Amethi News : अमेठी में आकाशीय बिजली बनी जानलेवा, दो महिलाओं सहित तीन की मौत

Amethi News : प्रदेश के अमेठी के अलग-अलग स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने से दो महिलाओं सहित एक युवक की मौत हो गई। तीन लोगों की मौत से जिले में हड़कंप मच गया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

Update:2024-07-10 21:52 IST

Amethi News : प्रदेश के अमेठी के अलग-अलग स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने से दो महिलाओं सहित एक युवक की मौत हो गई। तीन लोगों की मौत से जिले में हड़कंप मच गया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, राजस्व टीम ने मौके पहुंच कर मामले का जायजा लिया। अहोतुक सहायता के लिए राजस्व टीम ने जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेज दिया है।

जिले में भारी बरसात के बीच जहां किसानों के चेहरे खिल गए। वहीं, बारिश के बीच आकाशीय बिजली गिरने से दो महिला सहित एक युवक की मौत हो गई। आकाशीय बिजली की चपेट में आने से जहां एक बकरी की मौत हो गई। एक घर के पास आकाशीय बिजली गिरने से बाउंड्री वाल ढह गई।

जानकारी के अनुसार, जायस थाना क्षेत्र के पूरे लोधन में 50 वर्षीय माया देवी की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई है। वहीं, दूसरी घटना में पीपरपुर थाना क्षेत्र के केशवपुर के गाजीपुर गांव निवासी 20 वर्षीय युवराज पाल पुत्र पृथ्वी पाल बकरी चराने गया था। अचानक आकाशीय बिजली गिरने से युवक बिजली की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस दौरान एक बकरी की भी मौत हो गई। वहीं, एक और घटना में मुंशीगंज थाना क्षेत्र के कुड़वा गांव निवासी गुड्डा देवी पत्नी संकठा प्रसाद खेत में काम करने गई थी, जो आकाशीय बिजली की चपेट में आ गई उसकी भी मौत हो गई।

असामयिक मौतों से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल

मौत की घटनाओं से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। असामयिक मौत की घटनाओं से जिले में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही संबंधित थानों की पुलिस भी सक्रिय हो गई। शवों का पंचनामा करवा कर पीएम हेतु भेज दिया है। संबंधित गांव के राजस्व लेखपाल भी घटना की जानकारी होते ही गांव पहुंच कर जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेज दिया है। पूरे मामले में अपर जिला अधिकारी अर्पित गुप्ता ने बताया कि जिले के अलग-अलग स्थानों पर तीन लोगों की आकाशीय बिजली गिरने से मौत की सूचना मिली है। सभी प्रकार की सहायता के लिए कार्यवाही की जा रही है।

क्या है आकाशीय बिजली

आकाशीय बिजली बनने की शुरुआत नमी और गर्म हवा के उठने से होती है। सामान्य तौर पर भीषण गर्मी के बीच जब अचानक बारिश होती है तो आसमान में बिजली कड़कती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, लगातार धूप से धरती गर्म हो जाती है। धरती से नमी वाली गर्म हवा ऊपर की ओर तेजी से उठती है। गर्म हवा ठंडी हवा से ज्यादा घनी होती है। इसलिए उसका असर ज्यादा होता है। गर्म हवा के ऊपर उठने से पानी की बूंदों में ऊर्जा प्रवाहित होती है। इस प्रक्रिया से बादलों से गर्मी का रिसाव होता है। लगभग आधे घंटे तक यह प्रक्रिया जारी रहने पर बादलों में एक भयंकर गड़गड़ाहट होती है।

इसका असर लगभग दस किलोमीटर तक के दायरे पर होता है। चूंकि हवा का बढ़ता द्रव्यमान ऊपर की ओर नहीं जाता, बल्कि चारों ओर फैलता है। यह आमतौर पर तूफानी बादलों का अपना नेचर होता है। वास्तव में ठंडी हवा और गर्म हवा जब मिलती है तो गर्म हवा ऊपर उठती है और बादलों में कड़कड़ाहट पैदा होती है। ठंडी हवा में बर्फ के क्रिस्टल होते हैं और गर्म हवा में पानी की बूंदें होती हैं। तेज हवाओं या तूफान के दौरान ये बूंदें और क्रिस्टल आपस में टकराते हैं और हवा में अलग हो जाते हैं। यह घर्षण बादलों के बीच बिजली बनाता है।

दिखता है खतरनाक असर

यह ऊर्जा आधारित बिजली का झटका जब बाहर निकलता है, उसे लीडर स्ट्रोक कहा जाता है। यह जमीन पर भी गिर सकता है। एक लीडर स्ट्रोक एक बादल से दूसरे बादल पर जा सकता है। आकाशीय बिजली अक्सर टेढ़ी-मेढ़ी रेखा बनाती है, लेकिन इसका कोई निश्चित फॉर्म्यूला नहीं होता। यह बिजली की चमक पैदा करता है। इससे हवा भी गर्म होती है, हवा तेजी से फैलती है। यह निर्भर इस बात पर करता है कि बादलों में हवा का दवाब कैसा है और गर्म हवा और ठंडी हवा की टक्कर कितनी तेज होती है। इनकी टक्कर जितनी तेज होगी, जमीन पर इसका असर उतना खतरनाक होगा। 

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