपीपीएससी की अन्य नौकरियां अटकाएं और लटकाएं नहीं और जाते-जाते नौकरियों का ‘दिव्यदान‘ दे जाएं तो युवा उनकी विदाई मुस्करा कर करेंगे।

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मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटाॅप से वंचित रखा

सपा मुखिया ने कहा कि सपा सरकार में भविष्य की पीढ़ियों को सशक्त करने के लिए उन तक लैपटाॅप पहुंचाए थे। जबकि भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में वादा करके भी मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटाॅप से वंचित रखा हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को सत्ता प्रदर्शन का खासा शौक है इसलिए भाजपा ने कोरोना बीमारी पर जीत हासिल करने की जगह चुनाव की पवित्रता नष्ट करने के लिए जंगल के पेड़ों तक पर एलईडी लगवा दी।

जब पूरे देश में महामारी का आतंक है और संक्रमण के शिकार तमाम लोग अपनी जान गंवा चुके हैं तब भी भाजपा हर वक्त चुनाव की चिंता में रहती है। उसकी पूरी राजनीति इन दिनों में भी चुनावी स्वार्थपरक रणनीति बनाने तक सीमित हैं। उन्होंने सवाल किया कि बिहार और बंगाल में भाजपा ने अपनी वर्चुअल रैली में ढाई सौ करोड़ रुपए से ज्यादा रकम क्यों खर्च किए।

रिपोर्टर- मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ

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