पूर्व सैनिक भड़केः सीएम को वापस करने जा रहे थे मेडल, पुलिस ने दिया रोक

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह ने कहा कि वे बीते दो सालों से अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हमें मिला हुआ सम्मान व पदक अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वापस कर देंगे।

Update: 2020-10-15 09:20 GMT
मुख्यमंत्री को वापस करने जा रहे थे सैनिक सम्मान व मेडल, पुलिस ने रोका Photo By Ashutosh Tripathi (newstrack.com)

लखनऊ: यूपी में उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षा के सभी चरण पास करने के बाद भी नियुक्ति पत्र न दिए जाने से नाराज 52 भूतपूर्व सैनिकों ने भूतपूर्व सैनिकों पर हो रहे अत्याचार व उत्पीड़ने के विरोध में वेटनर्स एसोसिएशन के बैनर तले जवाहर भवन से मुख्यमंत्री आवास तक सैनिक सम्मान यात्रा निकाली। ये सैनिक मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हे मिले सैनिक सम्मान व पदक सौंपने जा रहे थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हे हजरतगंज में ही रोक दिया। भूतपूर्व सैनिक परीक्षा में पास हुए सभी भूतपूर्व सैनिकों को नियुक्ति देने तथा राज्य के ग्राम्य विकास आयुक्त को निलंबित कर जेल भेजने की मांग कर रहे थे।

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वे बीते दो सालों से अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह ने कहा कि वे बीते दो सालों से अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हमें मिला हुआ सम्मान व पदक अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वापस कर देंगे। भूतपूर्व सैनिक प्रमोद श्रीवास्तव ने कहा कि, ग्राम विकास अधिकारी पद के लिए उप्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लिखित परीक्षा से लेकर शारीरिक परीक्षा तक पास करने के बावजूद नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा है। कार्मिक और ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी नियुक्ति के लिए एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। इतना ही नहीं मंत्री भी लगातार टालमटोल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंघल से भी मिल चुके हैं।

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भूतपूर्व सैनिक प्रमोद श्रीवास्तव ने कहा कि

उन्होंने बताया कि मार्च 2016 में उप्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ग्राम विकास अधिकारी के 03 हजार 133 पदों के लिए लिखित परीक्षा करवाई थी। इस परीक्षा में 70 भूतपूर्व सैनिकों ने लिखित परीक्षा पास की और फिजिकल और इंटरव्यू भी हुआ। 18 जुलाई 2018 को परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद 02 हजार 942 लोगों को नियुक्ति दे दी गई। लेकिन 70 भूतपूर्व सैनिकों को नियुक्ति नहीं दी गई और भूतपूर्व सैनिक होने का वैरिफिकेशन न होने का तर्क दिया गया। इस पर रक्षा मंत्रालय ने 07 सितंबर 2018 को सभी भूतपूर्व सैनिकों के दस्तावेज भी आयोग को भेज दिए।

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इसके बावजूद शासन और ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी नियुक्ति देने में टालमटोल करते रहे। भूतपूर्व सैनिकों ने प्रमुख सचिव से लेकर कई अन्य अफसरों से संपर्क किया। जवाब मिला कि नियुक्ति की पत्रावली ग्राम्य विकास विभाग को भेज दी गई है। हालांकि विभाग में संपर्क करने पर आयोग से कोई निर्देश न मिलने और फाइल शासन में कार्मिक विभाग को भेजने की बात कही गई।

मनीष श्रीवास्तव

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