Shri Krishna Janmabhoomi case: मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सर्वे की मंजूरी दी

Shri Krishna Janmabhoomi case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण के लिए कोर्ट की निगरानी में एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग भी स्वीकार कर ली है।

Update: 2023-12-14 09:11 GMT

Shri Krishna Janmabhoomi case (Photo: Social Media)  

Shri Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से सटे शाही ईदगाह परिसर के सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह के एएसआई सर्वे को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण के लिए कोर्ट की निगरानी में एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग भी स्वीकार कर ली है।

मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि से सटे शाही ईदगाह परिसर में सर्वे के लिए अलग-अलग 18 याचिकाएं दायर की गई थीं और हाईकोर्ट में इन सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की गई। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि हाईकोर्ट ने ईदगाह परिसर में एएसआई सर्वे की मंजूरी दे दी है। सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर कौन होगा और सर्वे के लिए कितने दिनों का समय दिया जाएगा? इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में 18 दिसंबर को सुनवाई की जाएगी।

हिंदू पक्ष के वकील ने फैसले को बताया ऐतिहासिक

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर हिंदू पक्ष में हर्ष का माहौल है। श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में कोर्ट में हिंदू पक्ष की पैरवी करने वाली वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हमारे आवेदन को स्वीकार कर लिया है जहां हमने एडवोकेट कमिश्नर द्वारा (शाही ईदगाह मस्जिद के) सर्वेक्षण की मांग की थी। 18 दिसंबर को रूपरेखा तय होगी। कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद की दलीलें खारिज कर दी है। यह अदालत का एक ऐतिहासिक निर्णय है।

दरअसल, भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और अन्य सात लोगों ने वकील हरि शंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, पभाष पांडे और देवकी नंदन के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एएसआई सर्वे की मांग की थी। याचिका में दावा किया गया था कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान मस्जिद के नीचे है और वहां कई संकेत हैं जो स्थापित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर था।

हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट में यह प्रस्तुत किया गया था कि वहां एक कमले के आकार का स्तंभ मौजूद है जो हिंदू मंदिरों की विशेषता है। अदालत को बताया गया कि वहां शेषनाग की एक छवि मौजूद है, जो हिंदू देवी-देवताओं में से एक है। उन्होंने जन्मवाली रात भगवान श्री कृष्ण की रक्षा की थी। कोर्ट को इस बात की भी जानकारी दी गई कि मस्जिद के स्तंभों के निचले भाग पर हिंदू धार्मिक प्रतीक और नक्काशी है।

अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद सुलझने के बाद काशी का ज्ञानवापी मस्जिद विवाद और मथुरा का श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद दो ऐसे प्रमुख मामले हैं, जिस पर सबकी नजर है। रामजन्मभूमि विवाद सुलझाने में एएसआई सर्वे का अहम योगदान था। ऐसे में क्या श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद सर्वे से सुलझ पाएगा, जवाब भविष्य के गर्भ में है।

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