पहले लगाया गैंगरेप का आरोप, कोर्ट में बोली- साहब गलत बयानी के लिए माफी दीजिए
इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने वाराणसी के सारनाथ में गैंगरेप का आरोप लगाकर दर्ज करायी गयी प्राथमिकी व मजिस्ट्रेट के समक्ष दिये बयान को कथित पीड़िता महिला द्वारा गलत मानते हुए माफी मांगने पर दाखिल चार्जशीट रद्द कर दी।
यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा ने आरोपी अरविन्द कुमार मिश्र की चार्जशीट को रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर वकील ने कहा कि एक महिला ने याची व अन्य लोगों के खिलाफ गैंगरेप किये जाने का आरोप लगाते हुए सारनाथ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी। उस महिला ने इस मामले में मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 164 का बयान भी दर्ज कराया और कहा कि उसके साथ लोगों ने गैंगरेप किया है। बाद में महिला ने हलफनामा दिया और कोर्ट में बताया कि दबाव में आकर उसने गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया।
कोर्ट ने वकील वी.डी. तिवारी से उस महिला के सही होने का सत्यापन कराया और तब जाकर उसके बयान पर विश्वास किया। महिला ने मजिस्ट्रेट के समक्ष न केवल अपने गैंगरेप के केस को गलत बताया बल्कि रेप के समर्थन में बयान देने के लिए उसने कहा कि उसे डराया व धमकाया गया।
महिला ने हाईकोर्ट में अपनी गलती का अहसास कर सही तथ्य उजागर करते हुए हलफनामा दिया। महिला ने अपनी गलती के लिए माफी भी मांगी। इस पर आरोपी याची ने भी महिला के खिलाफ कोई कार्यवाई न करने की इच्छा जतायी और कहा कि वह इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता।
जस्टिस सिन्हा ने दोनों पक्षों की सहमति के बाद याचिका मंजूर कर ली और घटना को लेकर पुलिस द्वारा दाखिल आरोप पत्र को रद्द कर दिया।