'क्या मेरे पति जब मुझे जान से मार देंगे तभी कार्रवाई होगी'? शराबी पति से परेशान महिला की पुलिस से गुहार
Aligarh News: पीड़ित महिला नीतू सिंह ने कहा कि मेरे पति आए दिन मारपीट करते हैं। गंदी-गंदी गालियां देते हुए। बच्चों के सामने मारपीट करते हैं। मेरे जीवन को तहस-नहस कर दिया है।
Aligarh News: अतरौली थाना क्षेत्र के नजदीक गांव उत्तम गढ़ी तहसील अतरौली जिला अलीगढ़ में असम की रहने वाली युवती ने वर्ष 2011 मे शादी की थी। युवती के पास तीन बच्चे भी हैं। लेकिन युवती के पति धीरे-धीरे शराब पीने के आदी हो गए। शादी के कुछ साल बाद ही युवती के साथ मारपीट शुरू कर दी। महिला को कई बार गंभीर चोटे भी आई। लेकिन पति ने शराब पीना बंद नहीं किया।
पीड़ित महिला नीतू सिंह ने कहा कि मेरे पति आए दिन मारपीट करते हैं। गंदी-गंदी गालियां देते हुए। बच्चों के सामने मारपीट करते हैं। मेरे जीवन को तहस-नहस कर दिया है। मेरे तीन बच्चे हैं। अब मैं अपने बच्चों का जीवन व्यापन कैसे करूं। मैं पीड़ित होकर कुछ साल पहले अपने मायके असम चली गई थी। लेकिन बाद में यह मुझे असम लेने पहुंच गए। कहा आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा। मैं अपने बच्चों का भविष्य देखते हुए अपनी ससुराल उत्तमगढ़ी आ गई। लेकिन मेरे पति का पीना बंद नहीं हुआ। जो कुछ घर में था उसको बेचकर उसने शराब पी ली।
प्रताड़ना से परेशान महिला
महिला ने आगे बताया कि मैंने अपने जीवन व्यापन के लिए एक गाय और एक बकरी पाली थी। उसको भी मेरे पति ने बेच दिया। जिसकी शिकायत मैंने 7 अक्टूबर को अतरौली कोतवाली पर दी। पुलिस से गुहार लगाई कि मुझे न्याय दिला दीजिए। मेरे पति ने जीना मुश्किल कर दिया है। मैं अपने बच्चों को लेकर मजदूरी कर अपना पालन पोषण कर सकती हूं लेकिन मेरे पति मुझे मजदूरी भी नहीं करने देते हैं। मुझ पर अन्य लोगों से अवैध संबंध बताते हुए मारपीट करते हैं। नीतू सिंह ने वीडियो के माध्यम से कहा कि मुझे कम से कम खाने तो दें। मुझे इनसे कुछ नहीं चाहिए। अगर यह खाने-पीने के लिए भी नहीं दे सकते हैं तो मेरे साथ मारपीट ना करें।
पुलिस ने पिछे खींचे हाथ
इसकी तहरीर मैं अतरौली कोतवाली में लिखित में दी तो पुलिस ने कहा कि है आपका घरेलू विवाद है। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते लेकिन आपकी शिकायत दर्ज कर लेंगे। महिला ने कहा कि क्या मेरे पति मुझे जान से मार देंगे तभी आप कार्रवाई करेंगे। क्या उससे पहले उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। या मुझे लिखित में दिलवा दीजिए कि मैं अपना जीवन व्यापन अपने बच्चों के साथ कर सकती हूं। लेकिन मेरे पति मेरे साथ मारपीट ना करें। पीड़ित महिला ने रो रो कर कहा मेरे साथ अत्याचार हो रहा है। मेरा गांव भी नजदीक नहीं है। इसकी शिकायत मैं ग्राम प्रधान से भी की लेकिन उन्होंने भी मुझे मना कर दिया कि आपका घरेलू विवाद है। हम कुछ नहीं कर सकते हैं।
इलाज कराने के भी पैसे नहीं
महिला ने कहा कि मेरा गांव असम है। मेरे पास खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं है। किराए के लिए पैसे नहीं है। जिससे मैं अपना जीवन व्यापन कर सकूं। मेरे गंभीर चोट आई तो पुलिस ने मुझे चिकित्सा के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अतरौली भेज दिया गया। ₹20 देकर कहा कि आप अपना इलाज करा लें। मेरे पास आने-जाने के लिए भी पैसे नहीं थे। मैं अपने बच्चों को अतरौली से पैदल अपने घर गई थी। अब मैं न्याय के लिए दर-दर भटक रही हूं। मुझे कोई न्याय नहीं मिल रहा है और ना ही मुझे पति से छुटकारा मिल रहा है। मैं इतनी मजबूर हूं! कि मैं अगर अपनी आत्महत्या करती हूं तो मेरे बच्चे बेघर हो जाएंगे। ना तो मैं जी सकती हूं और ना ही मैं मर सकती हूं।