वाह-वाह से गूंजा इटावा: देशभर के शायरों ने सुनाई गजब की शायरी, पढ़ें पूरा मुशायरा

दिल्ली से आये शायर अबूजर ने कहा, "खुद ही अपने दामन को तार तार करना है, इश्क जुर्म है लेकिन बार बार करना है। शायर मीसम गोपालपुरी ने कहा इतना बेजान हूं एहसास के मारों की तरह, फूल चुभते हैं मेरे जिस्म में खारों की तरह।"

Update:2021-02-23 17:50 IST
वाह-वाह से गूंजा इटावा: देशभर के शायरों ने सुनाई गजब की शायरी, पढ़ें पूरा मुशायरा

इटावा। प्रदर्शनी पंडाल में अखिल भारतीय मुशायरा बीती रात कामयाबी के साथ सम्पन्न हुआ। अखिल भारतीय मुशायरे का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिलाधिकारी/अध्यक्ष प्रदर्शनी समिति श्रुति सिंह ने मंच पर शमा रोशन करके किया। मुशायरा संयोजक पूर्व चेयरमैन फुरकान अहमद व चेयरमैन नगर पालिका इटावा नौशाबा फुरकान ने मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्रुति सिंह सहित मंचाचीन शायरों का स्वागत किया।

जिंदगी पर सुनाई गई मुशायरे

मुशायरे की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शायर डॉ. वसीम बरेलवी ने कहा, आंखों को मुंद लेने से खतरा न जाएगा, वो देखना पड़ेगा जो देखा न जाएगा, अपनी अपनी भीड़ से फुर्सत मिले तो सोचना, जिंदगी की दौड़ में हम कितने पीछे रह गए। वरिष्ठ शायरा अंजुम रहबर ने कहा कि जिंदगी का पयाम लाई हूं रोशनी का कलाम लाई हूं, है गुजारिश कुबूल कर लीजिए मैं अदब का सलाम लाई हूं।

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देश भक्ति पर भी सुनाई गई शायरी

प्रतापगढ़ से आये शायर शहजादा कलीम ने देश भक्ति पर कहा जो मन्दिर और मस्जिद पर सियासतदारी करते है, ये सच है अपनी ही नस्लों से वो गद्दारी करते हैं, हमारे देश की मिट्टी में है खुशबू मोहब्बत की, दिलों के मैल धोने को यहां गंगा का पानी है। मकनपुर से आईं शायरा शबीना अदीब ने कहा मेरे वतन के जैसा कोई वतन नही है, ये चांद से भी प्यारा तारों से भी हसीन है।

इश्क में डुबा पूरा माहौल

दिल्ली से आये शायर अबूजर ने कहा खुद ही अपने दामन को तार तार करना है, इश्क जुर्म है लेकिन बार बार करना है। शायर मीसम गोपालपुरी ने कहा इतना बेजान हूं एहसास के मारों की तरह, फूल चुभते हैं मेरे जिस्म में खारों की तरह। शायरा शाहिस्ता सना ने कहा हर एक मौसम की पहचान मैं रखती हूं खुशबू बनकर मैं गुलदान में रहती हूं, हिन्दू मुस्लिम सब करते हैं प्यार मुझे मैं उर्दू हूं हिंदुस्तान में रहती हूं। दिल्ली से आये शायर इकबाल अशहर ने कहा बेफैज एक चराग बताया गया मुझे, सूरज बुझा तो ढूंढ के लाया गया मुझे, उभरा हर एक बार नया फूल बनके मैं मिट्टी में जितनी बार मिलाया गया मुझे।

हंसी से गुंजी महफिल

शानदार संचालन करते हुए शायर अबरार काशिफ अमरावती महाराष्ट्र ने कहा कि आपने किरदार से ओझल नहीं होने देता, इश्क इंसान को पागल नहीं होने देता। हास्य शायर जीरो बान्दवी ने कहा आशिकी का लगा के फैबीकोल इश्क में जाम कर दिया तुमने, चौथी शादी मैं करने वाला था फिर से नाकाम कर दिया तुमने। इससे पूर्व इमरान अंसारी इटावी ने बेदम शाह वारसी, आमिर इटावी ने निसार सीमावी और समी उद्दीन जुबैरी इटावी ने मुशायरे की शुरुआत कलाम से की।

मुशायरा कामयाबी के साथ

इसके अलावा वरिष्ठ शायर जौहर कानपुरी, नदीम शाद देवबन्दी, शायर हाशिम फ़ीरोजाबादी आदि ने भी बेहतरीन शायरी कर मुशायरे की कामयाबी में चार चांद लगा दिए और श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी। मुशायरा संयोजक पूर्व चेयरमैन फुरकान अहमद व चेयरमैन नगर पालिका इटावा नौशाबा फुरकान ने मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्रुति सिंह, न्यायाधीश व मंचाचीन शायरों का स्वागत किया। फुरकान अहमद के संयोजन में मुशायरा कामयाबी के साथ सम्पन्न हुआ जिसकी जिले भर में सराहना हो रही है।

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कार्यक्रम में मौजूद रहें ये

जिला जज उमेश चन्द्र शर्मा, सीजेएम, न्यायाधीश नूहीन जैदी, एडीएम जय प्रकाश, एसडीएम सदर सिद्धार्थ, तहसीलदार एन राम, शांति स्वरूप पाठक, रमाकांत चौधरी, राजू बाजपेई सहित तमाम अफसरों ने मुशायरे का भरपूर लुत्फ उठाया। मुशायरे में निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल यादव, सपा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव, राजीव यादव, सपा नगर अध्यक्ष बसीम चौधरी समेत अन्य लोगों ने प्रमुख रूप से भाग लिया।

रिपोर्ट- उवैश चौधरी

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