Mulayam Singh Yadav को याद कर भावुक हुए अखिलेश, कहा - 'पहली बार लगा, बिन सूरज उगा सवेरा'

Mulayam Singh Yadav : मुलायम सिंह यादव एक भरा पूरा परिवार और इतना बड़ा साम्राज्य अपने पीछे छोड़ कर गए हैं जिसे अखिलेश को संभालना है ।;

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Update:2022-10-12 12:09 IST
Akhilesh Yadav

अखिलेश यादव (photo: social media ) 

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Mulayam Singh Yadav: मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार के बाद आज समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आज सुबह भाउक ट्वीट कर पिता को याद किया है.अखिलेश यादव ने कहा "आज पहली बार लगा बिन सूरज के उगा सवेरा" उनका यह ट्वीट यह बताता है कि सिर पर से पिता का साया उठ जाता है तो उसका दर्द क्या होता है. अखिलेश यादव ने इसके साथ दो फोटो भी शेयर की है पहली फोटो मंगलवार शाम की है जब नेताजी की अंत्येष्टि के बाद वहां जोड़कर घर आये और दूसरी फोटो आज बुधवार सुबह की है जब वह नेताजी की अस्थियों को लेने वहां पहुंचे थे. इन दोनों तस्वीरों को शेयर कर उन्होंने भावुक ट्वीट किया है. वही सैफई में मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार के दूसरे दिन हुआ शुद्धि संस्कार कार्यक्रम. 

शुद्धि संस्कार कार्यक्रम से अखिएश यादव की तस्वीर (फोटो: सोशल मीडिया )

शुद्धि संस्कार कार्यक्रम से अखिएश यादव की तस्वीर (फोटो: सोशल मीडिया )

अखिलेश यादव का भावुक ट्वीट

मुलायम सिंह यादव एक भरा पूरा परिवार और इतना बड़ा साम्राज्य अपने पीछे छोड़ कर गए हैं जिसे अखिलेश को संभालना है, लेकिन अखिलेश यादव को पिता की कमी काफ़ी खल रही है. सोमवार सुबह मेदांता में नेताजी का निधन होने के बाद मंगलवार शाम को पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया था. अखिलेश ने पिता को मुखाग्नि दी थी. नेताजी के अंतिम संस्कार में कई केंद्रीय मंत्री, कई मुख्यमंत्री, कई पूर्व मुख्यमंत्री, उद्योगपति और जया बच्चन अभिषेक बच्चन समेत तमाम जानी-मानी हस्तियां शामिल हुए थे. नेता जी के निधन के बाद अब अखिलेश के सामने कई चुनौतियां हैं उन्हें परिवार को एक रख समाजवादी पार्टी को कैसे आगे बढ़ाना है क्योंकि नेता जी तीन बार मुख्यमंत्री रहते हुए समाजवादी पार्टी को बुलंदियों पर पहुंचाया और अखिलेश को भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया था.

नेताजी के निधन से चंद रोज पहले ही अखिलेश यादव को लखनऊ में तीसरी बार सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. ख़राब सेहत के चलते मुलायम सिंह यादव इसमें शामिल भी नहीं हुए थे. अब उनके सामने यही बड़ी चुनौती है वह नेताजी के किए कार्यों और उनकी यादों के सहारे समाजवादी पार्टी को और भी ऊंचाइयों पर ले जाएं और उनके चाहने वाले समर्थकों, कार्यकर्ताओं नेताओं के साथ परिवार को एकजुट कर साथ लेकर चलें.

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