BHU अस्पताल में औद्योगिक गैस से मरीजों की मौत पर HC ने 6 हफ्ते में मांगा जवाब
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर सुन्दर लाल अस्पताल, बीएचयू में औद्योगिक गैस आपूर्ति के कारण इसी साल 6-7 जून को हुए 20 मरीजों की मौतों की सीबीआई जांच की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा उ.प्र. व राज्य सरकार से छह सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई अब 27 अक्टूबर को होगी।
अस्पताल में नैनी, इलाहाबाद की पारेरहाट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज प्रा.लि. दाउद नगर द्वारा औद्योगिक गैस की आपूर्ति की गई। यह आदेश न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता तथा न्यायमूर्ति अमर सिंह चैहान की खंडपीठ ने भुवनेश्वर द्विवेदी की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता केके राय व चार्ली प्रकाश ने बहस की। कोर्ट ने अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति करने का ठेका देने की स्थिति सहित मौत पर महानिदेशक से जांच कर विस्तृत हलफनामा मांगा है।
कंपनी बीजेपी विधायक की है
बता दें, कि पारेरहाट कंपनी बीजेपी विधायक हर्षवर्द्धन बाजपेयी की है। इस मामले में याची का कहना है कि औषधि विभाग ने पारेरहाट कंपनी मेडिकल गैस उत्पादन करने का लाइसेंस ही नहीं मिला है। यह कंपनी न तो मेडिकल नाइटंस आक्साइड और न ही मेडिकल ऑक्सीजन गैस का उत्पादन करती है, तो किन परिस्थितियों में कंपनी को अस्पताल में ऑक्सीजन गैस आपूर्ति का ठेका दे दिया गया।
जांच कर हलफनामा दाखिल करने का आदेश
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने उप कुलपति बीएचयू को पत्र लिखकर सूचित किया है कि निरीक्षण में पाया गया कि बीएचयू सर सुन्दर लाल अस्पताल, लंका वाराणसी नान फार्माेकोपिकल ग्रेड की नाइटंस ऑक्सीजन का उपयोग चिकित्सा औषधि की श्रेणी में नहीं आती। याची अधिवक्ता का कहना है कि 50 से अधिक मौतों के कारण एवं पारेरहाट कंपनी को ऑक्सीजन गैस आपूर्ति ठेके की परिस्थितियों की जांच की जाए। कोर्ट ने महानिदेशक को एक कमेटी गठित कर प्रकरण की जांच कर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।