आ गई कोरोनामाई: मजाक में न लें इसे आप, नहीं तो बहुत बुरा करेंगी
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर अब अंधविश्वास का खेल शुरू हो गया है। कोरोना से मुक्ति के लिए जिले के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं ने कोरोनामाई की पूजा शुरू कर दी है।
बलिया । वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर अब अंधविश्वास का खेल शुरू हो गया है। कोरोना से मुक्ति के लिए जिले के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं ने कोरोनामाई की पूजा शुरू कर दी है। इसको लेकर जिला प्रशासन ने आस्था के साथ ही कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता बरतने को कहा है । जिले में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है , जिसमें एक महिला गाय की औरत के रूप में प्रकट होकर खुद को कोरोनामाई बता रही है तथा कह रही है कि पूजा के रूप में लड्डू, फूल आदि चढ़ाने से कोरोना महामारी दो सप्ताह में भाग जाएगी।
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कोरोनामाई की पूजा
इस वीडियो से प्रभावित होकर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा पूजन अर्चन शुरू कर दिया गया है । जिले के द्वाबा क्षेत्र में पूजा का दृश्य सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है ।
दुनिया के वैज्ञानिक कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन या दवा की खोज में लगे हुए हैं दूसरी तरफ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं लगातार दो सप्ताह तक सोमवार व शुक्रवार को कोरोनामाई की पूजा कर उन्हें भगाने का दावा करती नजर आ रही हैं।
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अंधविश्वास की चपेट में ज्यादा आ रही
इस अंध विश्वास का प्रभाव जिले के पिछड़े हुए ग्रामों में ज्यादातर दिखाई दे रहा है । अशिक्षित महिलाएं इस अंधविश्वास की चपेट में ज्यादा आ रही हैं । गंगा दशहरा के दिन जिले के अनेक गांवों में इस पूजा की धूम रही ।
महिलाओं ने गंगा स्नान के बाद विधिवत रूप से कोरोनामाई की पूजा अर्चना की। पूजा करने वाली महिलाएं पूजा को अंधविश्वास मानने को हरगिज तैयार नही हैं । वह कहती हैं कि इसे मजाक में लेने वालों के साथ कोरोनामाई बहुत बुरा व्यवहार करेंगी।
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महिलाएं कोरोना माई की पूजा कर रही
जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने बताया कि जिला प्रशासन के संज्ञान में यह जानकारी मिली है कि सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो से प्रेरणा लेकर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं कोरोना माई की पूजा कर रही है ।
उन्होंने कहा कि पूजन करना आस्था का विषय है , लेकिन कोरोना एक वायरस है। वैज्ञानिक उपाय के साथ ही सुरक्षात्मक उपाय किया जाना आवश्यक है । उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता बरतने को कहा है ।
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ बी पी सिंह कहते हैं कि आम लोगों को इस अंधविश्वास की चपेट में नही आना चाहिए । कोरोनामाई को लेकर जो वीडियो वायरल हुआ है , वह पूरी तरह से मिथ्या है।
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खासकर महिलाओं से अनुरोध किया
अंधविश्वास में किसी भी महिला व पुरुष को नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि कोरोना एक वायरस है। अभी तक इसकी कोई दवा नहीं बनी है।
उन्होंने आम लोगों खासकर महिलाओं से अनुरोध किया है कि वह शासन प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन पर ध्यान दें, अंधविश्वास पर नहीं। उन्होंने सम्भावना जताई कि इस अंधविश्वास की चपेट में आकर महिलाएं ठगी की शिकार बन सकती हैं ।
यह स्थिति तब है जबकि जिले में कुल 52 लोग कोरोना महामारी से संक्रमित हो चुके हैं । जिस क्षेत्र में महिलाएं इस अंधविश्वास की सबसे ज्यादा चपेट में हैं , उस इलाके में कोरोना से संक्रमित सबसे अधिक रोगी हैं । दरअसल यह वीडियो बिहार से वायरल हुआ है तथा बैरिया क्षेत्र बिहार से सटा हुआ है ।
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रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर