लॉकडाउन में दिवालिया हुई ये बड़ी कंपनी, भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को लगा झटका
नोएडा समेत देश भर के दर्जनों निर्यातकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। संभावित नुकसान से बचने के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैँडीक्रॉफ्ट (EPCH) ने एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी काॅरपोरेशन (ECGC) से संपर्क कर तत्काल बीमित राशि निर्यातकों को जारी करने का आग्रह किया है।
नोएडा: कोरोना संकट काल में देश के हस्तशिल्प उद्योग से जुड़ी अमेरिका की 40 वर्ष पुरानी कंपनी पियरवन ने 1100 स्टोर बंद कर चैप्टर 11 (सरकार के सामने दिवालिया घोषित) कर दिया है। अमेरिकी कंपनी के इस फैसले से भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को झटका लगा है।
पियर वन कंपनी ने बंद किए 1100 स्टोर
नोएडा समेत देश भर के दर्जनों निर्यातकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। संभावित नुकसान से बचने के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैँडीक्रॉफ्ट (EPCH) ने एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी काॅरपोरेशन (ECGC) से संपर्क कर तत्काल बीमित राशि निर्यातकों को जारी करने का आग्रह किया है। ECGC के दिल्ली हेड सौरभ श्रीवास्तव ने निर्यातकों को भरोसा दिया है कि बीमित राशि का 90 दिन के बजाए अब 30 दिन में भुगतान कर दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि निर्यातक अपनी कागजी प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर लें।
पियरवन कंपनी ने खुद को किया दिवालिया घोषित
EPCH उपाध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा (एमडी, एशियन क्रॉफ्ट, गुरुग्राम) ने बताया कि ईसीजीसी के साथ जब बातचीत शुरू की गई तो पता चला है कि पूर्व में पीयरवन कंपनी ने कभी भी निर्यातकों का भुगतान रोका नहीं था। कभी कभार ऑर्डर रद्द हुआ तो उसका मुआवजा भी दिया है। यही कारण अधिकांश निर्यातकों ने अपने ऑर्डर को बीमित ही नहीं कराया था।
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हस्तशिल्प निर्यातकों के लिए ये कदम बुरा
कोरोना काल में कंपनी ने जिस प्रकार अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको में अपने 1100 स्टोर बंद किए है और अमेरिकी सरकार से खुद ही संपर्क कर चैप्टर 11 की कार्रवाई की है, यह हस्तशिल्प निर्यातकों के लिए शुभ संकेत नहीं है। कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित करने के साथ-साथ पिछले ऑर्डर और भुगतान सबकुछ बंद कर दिया है। अब कंपनी आगे कभी भी काम करेगी, तो वह नई नीति व नये ऑर्डर के साथ करार करेगी। इसमें पिछला कोई भी हिस्सा शामिल नहीं होगा।
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80 निर्यातकों का 125 करोड़ रुपये का ऑर्डर बीमित
इपीसीएच पूर्व उपाध्यक्ष राजेश कुमार जैन (एमडी, एक्समार्ट इंटरनेशनल) ने बताया अब तक करीब 80 निर्यातकों का 125 करोड़ रुपये का ऑर्डर बीमित पाया गया है। पियरवन कंपनी ने छह माह पहले बड़ी संख्या में स्टोरों के लिए ऑर्डर देने के बाद उसे रद्द कर दिया था लेकिन यह आभास नहीं था कि कंपनी 1100 स्टोर पूरी तरह से बंद कर अपने आप को दिवालिया घोषित कर देगी। इस प्रकार की हरकत अमेरिका की कंपनियां करती रहती हैं जिनसे अब सतर्क रहते है, लेकिन 40 वर्ष पुरानी कंपनी इस प्रकार से धोखा देगी कल्पना नहीं की गई थी।
दिपांकर जैन
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