कलाकारों ने स्लोगन 'उर्जा है तो तरक्की है' के जरिये दिया ऊर्जा संरक्षण का संदेश
कलाकारों अचल मेहरोत्रा, शालिनी, ऋचा, मीनाक्षी श्रीवास्तव, पूनम गुप्ता ने स्लोगन 'उर्जा है तो तरक्की है' और 'परमाणु ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा' के जरिये कहा कि देश की आजादी से लेकर आजतक कोयला, पानी समेत अन्य स्रोत्रों से ऊर्जा (बिजली) का उत्पादन किया जा रहा है। उक्त ऊर्जा स्रोत्रों के दोहन के चलते आने वाले समय में बिजली समस्या एक विकट रूप ले लेगी।
लखनऊ: ललित कला अकादमी में आयोजित कला प्रदर्शनी के दौरान कलाकारों ने कहा कि जिस प्रकार से भोजन, हवा, पानी हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं ठीक वैसे ही आज बिजली (ऊर्जा) भी हमारे जीवन की एक जरूरत बनी चुकी है। बगैर इसके अब जीवन की कल्पना कर पाना असंभव है। देश हित में हम सबकी यह ड्यूटी है कि हमें बिजली बचानी चाहिए न की बर्बाद करनी चाहिए। जिससे की हमारा कल बेहतर हो सके। या यूं कहे की ‘‘नो लाइट नो लाइफ’’।
कलाकारों अचल मेहरोत्रा, शालिनी, ऋचा, मीनाक्षी श्रीवास्तव, पूनम गुप्ता ने स्लोगन 'उर्जा है तो तरक्की है' और 'परमाणु ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा' के जरिये कहा कि देश की आजादी से लेकर आजतक कोयला, पानी समेत अन्य स्रोत्रों से ऊर्जा (बिजली) का उत्पादन किया जा रहा है। उक्त ऊर्जा स्रोत्रों के दोहन के चलते आने वाले समय में बिजली समस्या एक विकट रूप ले लेगी।
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देश में पवन चक्की व सोलर एनर्जी का भी बेहतर इस्तेमाल हो रहा है। बावजूद इसके बिजली समस्या का हल नहीं निकल सका है। यदि परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल बेहतर ढ़ंग से किया जायें तो निश्चित तौर पर देश वासियों को बिजली संकट की समस्या से निजात मिल सकता हैं। जिसका समाना हमें हमेशा गर्मी के मौसम में करना पड़ता है।