लखनऊ: यूपी विधानसभा सत्र में अग्रिम जमानत विधेयक पेश होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर सहमति जताई गई है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के अनुपूरक बजट को भी हरी झंडी दी गई है। सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो के (समूह क और समूह ख के आर्थिक और प्राविधिक पद) सेवा नियमावली-1993 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है।
इसके पहले कैबिनेट की बैठक में दो मिनट का मौन रखकर पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई। उनके निधन पर शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसके बाद अनुपूरक बजट, निवेशकों से जुड़ी परियोजनाओं के प्रोत्साहन सहित नौ प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। अनुपूरक बजट के जरिए पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी से जुड़ी परियोजनाओं को मूर्त रूप दिया जाएगा। इनमें केजीएमयू में विकास के काम और आगरा के बटेश्वर में स्मारक स्थापना का भी प्रस्ताव पारित किया गया।
अटलजी की याद में कानपुर के डीएवी डिग्री कालेज को सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में डेवलप किया जाएगा। कैबिनेट ने तीन हजार करोड़ रूपये के निवेश के प्रस्तावों पर भी विचार किया। ऐसे प्रस्तावों को जरूरी रियायतों देने की मंजूरी दी गई है। प्रसंस्कृत तिल निर्यात प्रोत्साहन योजना को हरी झंडी दी गई है। 2018 से 2023 तक के लिए यह योजना प्रस्तावित है।
क्या कहना है प्रमुख सचिव गृह का
प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार ने बताया कि कैबिनेट ने अग्रिम जमानत के विधेयक को आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। विधानमंडल दल से पारित होने के बाद यह केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। केंद्र सरकार के अनुमोदन के बाद इसके प्रावधान लागू होंगे। 2010 में एक बिल विधानमंडल से पास कराकर केंद्र सरकार भेजा गया था। उस समय इसे अनुमोदन नहीं मिल पाया था। एंटीसिपेटरी बेल के प्रावधान नहीं होने की वजह से सारे केस हाईकोर्ट के पास जा रहे हैं। कोर्ट के पास सारे केस जा रहे हैं। केस का बोझ बढ रहा है। सुप्रीम कोर्ट में भी रिट दाखिल हुई थी। उसी के क्रम में यह पास हुआ है।