Aligarh News: एएमयू ने छात्रा के आरोपों पर बनाई कमेटी, कंट्रोलर बोले आरोप बेबुनियाद
Aligarh News: छात्रा की शिकायत के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पूरे मामले की छानबीन की जिसके संबंध में यूनिवर्सिटी के कंट्रोलर ने बताया कि अवंतिका ने 2021 में बीएलएलबी में प्रवेश किया था 2021 की परीक्षा में वह फेल हो गई थी जिसके बाद दोबारा परीक्षा में वह नकल करती पकड़ी गई थी।
Aligarh News: मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) कानून विभाग की बीएलएलबी प्रथम वर्ष की छात्रा अवंतिका गौर का विभाग के ही प्रोफेसर एहतेशाम पर इल्जाम था कि उन्हें जान पूछ कर लगातार 3 साल से फेल किया जा रहा है, जिससे परेशान जाकर दो दिन पहले 4 नवंबर को छात्रा एक छात्र के साथ प्रशासन ब्लॉक पर धरने पर बैठी थी। छात्रा ने यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और यूनिवर्सिटी पर इलजाम लगाया था कि उनको इसलिए फेल किया जा रहा है क्योंकि वह गैर मुस्लिम हैं। मौके पर पहुंची मौके पर मौजूद प्रॉक्टर प्रोफेसर मोहम्मद वसीम अली और डिप्टी प्रॉक्टर हशमत अली ने इल्जाम को बेबुनियाद बताया था।
छात्रा की शिकायत के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पूरे मामले की छानबीन की जिसके संबंध में यूनिवर्सिटी के कंट्रोलर मोजीबुल्लाह जुबेरी ने बताया कि अवंतिका ने 2021 में बीएलएलबी में प्रवेश किया था 2021 की परीक्षा में वह फेल हो गई थी जिसके बाद दोबारा परीक्षा में वह नकल करती पकड़ी गई थी। इसलिए 2021 में वह फेल हो गई थी और 2022 में उनको डिबार्ड कर दिया गया था। जब 2023 में तीसरी बार वह परीक्षा में बैठी तो वह तीन सब्जेक्ट में फेल हो गई थी जिसमें उन्होंने पांच प्रश्नों में से तीन प्रश्न के ही जवाब लिखे थे।
कंट्रोलर ने बताया कि फिर भी तीन प्रोफेसरों की एक कमेटी बना दी गई है जिसके अध्यक्ष इतिहास विभाग के प्रोफेसर मानवेन्द्र कुमार पुंढीर हैं। कमेटी के तीनों प्रोफेसर को इतिहास विभाग का इसलिए बनाया गया है क्योंकि जिस सब्जेक्ट में छात्रा फेल हुई है, वह हिस्ट्री का ही पेपर है। अब यह कमेटी दोबारा मामले की जांच करेगी और जो भी कमेटी की रिपोर्ट होगी उसके मुताबिक काम किया जाएगा। छात्रा की भी यही मांग थी कि उनके परीक्षा की कॉपी किसी और प्रोफेसर से चेक करवाई जाए।
सवाल के जवाब में कंट्रोलर ने बताया कि छात्रा ने कोई भी शिकायती पत्र कंट्रोलर कार्यालय में नहीं दिया जब कि छात्रा का इल्जाम था कि कंट्रोलर मेरा शिकायती पत्र नहीं ले रहे हैं। हमारे यहां किसी भी तरह की कोई भी पत्र देने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन कार्यालय में जमा किए जाते हैं। कंट्रोलर ने बताया कि जल्द ही कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक अगली कार्रवाई की जाएगी, वैसे छात्रा के द्वारा यूनिवर्सिटी प्रशासन पर लगाए गए इलजाम बेबुनियाद हैं।