कांग्रेस अपने वर्कर्स को दे रही कैलेंडर-डायरी, BJP बोली- इसके पीछे सियासी मक़सद हैं

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में दोनों प्रमुख दलों द्वारा किया जाने वाला कोई भी काम बग़ैर सियासी हवा के झोंके के धरातल पर नहीं उतर पा रहा।अब भावनात्मक और पुराने रिश्तों को नया आयाम देने के लिए पुरानी तस्वीरों से पटे पोस्टर व डायरी कांग्रेसियों में बांटे जाने का काम होने जा रहा। जिस पर बीजेपी ने हमला बोलते हुए कहा है कि इन रिश्तों के पीछे जो उनके मक़सद हैं सिर्फ यहां पर आकर के वोट लेना।

Update: 2019-02-19 13:33 GMT

अमेठी: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में दोनों प्रमुख दलों द्वारा किया जाने वाला कोई भी काम बग़ैर सियासी हवा के झोंके के धरातल पर नहीं उतर पा रहा।अब भावनात्मक और पुराने रिश्तों को नया आयाम देने के लिए पुरानी तस्वीरों से पटे पोस्टर व डायरी कांग्रेसियों में बांटे जाने का काम होने जा रहा। जिस पर बीजेपी ने हमला बोलते हुए कहा है कि इन रिश्तों के पीछे जो उनके मक़सद हैं सिर्फ यहां पर आकर के वोट लेना।

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आपको बता दें कि कांग्रेस की ओर से बांटे कैलेंडर में दिन, तारीख के साथ-साथ राजीव, इंदिरा व सोनिया गांधी के साथ राहुल-प्रियंका की अमेठी में बिताए गए दिनों की तस्वीरें छापी गई हैं। ठीक इसी तरह डायरी के पन्नों में भी तस्वीरों को जगह दी गई है। जानकारी के अनुसार कैलेंडर और डायरी अमेठी संसदीय क्षेत्र के सभी 877 ग्राम पंचायतों के 1,967 बूथों के कार्यकर्ताओं को दिया जाना है।

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इस पर हमलावर बीजेपी जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस का रिश्ता वास्तव में डायरी और क़लम का ही है। डायरी पर लिख लेते हैं क़लम टूट जाती है क़लम ख़त्म हो जाती है रिश्ता ख़त्म हो जाता है। ये सारे रिश्ते चुनाव जब आता है तभी जाहिर करने आते हैं। अमेठी से जो रिश्ता दिखाते हैं। नेहरू परिवार गांधी परिवार के लोग चुनाव के समय जो रिश्ता दिखाते हैं वह बहुत प्रगाढ़ होता दिखता है। भाई बहन का रिश्ता है इस तरह के तमाम जुमले आते हैं। लेकिन इन रिश्तों के पीछे जो उनके मक़सद हैं सिर्फ यहां पर आकर के वोट लेना। जीतना चुनाव और सदन में जाकर के सांसद बनकर पूरे देश की राजनीति में भागीदारी करना यही उनका मक़सद होता है। इस बार उनको भी ये आभास हो चुका है अमेठी हमारे इस रिश्ते को छोड़ चुका है इसलिए और रिश्ते को बरकरार रखने के लिए ये सारी चीज़े की जा रही हैं।

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वहीं कांग्रेस के बचाव मे उतरे पार्टी जिलाध्यक्ष योगेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि राजीव गांधी के जमाने से ही ये परम्परा रही है के जो हमारे कार्यकर्ता हैं जो हमारे बूथ के साथी हैं उन तक कैलेंडर पहुंच जाए। और डायरी जिसमें पुरानी यादें राजीव गांधी और सोनिया गांधी की जुड़ी है। इसके माध्यम से एक भावनात्मक जुड़ाव रहता है। वो सौ साड़ियां बांटती है उसको किस मद्देनजर से देखा जाए। हम तो सन 1984 से लगातार कैलेंडर दे रहे

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