एक साल के भीतर सभी विकास प्राधिकरण, बनायें जोनल प्लान
कोर्ट की जानकारी में आया कि 1973 में बने यूपी शहरी नियोजन एवं विकास अधिनियम के बनने के बाद लखनऊ के लिए पहला मास्टर प्लान 19 साल बाद बना जबकि जोनल प्लान लखनऊ तो क्या प्रदेश के किसी विकास प्राधिकरण ने आज तक नहीं बनाया है ।
लखनऊ: इलाहाबाद हाई केार्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार को रायबरेली में वन्यजीव प्रोजेक्ट स्थापित करने के बारे में विचार करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार से 6 जनवरी केा इस बारे में रिपेार्ट भी तलब किया है। इस बीच केार्ट ने रायबरेली के डिप्टी वन संरक्षक सामाजिक वनिकी को इस बारे में सरकार केा समुचित संस्तुति करने का आदेश भी दिया है।
वन्यजीव प्रोजेक्ट स्थापित करने पर सरकार करे विचार
यह आदेश चीफ जस्टिस गोविंद माथुर व जस्टिस पंकज भाटिया की बेचं ने विजय प्रकाश सिंह की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया।याचिका में कहा गया है कि रायबरेली के क्षेत्र में मृग बहुतायत से पाये जाते हैं किन्तु उनका अंधाधुध शिकार हो रहा है क्योंकि वहां वन्यजीव प्रोजेक्ट नहीं है और उक्त क्षेत्र को वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र घेाषित नहीं किया गया है।
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याचिका पर सुनवायी करते हुए पिछली सुनवायी पर बेंच ने डिप्टी वन संरक्षक केा तलब कर पूंछा था कि क्या उस क्षेत्र में जानवरेां की कोई गणना की गयी है और यदि की गयी है तो उसका रजिस्टर पेश किया जाये।
केार्ट के आदेश के अनुपालन में डिप्टी वन संरक्षक सामाजिक वनिकी तुलसीदास ने उपस्थित होकर वन्यजीव गणना रजिस्टर 2019 पेश किया । कोर्ट ने पाया कि उक्त क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मृग और कपि पाये जाते हैं लिहाजा उस क्षेत्र मंे वन्य जीवेां के संरक्षण की आवश्यकता है।
हाई कोर्ट ने शहरी निकाय के सचिव को आदेश का अनुपालन कराने की सौंपी जिम्मेदारी
1973 में बने यूपी शहरी नियेाजन एवं विकास अधिनियम के बाद आज तक नहीं बना कहीं जोनल प्लान
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों को आदेश दिया है कि आज तक जिन विकास क्षेत्रों को नेाटिफाई किया गया है उनका मास्टर प्लान यदि नही बना है तेा उसे तत्काल बनाकर अप्रूव करायें। कोर्ट ने विकास प्राधिकरणेां के गठन के लिए 1973 में बने कानून के बाद वर्षों बीत जाने के बावजूद आज तक जोनल प्लान न बनने पर सख्त एतराज जताते हुए सभी प्राधिकरणों को एक साल के भीतर जोनल प्लान तैयार करने का आदेश दिया है।
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कोर्ट ने शहरी नियोजन विभाग के सचिव केा आदेश दिया है कि वह कोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें।
यह आदेश चीफ जस्टिस गोविंद माथुर व जस्टिस पंकज भाटिया की बेचं ने राधा रानी सिंह की ओर से दाखिल एक याचिका पर सुनवायी करते हुए पारित किया। कोर्ट के निर्देश पर रिट याचिका को जनहित याचिका मान लिया गया है।
याचिका पर सुनवायी करते हुए बेंच ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से पूंछा कि क्या मास्टर प्लान के साथ साथ जोनल प्लान बनाया गया है ।
कोर्ट की जानकारी में आया कि 1973 में बने यूपी शहरी नियोजन एवं विकास अधिनियम के बनने के बाद लखनऊ के लिए पहला मास्टर प्लान 19 साल बाद बना जबकि जोनल प्लान लखनऊ तो क्या प्रदेश के किसी विकास प्राधिकरण ने आज तक नहीं बनाया है ।
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इस पर बेचं ने हैरानी जतायी और सरकार से इस दिशा में तत्काल कदम उठाने को कहा है। कोर्ट ने 4 नवंबर को शहरी निकाय विभाग के सचिव से कृत कार्यवाही की रिपेार्ट तलब किया है। दरअसल जोनल प्लान नगरीय क्षेत्रों के सीमावर्ती क्षेत्र में तेजी से चल रहे विकास/निर्माण कार्येा के लिए विकास माडल बनाना होता है।