कुम्भ मेला स्नान घाटों पर फोटो, वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध का पालन न करने पर मेला प्रशासन से जानकारी तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुम्भ मेला प्रयागराज में गंगा-यमुना घाट से सौ मीटर एरिया में नहाते हुए लोगांे का फोटोग्राफ लेने व वीडियोग्राफी पर लगी रोक का पालन करने की मांग में दाखिल याचिका पर मेलाधिकारी से जानकारी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति पी.के.एस.बघेल तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खण्डपीठ ने अधिवक्ता असीम कुमार राय की याचिका पर दिया है।

Update: 2019-01-31 15:20 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुम्भ मेला प्रयागराज में गंगा-यमुना घाट से सौ मीटर एरिया में नहाते हुए लोगांे का फोटोग्राफ लेने व वीडियोग्राफी पर लगी रोक का पालन करने की मांग में दाखिल याचिका पर मेलाधिकारी से जानकारी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति पी.के.एस.बघेल तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खण्डपीठ ने अधिवक्ता असीम कुमार राय की याचिका पर दिया है।

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याची का कहना है कि हेमंत कुमार केस में 2013 कुम्भ के दौरान कोर्ट ने मेला प्रशासन को स्नान घाटों पर फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी पर रोक लगाने का निर्देश दिया था और कहा था कि मीडिया एडवाइजरी का कड़ाई से पालन किया जाए। इस आदेश के बावजूद कुम्भ मेला 2019 में मीडिया व आम लोगों को स्नान घाटों की फोटो व वीडियोग्राफी की खुली छूट दी गयी है। जिससे भारतीय संस्कृति का हनन हो रहा है।

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मेला प्रशासन की गाइडलाइन में साफ तौर पर कहा गया है कि स्नान घाटों से सौ मीटर एरिया में फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की अनुमति न दी जाए। याची का कहना है कि यूनाइटेड प्राविन्सेस मेला एक्ट 1939 एवं नियमों के तहत मेला एरिया के स्नानघाट की फोटो व वीडियोग्राफी प्रतिबंधित की गयी है। कोर्ट ने राज्य सरकार, भारत सरकार व मेला प्रशासन से उठाये गये कदमों की जानकारी मांगी है।

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