Ambedkarnagar News: बिजली विभाग के नए फरमान से किसान परेशान, विधायक का अल्टीमेटम- विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा

Ambedkarnagar News: जिले में बगैर इस्टीमेट के ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं हो रहा है। आरोप है कि इस्टीमेट के नाम पर सवा लाख से डेढ़ लाख तक वसूली हो रही है। गरीब किसान कनेक्शन लेने में असमर्थ है।

Update:2023-08-06 17:48 IST
बगैर इस्टीमेट के ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं दे रहा विजली विभाग, किसान परेशान: Photo- Newstrack

Ambedkarnagar News: जिले में बगैर इस्टीमेट के ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं हो रहा है। आरोप है कि इस्टीमेट के नाम पर सवा लाख से डेढ़ लाख तक वसूली हो रही है। गरीब किसान कनेक्शन लेने में असमर्थ है। ऐसे में सपा के राष्ट्रीय महासचिव विधायक लालजी वर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि किसानों की फसलें सूख रही हैं और बिजली विभाग अवैध वसूली कर रहा है। इस मामले विधानसभा में भी हम उठाएंगे।

कनेक्शन और जांच में किसानों का उत्पीड़न

अंबेडकरनगर में किसान दोहरी मार झेल रहा है। एक तरफ सूखे का आसार हैं तो दूसरी तरफ बिजली विभाग की मार है। कनेक्शन और जांच के नाम पर बिजली विभाग की अवैध वसूली जारी है। बिजली विभाग को लेकर सपा के राष्ट्रीय महासचिव लालजी वर्मा ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली विभाग किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन के नाम पर लाखों रुपए का इस्टीमेट बना कर उनसे पैसा वसूल रहा है। गरीब किसान इतना पैसा कहां से देगा। जिस भी ट्रांसफार्मर पर एक भी घरेलू कनेक्शन है, उस ट्रांसफार्मर से ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं मिलेगा। विभाग किसानों को कटिया कनेक्शन दे नही रहा है और जो किसान सूख रही फसलों की सिंचाई कर रहे हैं, विभाग उनका चालान कर रहा है। जांच के नाम पर अवैध वसूली हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी यह मामला विधानसभा में भी हम उठाएंगे।

किसानों पर पड़ रही चौतरफा मार

एक तो भगवान नाराज ऊपर से बिजली अधिकारियों की इस तरह की करतूत, आखिर अन्नदाता जाए तो जाए कहां। किसान किसी तरह जतन करके जहां फसलों को बचाने के प्रयास में है तो वहीं विद्युत विभाग द्वारा इनका पूर्ण रूप से शोषण किया जा रहा है। चेकिंग और पेनाल्टी के नाम पर किसानों को परेशान किया जाता है। बात यहीं तक नहीं है। आरोप है कि इसके बाद भी जो किसान विभागीय कर्मचारियों से समझौता करने को तैयार हो जाता है, उससे अवैध वसूली भी हो रही है। खेती को बचाने में जुटे किसान अवनीश कुमार ने कहा कि सरकार और प्रशासन को किसानों के साथ संवेदना जरूर रखनी चाहिए।

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