Sonbhadra News: रेलवे ट्रैक पर मिले शव मामले में नया मोड़, दुकानदार सहित चार के खिलाफ हत्या का केस, दो टुकड़ों में बंटा मिला था शरीर
Sonbhadra News: क्षेत्राधिकारी पिपरी अमित कुमार के हस्तक्षेप और मृतक के भाई की तहरीर पर, हत्यारोपी बताए जा रहे दुकानदार सहित चार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।;
Sonbhadra News (Photo Social Media)
Sonbhadra News: शक्तिनगर थाना क्षेत्र के खड़िया में रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध हाल में पाए गए युवक के शव मामले में नया मोड़ आ गया है। क्षेत्राधिकारी पिपरी अमित कुमार के हस्तक्षेप और मृतक के भाई की तहरीर पर, हत्यारोपी बताए जा रहे दुकानदार सहित चार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। मामला दर्ज कर पुलिस प्रकरण की छानबीन में जुटी हुई है।
बताते चलें कि एनटीपीसी की शक्तिनगर स्थित परियोजना में हाउसकीपिंग का काम करने वाले वीरेंद्र भारती पुत्र नानक भारती निवासी चिल्काडांड़, थाना शक्तिनगर का शव बुधवार को, थाना क्षेत्र के खड़िया स्थित शैलो के पास रेलवे ट्रैक पर दो टुकड़े में पड़ा पाया गया था। इससे जहां इलाके में सनसनी फैल गई थी। वहीं, परिवार वालों की तरह से हत्या के आरोप लगाए जा रहे थे। बुधवार के साथ ही बृहस्पतिवार को भी थाने पहुंचे ग्रामीणों ने घटना को लेकर एतराज जताया और पुलिस से हत्या का मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की।
-- सिगरेट खरीदने को लेकर विवाद, मारपीट, चंद घंटे बाद मिला शव:
ग्रामीणों की नाराजगी की जानकारी पाकर शक्तिनगर पहुंचे क्षेत्राधिकारी पिपरी अमित कुमार ने उन्हें समझाया और पुलिस को मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया। मृतक के भाई अर्जुन भारती की तहरीर पर पुलिस ने, बस स्टैंड शक्तिनगर के पास स्थित शराब की दुकान के बगल में चखने (शराब के साथ लिए जाने वाले नमकीन पदार्थ) की दुकान करने वाले दीपक कुमार गुप्ता पुत्र ददन प्रसाद गुप्ता निवासी बस स्टैंड मार्केट शक्तिनगर और उसके तीन साथियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। परिवार वालों का आरोप है कि ददन ने ही उसे पहले बुलाया और वहां पहुंचने पर सिगरेट खरीदने को लेकर दोनों में विवाद हो गया। इसके बाद उसके साथ मारपीट की गई। कुछ घंटे बाद उसका शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा पाया गया।
-- इन-इन धाराओं के तहत मामले में दर्ज किया गया केस :
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक मामले में थाना शक्तिनगर पर धारा 103(1), 238, 352 बीएनएस , 3(1)(द), 3(2)(V) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम 1989 (संशोधन 2015) के तहत केस दर्ज किया गया है। प्रकरण में आगे की कार्रवाई जारी है।