2022 में सपा की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोटबंदी के तीन साल पूरे होने पर पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला। 

Update: 2019-11-08 08:22 GMT

लखनऊ:समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोटबंदी के तीन साल पूरे होने पर पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि बाजार में कितना कैश है। इसके साथ ही यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि 2022 में सपा की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता।

अखिलेश यादव ने कहा कि यह नहीं है कि नोटबंदी ने सबकुछ बर्बाद किया हो। नोटबंदी से पहले गुमराह करने के लिए फैसले लिए गए हों। उन्होंने खंजाची के जन्म को नोटबंदी की उपलब्धि बताया। अखिलेश ने कहा कि नोटबंदी के दौरान बैंक में एक बच्चे का जन्म हुआ।

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उन्होंने कहा कि जिस वजह से नोटबंदी का फैसला लिया गया सरकार उस पर खरी उतरी हो या नहीं उतरी हो। बेरोजगारी बढ़ी हो, बैंकों को मर्ज करना पड़ा हो, चाहे कालाधन वापस नहीं आया हो और किसान आत्महत्या करने को मजबूर हुआ हो, लेकिन कम से कम एक खजांची का जन्म तो हुआ।

अगर बैंक में जन्म लेने वाले खजांची के भाग्य में कोई बदलाव नहीं आया है तो समझ लेना चाहिए कि नोटबंदी से किसी के जीवन में कोई बदलाव नहीं आया होगा। उन्होंने कहा कि कम से कम सरकार बताए कि बाजार में कैश कितना है।

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हमारा एक्सपोर्ट और इंपोर्ट कितना बढ़ा और कितना घटा है। इन्वेस्टमेंट कितना आया है। कश्मीर में जब कभी इन्वेस्टमेंट आएगा, लेकिन कम से कम यूपी में कुछ इन्वेस्टमेंट आ जाता।

उन्होंने कहा कि जब दूसरे प्रदेशों में इन्वेस्टमेंट नहीं आ रहा है, तो यूपी और कश्मीर में कैसे इन्वेस्टमेंट आएगा। उन्होंने पूछा कि क्या नोटबंदी से बेरोजगारी नहीं बढ़ी है?

अखिलेश ने कहा कि रूपया लगातार गिरता जा रहा है और देश में नौकरिया नहीं हैं। खराब अर्थव्यवस्था की वजह से बैंक डूब रहे हैं। अगर अर्थव्यवस्था ठीक होती तो बैंक नहीं डूबते।

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इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था और भष्टाचार को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंन कहा कि इस सरकार में भष्टाचार चरमसीमा पर है। यूपी की जनता ने इतना भष्टाचार कभी नहीं देखा होगा।

उन्होंने कहा कि पूर्व राज्यपाल ने जाते-जाते कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल आनंदी पटेल ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग से ज्यादा कहीं भष्टाचार नहीं है। अखिलेश ने कहा कि कोई ऐसा विभाग नहीं बचा है जहां भष्टाचार न हो। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है और कभी बहू-बेटियां इतनी असुरक्षित नहीं थीं।

अखिलेश ने कहा कि जबसे हमने लोगों के चेहरे पढ़े हैं, दुख समझा है तब से समाजवादियों को भरोसा हो गया है कि आन वाले समय में सपा की सरकार बनने जा रही है। अब सरकार बनने से कोई नेटंबदी, जीएसटी और धोखा देने वाले मुद्दे नहीं रो सकते।

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पीएफ घोटाले को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार क्यों नहीं बताती है कि कब-कब बैंक में और किसके हस्ताक्षर से पैसा जमा हुआ। उन्होंने कहा कि जो हमसे सवाल पूछे जा रहे हैं वह बताएं कि किस बैंक को खुश करने के लिए आपने पैसा दिया है।

अखिलेश ने कहा कि इसमें बड़ी कुर्सी पर बैठे लोग फसेंगे। सरकार किसे बचा रही है? उन्होंने कहा कि इस मामले पर पर्दा डालने के लिए अधिकारियों को रिटायर किया जा रहा है। जनता जानना चाहती है कि आखिर हुआ क्या है।

इस दौरान अखिलेश ने 'नोटबंदी एक मानव निर्मित त्रासदी' पुस्तक का विमोचन भी किया। इस पुस्तक को दीपक कुमार पाण्डेय ने लिखा है।

इससे पहले अखिलेश यादव ने खजांची का जन्मदिन मनाया। दरअसल केंद्र की मोदी सरकार ने 8 नंवबर 2016 को नोटबंदी लागू कर दिया था। नोटबंदी के बाद कुछ दिन देश में पैसे निकालने के लिए अफरातफरी का माहौल रहा। बैंकों के बाहर लंबी कतारें लगी रहीं।

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इस दौरान उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात की एक महिला ने बैंक की लाइन में एक बच्चे को जन्म दिया। इस बच्चे का नाम प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खजांची रखा। अखिलेश हर साल उसका जन्मदिन भी मनाते हैं।

दर्जनों नेताओं ने थामा सपा दामन

इससे पहले बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे कमलाकांत गौतम ने अपनी पार्टी का विलय समाजवादी पार्टी में किया। उनके साथ दर्जन भर बसपा नेता सपा में शामिल हुए। कमलाकांत गौतम ने कहा कि मैंने बसपा छोड़ बहुजन उत्थान पार्टी बनाई थी। आज मैंने अपनी पार्टी बहुजन उत्थान पार्टी का सपा में विलय कर दिया।

 

 

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