Artificial Intelligence: अब AI टूल अपराधियों पर कसेगा शिकंजा, UP की तकनीक से तेलंगाना में शुरुआत
Artificial Intelligence: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित उपकरण पुलिस को प्रशिक्षण देंगे। सी3आई हब का तेलंगाना पुलिस के साथ समझौता हुआ।
AI on Criminals: तेलंगाना में साइबर अपराध करने वाले अपराधी को पकड़ने से लेकर उसे सजा दिलाने तक में आईआईटी पुलिस की मदद करेगा। आईआईटी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) आधारित विशेष सिस्टम (टूल्स) विकसित किया है, जो अपराधियों को पकड़ने से लेकर उन्हें दोषी ठहराने तक में पुलिस का मार्गदर्शन करेगा। इसको लेकर आईआईटी की अत्याधुनिक साइबर सुरक्षा लैब सी3आई हब के साथ तेलंगाना पुलिस ने समझौता किया।
देश को साइबर अटैक से सुरक्षित करने के लिए आईआईटी के वैज्ञानिक लगातार नई तकनीक पर आधारित सिस्टम या टूल्स विकसित कर रहे हैं। सी3आई हब के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रो. मणींद्र अग्रवाल की देखरेख में तेलंगाना पुलिस के लिए विशेष एआई आधारित सिस्टम (टूल्स) विकसित किए गए हैं। इस सिस्टम के पास साइबर अपराधों के सभी पैटर्न का डेटाबेस है, जिसके आधार पर वह ऑटोमेटिक अपराध को अलग-अलग वर्ग में बांट देगा। साथ ही, अगर इस तरह का अपराध पूर्व में हुआ है तो उसकी पूरी जानकारी और अपराध करने वाले अपराधी की पूरी डिटेल बता देगा। इससे पुलिस को पूछताछ या छानबीन में आसानी होगी। साथ ही, पुलिस को आवश्यक सुझाव भी देगा।
रोका जा सकेगा साइबर अपराध
यह सिस्टम वर्तमान अपराध और पुराने रिकार्ड के आधार पर पूरा एनालिसिस कर रिपोर्ट देगा। आईआईटी के वैज्ञानिकों के तैयार इस सिस्टम का प्रयोग जल्द तेलंगाना पुलिस शुरू कर देगी। प्रो. अग्रवाल ने बताया कि इस टूल्स की मदद से साइबर अपराध को काफी हद तक रोका जा सकेगा। उन्होंने बताया कि जल्द अन्य प्रदेशों के साथ भी इस तकनीक को लेकर साझा किया जाएगा।
ऐसे होते हैं साइबर क्राइम
- सोशल मीडिया हैक कर आपत्तिजनक मैसेज भेजना।
- बैंक खाता हैक कर रकम निकाल लेना।
- ईमेल आईडी हैक कर रुपये मांगना या आपत्तिजनक संदेश भेजना।
- व्हाट्सएप या फेसबुक हैककर रुपये मांगना।
- डेटाबेस चोरी करने के लिए एकाउंट हैक करना।
- आधार कार्ड हैककर रुपये निकालना।