Alaya Apartment Collapse: कमिश्नर से आश्वासन लेकर खाली हाथ लौटे अलाया अपार्टमेंट के पीड़ित

Alaya Apartment Collapse: उन्होंने अपनी व्यथा सुनाई। लेकिन बदले में केवल आश्वासन मिला। रंजना रोते हुए कमिश्नर कार्यालय से निकल गई।

Report :  Sunil Mishraa
Update:2023-01-31 15:47 IST

Lucknow Alaya apartment Collapse Victims

Alaya Apartment Collapse: रंजना अवस्थी के बेटी की शादी इसी महीने थी। शादी के जेवर, कपड़े और बेटी को देने के लिए लाखों रुपए के गृहस्थी के सामान, सबकुछ मलवे में दब गया। मंगलवार को रंजना को जांच समिति के सामने बुलाया गया। उन्होंने अपनी व्यथा सुनाई। लेकिन बदले में केवल आश्वासन मिला। रंजना रोते हुए कमिश्नर कार्यालय से निकल गई।

रंजना की तरह आलाया अपार्टमेंट के उन सभी आवंटियों को कमिश्नर कार्यालय बुलाया गया था। घटना के लिए जिम्मेदारों पर करवाई और पीड़ितों को मदद देने के लिए इनके बयान लिए जाने थे। जांच समिति में कमिश्नर रोशन जैकब, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर पीयूष मोर्डिया और एलडीए के चीफ इंजीनियर थे। तीनों अधिकारियों ने आवंटियों से एक एक करके सवाल किए। लेकिन जब आवंटियों ने पूछा की सरकार हमे क्या मदद दे रही, तो अधिकारी चुप्पी साध गए।

जो बचा था वो चोरी कर ले गए बचाव कार्य में जुटे कर्मचारी

आवंटियों ने बताया की उनके किचन से लेकर बेडरूम तक का लाखों का सामान मलवे में दब गया। घर में जो थोड़े बहुत गहने और कैश था उसे मलवा हटा रहे कर्मचारियों ने चुरा लिया। अब उनके पास न तो रहने को घर रह गया न ही पेट भरने का रुपया। बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड सब चला गया। इसपर कमिश्नर ने आश्वासन दिया की हर तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। चोरी करने वालों को चिन्हित करके करवाई की जाएगी।

मुआवजे की मांग पर अफसरों ने पल्ला झाड़ा

बैठक में पीड़ित परिजनों ने अपने आशियाने और संपत्ति को लेकर उठाई मांग। जिसे लेकर जांच समिति में शामिल अधिकारियो ने झाड़ा पल्ला। पीड़ित परिजनों का कहना इस बैठक में निराशा मिली है। सिर्फ आश्वाशन दिया गया है। न रहने के लिए घर है और न कोई सामान बचा है, आखिर जाए कहा। तो वही मंडलायुक्त रोशन जैकब का कहना कि जो जांच कमेटी बनाई गई है वो इस बात की जांच कर रही कि कैसे हादसा हुआ और इसके लिए जिम्मेदार कौन कौन लोग है। किन विभागो की लापरवाही रही। मलबे में जो सामान मिल रहा उसे पीड़ित परिजनों को दिया जा रहा है। कोई सामान चोरी नही हुआ ये सूचना गलत है। मजिस्ट्रेट और पुलिस की निगरानी में सामान खोजा जा रहा है। अभी भी मौके पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। मलबे से सामान खोजने का काम जारी है। आज पीड़ित परिजनों की बात को सुनने के लिए उन्हें भी इस मीटिंग में बुलाया गया था।

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