UP Politics: मेडिकल कॉलेजों में नहीं है दवा, न ही इलाज का उचित प्रबन्ध, डॉक्टर दे रहे इस्तीफा, बोले-अखिलेश यादव
UP Politics: अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम योगी की कैबिनेट ने नए मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव पास किए हैं। सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने का दावा कर रही है। लेकिन वास्तव में जो मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं उनमें भी दवा, इलाज का उचित प्रबन्ध नहीं हो पा रहा है।
UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुद्धवार को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार लोक सभा चुनाव 2024 को देखते हुए जनता को बहला रही है। रोजाना योजनाओं की घोषणा की जा रही है। बीजेपी सरकार ने अपने सवा छह साल के शासनकाल के दौरान एक भी जनहित योजना को कार्यान्वित नहीं किया गया।
स्वास्थ्य व्यस्था बदहाल
अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम योगी की कैबिनेट ने नए मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव पास किए हैं। सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने का दावा कर रही है। लेकिन वास्तव में जो मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं उनमें भी दवा, इलाज का उचित प्रबन्ध नहीं हो पा रहा है। 700 से ज्यादा डॉक्टरों का कोई अता पता नहीं है कि कहां है। प्रदेश के प्रतिष्ठित किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) और पीजीआई के विशेषज्ञ डॉक्टर इस्तीफा दे रहे हैं। आलम ये है कि इस समय संविदा पर भी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं।
भाजपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरंह चरमरा गई है। इलाज के अभाव में मरीजों की जाने जा रही है। दवाओं का अभाव है। हर तरफ अफरातफरी का माहौल है। वहीं कोरोनाकाल में मरीजों को मरने के लिए खुला छोड़ दिया गया था। ऑक्सीजन की कमी के चलते कई जाने गईं। लाशों के ढेर लग गए। आज भी तिमरदार मरीज को लादे भटक रहे हैं। इलाज नहीं मिल पा रहा है। लाश को ले जाने के लिए वाहन नहीं मिल पा रहा है। मां बेटे को सीने से लगाए रोते दिख रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार में एमबीबीएस की सीटें बढ़ाई गई थी। एम्स के लिए जमीन दिया था। मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की गई थी। वहीं बीजेपी की सरकार में लोहिया संस्थान के एमबीबीएस के पहले बैच में 150 दाखिले हुए। लेकिन संस्थान को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने मानकों में कमी के चलते संस्थान को मान्यता नहीं दी। छात्रों के हंगामा के बाद 2017 बैच को मान्यता दी गई थी।
सरकार की घोषणाओं और हकीकत में अंतर
अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार को चैलेंज करते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री जी योजनाओं की घोषणा दिखावे के लिए नहीं करते तो उन्हें श्वेतपत्र जारी करना चाहिए। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि सरकार घोषणाओं एवं हकीकत में कितना अंतर है। सपा सरकार में बनी मेडिकल संस्थानों की अपेक्षा की जा रही है। नए मेडिकल कॉलेज कहां बने और उनकी मान्यता की स्थिति क्या है सरकार को बताना चाहिए।
अटल बिहारी बाजपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी आज भी जमीन पर नहीं
बीजेपी सरकार ने अपने ही वरिष्ठ नेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर एक मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाई है वह गोमतीनगर में स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के 10वें फ्लोर पर चल रही है। अभी तक अटल बिहारी बाजपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी को जमीन पर नही बना पाई है। यह सरकार पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में कैसे सुधार लाएगी।