Atiq Ahmad Murder: 19 साल पहले अतीक ने कही थी ये बात, जो इस समय है सबसे चर्चा में

Atiq Ahmad Murder: ‘एनकाउंटर होगा, या पुलिस मारी, या कोई अपनी बिरादरी का सिरफिरा। सड़क के किनारे पड़े मिलब।’ 2004 में फूलपुर से अतीक ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था। चुनाव के दौरान ही माफिया ने पत्रकारों से यह बात कही थी।

Update:2023-04-18 00:59 IST
(Pic: Social Media)

Atiq Ahmad Murder: ‘एनकाउंटर होगा, या पुलिस मारी, या कोई अपनी बिरादरी का सिरफिरा। सड़क के किनारे पड़े मिलब।’ यह बयान उस माफिया का है जो अब इस दुनिया में नहीं है। 2004 में यूपी की फूलपुर से माफिया अतीक अहमद ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था। चुनाव लड़ने के दौरान ही अतीक ने पत्रकारों से यह बात कही थी। अतीक के इस बात के ठीक 19 साल बाद पुलिस कस्टडी में उसकी हत्या हुई, तो यह बयान दोबारा चर्चा में आ गया।

शनिवार को प्रयागराज में तीन युवकों ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर हत्या कर दी। हत्या के बाद तीनों ने सरेंडर कर दिया। इनके नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य है। हालांकि अब तक यह पता नहीं चला सका है कि माफिया की हत्या करने के पीछे इनका मकसद क्या है। पुलिस इन तीनों से पूछताछ कर रही है। पुलिस इनको कोर्ट से रिमांड पर भी लेने की कोशिश करेगी।

यहां हम मफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या के कुछ संभावित कारणों के बारे में बताएंगे की आखिर कौन-कौन से कारण हो सकते हैं जिसके लिए माफिया की हत्या की गई।

1- पुरानी दुश्मनी के चलते किसी ने हत्या करवा दी हो

  • अतीक अहमद पर 1979 में 17 साल की उम्र में हत्या का पहला मामला दर्ज हुआ था।
  • 1989 में अतीक ने प्रयागराज शहर की पश्चिमी विधानसभा सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और माफिया चांद बाबा को हराकर विधायक बन गया।
  • कुछ महीनों बाद ही अतीक चांद बाबा की दिनदहाड़े बीच चैराहे पर हत्या करा देता है। इसके बाद तो अतीक अपराध की दुनिया का बड़ा नाम बन जाता है।
  • अतीक के खिलाफ जबरन वसूली, जमीन हड़पने, अपहरण और हत्या सहित 102 से अधिक मामले दर्ज थे।
  • अतीक की पूरे यूपी में दबंगई रही है देखा जाए तो ऐसे में उसके दुश्मनों की कोई कमी नहीं थी।
  • उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अतीक पर पुलिस का शिकंजा कसने लगा था। पुलिस तेजी से कार्रवाई कर रही थी। इस कार्रवाई से माफिया का कुनबा बिखर गया था, उसके शूटर्स इधर-उधर भागे हुए थे।

क्या हो सकती है संभावना

यह सही समय था, किसी पुराने दुश्मन के लिए बदला लेने का और हो सकता है उसने मौके का फायदा उठाया हो और माफिया अतीक और अशरफ की हत्या करवा दी हो।

2. पूछताछ में किसी के पर्दाफाश होने का खतरा रहा हो-

  • ईडी ने बुधवार को प्रयागराज में अतीक और उसके करीबियों के 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
  • इस दौरान ईडी ने 84.68 लाख कैश, 60 लाख के गोल्ड डायमंड, ज्वेलरी, 2.85 करोड़ के कागजात जब्त किए थे।
  • अतीक के लखनऊ में बने 47 लाख के 5900 वर्ग फीट के मकान को भी जब्त कर लिया गया। 100 बेनामी संपत्तियां भी जब्त की गईं, वहीं प्रयागराज के सदर में बना मकान भी जब्त कर लिया गया।
  • अतीक और अशरफ दोनों काफी दिनों से जेल में बंद थे। माफिया के चार बेटे भी जेल में हैं। इसके बाद भी इनका आपराधिक कारोबार का तंत्र चल रहा था।
  • बताया जा रहा है कि शुक्रवार को धूमनगंज थाने में पूछताछ में अतीक अहमद ने कई बिल्डरों और बड़े लोगों से अपने संबंधों का खुलासा किया था। यही नहीं माफिया ने प्रयागराज और यूपी में अपनी काली कमाई के बल पर खड़े किए गए आर्थिक साम्राज्य में कई लोगों के नाम भी बताए थे जो उसके साथ साझेदार के तौर पर कार्य कर रहे थे।
  • इन लोगों ने माफिया अतीक के काले धन को अपनी कंपनियों में लगाया है। ऐसी दो सौ से अधिक सेल कंपनियों के बारे में पता भी चला था।

क्या हो सकती है संभावना

ऐसा भी हो सकता है किसी साथी को राज खुलने का खतरा रहा हो। इसी के डर के चलते उसने शूटर्स को सुपारी देकर माफिया अतिक की हत्या करवा दी हो।

3. हो सकता है फरार किसी साथी ने ही मामले को डायवर्ट करने के लिए करा दी हो हत्या-

  • 2005 में प्रयागराज में हुए तत्कालिन बसपा विधायक राजू पाल के हत्या के मामले में गवाह उमेश पाल की हत्या 24 फरवरी को प्रयागराज में 7 शूटर्स ने कर दी थी। यूपी पुलिस ने इनमें से 4 का एनकाउंटर कर दिया है। वहीं तीन शूटर्स अब भी फरार हैं। इनके नाम साबिर, गुड्डू मुस्लिम और अरमान हैं।
  • माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ को शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई। ऐसे में यह भी संभव हो सकता है कि फरार साबिर, गुड्डू मुस्लिम या अरमान में से किसी ने शूटर्स के जरिए अतीक की हत्या करवा दी हो, ताकि पुलिस दबाव में आ जाए और उसका ध्यान उनसे भटक जाए।
  • वहीं माहौल भी ऐसा बन गया है। राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा- ‘राज्य में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है, अपराधियों के हौसले बुलंद है।‘
  • माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की सुरक्षा में चूक के बाद अब पुलिस पर भी काफी दबाव है।
  • ऐसे में हो सकता है कि पुलिस अब इन फरार शूटर्स का एनकाउंटर करने से बचे। यानी तीनों फरार शूटर्स को इससे सीधे फायदा होगा।

यह हो सकती है संभावना

हो सकता है पुलिस पर प्रेशर बनाने के लिए किसी साथी ने ही शूटर्स के जरिए अतीक की हत्या करवा दी हो, जिससे पुलिस दबाव में आ जाए।

4. धार्मिक उन्मादी लड़कों ने सुर्खियों में आने के लिए करा दी हो हत्या-

  • माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीनों युवकों ने धार्मिक नारे लगाए। ये तीनों आरोपी धार्मिक अतिवादी हो सकते हैं। हो सकता है तीनों इस हत्या के जरिए सुर्खियों में आना चाहते हों और हीरो बनना चाहते हों।
  • इसकी वजह है कि अतीक को लगातार मीडिया कवरेज मिल रहा था। ऐसे में अतीक की हत्या करने वालों को भी मीडिया कवरेज मिलेगा। इसीलिए इन लड़कों ने हत्या कर दी।
  • तीनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ में भी ये बात सामने आई है। आरोपियों ने कहा कि वे बड़े माफिया बनना चाहते हैं इसीलिए अतीक और अशरफ की हत्या की। उनका कहना है कि कब तक छोटे-मोटे शूटर रहेंगे, बड़ा माफिया बनना है, इसलिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया।

यह हो सकती है संभावना

  • हो सकता है माफिया अतीक को लगातार मीडिया कवरेज मिल रहा था। कुछ धार्मिक उन्मादी लड़कों ने सुर्खियों में आने के लिए हत्या की हो।
  • माफिया अतिक और अशरफ की हत्या के पीछे क्या कारण है यह तो जांच के बाद ही सामने आएगा, लेकिन इतना तो तय है कि इस हत्या के पीछे कोई न कोई बड़ी साजिश तो जरूर होगी। अब इस मामले की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। अभी कोई कयास लगाना सही नहीं होगा।

Tags:    

Similar News