Amethi News: स्मृति के भोज के बाद अमेठी में 2024 की राजनीतिक खिचड़ी शुरू
Amethi News: अमेठी बीजेपी एवं कांग्रेस ही मुख्य प्रतिद्वंदी के रूप में चुनावी रण दिखाई पड़ते है। लिहाजा अन्य पार्टियों के कार्यकर्ताओं और नेताओं की भूमिका चुनाव परिणाम खासा असर डालते है।
Amethi News: देश की राजनीति में शुमार अमेठी केंद्रीय मंत्री एवं स्थानीय सांसद स्मृति ईरानी ने आगामी आम चुनाव की विसात बिछाना शुरू कर दिया है।विगत दिनों आयोजित खिचड़ी भोज में विपक्ष के जनप्रतिनिधियों एवं नेताओं का हिस्सा लेना भी आगामी आम चुनाव की रणनीति का एक हिस्सा है।अमेठी बीजेपी एवं कांग्रेस ही मुख्य प्रतिद्वंदी के रूप में चुनावी रण दिखाई पड़ते है। लिहाजा अन्य पार्टियों के कार्यकर्ताओं और नेताओं की भूमिका चुनाव परिणाम खासा असर डालते है।
आगामी आम चुनाव को लेकर बीजेपी अभी से ही बिसात बिछाना शुरू कर दिया है।विगत तीस जनवरी को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के आवास पर आयोजित खिचड़ी भोज में उसकी झलक भी देखने को मिली। पांच वर्ष की कठिन मेहनत और इलाके में सक्रियता के बाद स्मृति ईरानी ने विगत 2019 के चुनाव में कांग्रेस का दुर्ग भेदने में कामयाब हुई थी।वही स्मृति का चुनाव प्रबंधन करने वाले कुशल रणनीति कार वा उनके अपर सचिव विजय गुप्ता भी जब से स्मृति संग अमेठी आए पूरे जोश के साथ डटे रहे।उसके बाद मानो सुनामी आ जाए।लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राहुल गांधी की हार इस कदर बीजेपी के लिए संजीवनी साबित हुई की कांग्रेस को अन्य चुनावों में भी हार का ही समाना करना पड़ा।हालत इस कदर बदले की कांग्रेस को अपना अस्तित्व बचाना मुश्किल हो गया।अब इस समय कांग्रेस के पास जनप्रतिनिधि के रूप में एक भी नेता नही बचे।
खिचड़ी भोज में राजनीतिक हस्तियों का लगा था जमावड़ा
विगत तीस जनवरी को स्मृति ईरानी के नव निर्मित आवास पर खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया।इस खिचड़ी भोज में पार्टी के अलावा जहां इलाके हजारों लोग भोज में शामिल हुए वही विपक्ष के जन प्रतिनिधि वा नेताओं की आमद हुई।कार्यक्रम में जहां गैर भाजपाई जनसत्ता दल से प्रतापगढ़ एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी शामिल हुए।वही सपा से अमेठी विधायक महराजी प्रजापति भी अपने पूरे परिवार के साथ भोज में शामिल हुई।इस खिचड़ी भोज में ही आगामी आम चुनाव की राजनीतिक खिचड़ी पकने की शुरुआत मानी जा रही है।वास्तव में अमेठी का चुनाव वर्ष 2014 तक कांग्रेस के पक्ष में एकतरफा रहता था।जब 2014 के चुनाव में स्मृति ईरानी की इंट्री हुई तो कांग्रेस का किला दरकना शुरू हो गया।फिलहाल इस चुनाव में बीजेपी को जीत नही मिल पाई।बावजूद इसके स्मृति अमेठी में अपने टीम के साथ डटी रही।वर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस का किला डह गया।स्मृति को चुनाव में जीत हासिल हुई।इस तरह अमेठी चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ही मुख्य मुकाबले रहेगी।अब बीजेपी और कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता जिधर घूमेंगे जीत का पलड़ा उधर ही जायेगा। सपा और जनसत्ता दल का वोट साधने में बीजेपी सफल रही तो इस बार भी कमल खिलने में देर नहीं लगेगी।
अपर सचिव विजय गुप्ता जुटा रहे समस्याओं का अकड़ा
इसके अलावा स्मृति के अपर सचिव विजय गुप्ता कुशल रणनीति कार के रूप में अपनी टीम को इलाके में लगा दिए है।सभी गांवों से जन समस्याओं की लिस्ट तैयार कराई जा रही है।एक एक गांव से जो लिस्ट मंगवाई गई है।यदि उसके सापेक्ष विकास की किरण गावों तक पहुंच जाएगी।वह भी स्मृति के लिए किसी संजीवनी से कम नही होगा।इसके अलावा लगभग एक दशक से अमेठी में रहते हुए विजय गुप्ता अमेठी के लोगों नब्ज भापने माहिर हों गए।लोकसभा चुनाव के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष ,ब्लाक प्रमुख सहित विधान सभा चुनाव में कुशल रणनीति कार रूप में वोटों को जीत में बदलने में कामयाब रहे है।
2019 चुनाव के बाद से गायब है राहुल गांधी
वही अगर कांग्रेस की बात की जाय तो इस समय कांग्रेस के पास एक भी जनप्रतिनिधि नही है।लोक सभा ,विधान सभा,जिला पंचायत अध्यक्ष ब्लाक प्रमुख तक का चुनाव कांग्रेस नही जीत पाई।यहां तक संगठन भी पूरी तरह से बिखर गया है।चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी भी अमेठी से दूर होते गए ।चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी महज दो बार ही अमेठी आए है।रही बात जोड़ो यात्रा की तो उसमे भी अमेठी का प्रतिनिधत्व ना के बराबर रहा है।आगामी आम चुनाव को लेकर कांग्रेस की तरफ से अभी तक कोई खास प्रयास नही देखने को नहीं मिला है। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा की अमेठी में आने वाला आम चुनाव किस करवट बैठता है।