Atiq Ahmed News: गुनाहों का हिसाब... माफिया अतीक समेत 3 को उम्रकैद , भाई अशरफ और 6 अन्य बरी

Atiq Ahmed News: उमेश पाल अपहरण कांड मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरोपी माफिया अतीक अहमद और 2 अन्य आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। जबकि भाई अशरफ सहित 7 को केस से बरी कर दिया है।

Update: 2023-03-28 08:05 GMT
Atiq Ahmed (photo: social media )

Atiq Ahmed News: अपराध की दुनिया से राजनीति में आए माफिया अतीक अहमद को 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में कोर्ट ने दोषी करार दिया है। प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद और 2 अन्य आरोपियो को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। जबकि एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया के भाई अशरफ सहित 7 आरोपियों को निर्दोष बताते हुए केस से बरी कर दिया है।

वकील करेंगे हाईकोर्ट का रूख

उमेश पाल की पत्नी ने कहा कि वो न्यायालय के फैसले को आगे चुनौती देंगी क्योंकि वो चाहती हैं कि अतीक को फांसी की सजा हो। तो वहीं अतीक के वकील ने कहा कि एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।

हत्या मामले में अतीक को हो फांसी

एमपी-एमएलए कोर्ट फैसला आने के बाद उमेश पाल की मां ने कहा कि अपहरण केस में अतीक को आजीवन करावास हुआ है। मेरे बेटे के केस में फांसी की सजा होनी चाहिए। अतीक को जेल में सुविधाएं मिलती हैं। वह कुछ भी करा सकता है। वहीं उमेश पाल की पत्नी ने सीएम से मांग की है कि मुख्यमंत्री अतीक और उसके परिवार पर सख्त कार्रवाई करें। अतीक को जड़ से खत्म करना जरूरी है। न्यायपालिका का सम्मान है।

अतीक सहित तीनों को उम्रकैद की सजा

उमेश पाल अपहरण केस में प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद और उसके करीबी शौकत हनीफ, दिनेश पासी को आईपीसी की धारा 364 ए और 120 B के तहत दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही तीनों दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आपको बता दें कि 364ए के तहत उम्रकैद, सजा-ए मौत और जुर्माना की सजा का प्रावधान है।

अतीक का भाई अशरफ दोषमुक्त करार

उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद, उसके करीबी शौकत हनीफ और दिनेश पासी को एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश डॉक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला ने दोषी करार दिया है। जबकि माफिया के भाई अशरफ सहित बाकि के 6 अन्य अंसार बाबा, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान, आशिक मल्ली और एजाज अख्तर को कोर्ट ने दोषमुक्त करार देते हुए केस से बरी कर दिया है।

अभियान चलाकर अपराधियों का हो रहा सफाया

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि हमारी सरकार अभियान चलाकर अपराधियों का सफाया कर रही है और कोर्ट से गुहार लगाई जा रही है। हर अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा मिले। यूपी के लोगों का मानना ​​है कि राज्य में भयमुक्त माहौल बन रहा है।

आरोपियों को लेकर कोर्ट पहुंची पुलिस टीम

मफिया अतीक अहमद को नैनी जेल से एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश करने के लिए लाया गया है। उमेश पाल अपहरण मामले में आरोपी अतीक, अशरफ और फरहान शामिल हैं। अतीक की गाड़ी को एस्कोर्ट करने वाले सभी पुलिस अधिकारी बुलेट प्रूफ जैकेट में नजर आ रहे है।

प्रिजन वैन में अतीक अहमद हुआ रवाना

एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होने के लिए प्रयागराज की नैनी जेल से प्रिजन वैन में अतीक अहमद रवाना हो चुका है। नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शशिकांत सिंह ने बताया कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को आज दोपहर साढ़े बारह बजे तक कोर्ट के समक्ष पेश करने का आदेश है। जिसके लिए पुलिस टीम अतीक अहमद को लेकर रवाना हो गई है। उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई और जिसकी जिम्मेदारी प्रयागराजी पुलिस कमिश्नरनेट को सौंपी गई है।

अतीक की सुरक्षा राज्य सरकार की जिम्मेदारी

सुप्रीम कोर्ट में अतीक अहमद के वकील ने उसकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया था। अतीक के वकील ने कहा उनकी जान को लगातार खतरा है। इसपर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसकी सुरक्षा राज्य सरकार की जिम्मेदार है। इसके लिए आपको पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए।

इस दौरान कड़ी सुरक्षा के हुए इंतजाम

अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ दोनों ही थोड़ी देर में प्रयागराज की कोर्ट में पेश होंगे। मामले पर सुनवाई करने वाले जज दिनेश शुक्ला कोर्ट में पहुंच गए हैं। इस दौरान कड़ी सुरक्षा के साथ दोनों आरोपियों को कोर्ट में ले जाने के लिए पुलिस तैयार है। जिस पुलिस वैन से दोनों को ले जाया जाएगा, उसमें सीसीटीवी कैमरे और अन्य सुरक्षा उपकरण भी लगाए गए हैं।

कानून की नजर में हर व्यक्ति समान - वकील

उमेश पाल अपहरण मामले में सुनवाई से पहले सरकारी वकील गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि इस मामले में 10 आरोपियों को लेकर सुनवाई होगी। इसमें एक आरोपी की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने कोर्ट के समक्ष 8 गवाह पेश किए हैं। कानून की नजर में हर व्यक्ति समान है। कानून सर्वोच्च है। सजा कोर्ट पर निर्भर करेगी।

उमेश पाल की मां शांती देवी ने कहा फांसी हो

प्रयागराज कोर्ट में नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ समेत मामले के सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा। जिससे पहले उमेश पाल की मां शांती देवी ने कहा कि मेरे बेटे ने बहुत संघर्ष किया है। जेल उसका(अतीक अहमद) घर है और वहां से वो कुछ भी करा सकता है। प्रशासन ने अभी तक जो भी कुछ किया है उससे हम संतुष्ट हैं। मेरी यही मांग है कि उसको फांसी की सज़ा हो।

एमपी-एमएलए कोर्ट का अतीक पर फैसला

प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट में आज उमेश पाल अपहरण मामले में सुनवाई होनी है। प्रयागराज में उमेश पाल के आवास के बाहर सुरक्षा चाक-चौबंद की गई। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ समेत सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। जिससे पहले उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा कि मैं कोर्ट से यही उम्मीद करती हूं कि उसको(अतीक अहमद) फांसी की सज़ा दिलाई जाए। जब तक जड़ खत्म नहीं होगी तब तक कुछ नहीं हो पाएगा। हम डर के साए में जी रहे हैं।

नैनी जेल में 24 घंटे हो रही निगरानी

अतीक अहमद को नैनी सेंट्रल जेल लाने पर उत्तर प्रदेश के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि हमने 2 दिन पहले ही जेल में व्यवस्था कर ली थी। वहां हमने डीआईजी को भी भेजा था। निरंतर 24 घंटे नैनी जेल में निगरानी हो रही है और जेल को मुख्यालय से भी जोड़ा गया है। कोई समस्या नहीं है।

मंत्री अनिल राजभर ने सपा पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने अतीक अहमद केस पर कहा कि जिनकी सरकारों में आतंवादियों पर से मुकदमे वापस हुए, जनता को दंगों में झोंकने का काम हुआ, जिन लोगों की परंपरा गुंडा, माफियाओं को माननीय बनाने की रही, वह क़ानून व्यवस्था की बात कर रहे हैं। यह हास्यास्पद बात है। समाजवादी पार्टी को क़ानून व्यवस्था पर बात नहीं करनी चाहिए।

साबरमती जेल से आया प्रयागराज माफिया

जज डीसी शुक्ला की कोर्ट ने अतीक अहमद को 28 मार्च को सुबह 11 बजे कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था, जिसके बाद यूपी पुलिस उसे गुजराज के अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल से लेकर सोमवार शाम प्रयागराज पहुंची। माफिया अतीक अहमद को पुलिस ने नैनी सेंट्रल जेल में रखा है। अतीक के अलावा उसके भाई अशरफ समेत अन्य आरोपियों की भी कोर्ट में पेशी किया जाएगा।

पुलिस की चार्जशीट में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया है। 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे, जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया गया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश पाल का 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद ने अपहरण करवा लिया था।

अतीक ने दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार

उसके साथ मारपीट की और उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी। उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की नोक पर उसका अपहरण कर लिया गया। एक साल बाद उमेश पाल की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। जज डीसी शुक्ला ने 23 मार्च को अतीक अहमद को कोर्ट में पेश करने के लिए आदेश जारी किया था। उमेश पाल उस समय जिला पंचायत सदस्य थे और अतीक अहमद सांसद था। उमेश ने अपनी शिकायत में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ अहमद, दिनेश पासी, अंसार, सौकत हनीफ को नामजद किया था।

बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या

इसके साथ चार अन्य अज्ञात पर आरोप लगाए थे। उमेश ने बताया था कि 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें अतीक, उसका भाई अशरफ समेत अन्य आरोपी हैं और वो खुद इस केस का मुख्य गवाह है। शिकायती पत्र में उसने आगे कहा था- कोर्ट में गवाही देने पर मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। 28 फरवरी 2006 को अतीक की लैंड क्रूजर कार समेत एक अन्य वाहन ने मेरा रास्ता रोक लिया और घेर लिया

कार से दिनेश पासी, अंसार बाबा और एक अन्य व्यक्ति उतरा। उन्होंने मुझ पर पिस्तौल तान दी और कार में खींच लिया। कार के अंदर अतीक अहमद और तीन अन्य लोग राइफल लेकर बैठे थे। इन लोगों ने मेरे साथ मारपीट की और मुझे चकिया स्थित अपने दफ्तर लेकर पहुंचे। वहां एक शख्स मेरी बाइक लेकर आया। मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया और मारपीट की गई। करंट के झटके लगाए।

बोला अतीक- बयान बदलो

आरोपियों का कहना था कि राजू पाल हत्याकांड में बयान बदल लो, वरना परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी। अतीक ने अपने वकील खान हनीफ से पर्चा लेकर मुझे दिया और कहा कि इसको पढ़कर रट लो। कल अदालत में यही बयान देना है। वरना तुम्हारी बोटी-बोटी काटकर कुत्तों को खिला दूंगा। सांसद ने उसी रात अपने गुर्गों को मेरे घर भेजा और धमकाया की तुम लोग पुलिस को टेलीफोन ना करना, वरना उमेश की हत्या कर दी जाएगी।

मुझे रातभर कमरे में बंद करके प्रताड़ित किया गया। सुबह अतीक और उसके साथी मुझे गाड़ी में बैठाकर ले गए। आरोपियों ने कहा कि कल रात जो पर्चा में लिखकर दिया था, उसे कोर्ट में जाकर पढ़ देना नहीं तो घर लौटकर नहीं जा पाओगे। उस समय पीड़ित डर गया और परिवार की सलामती के लिए वही कहा, जो अतीक ने पर्चे में लिखकर दिया था।

अतीक ने मजबूरी का फायदा उठाया...‘

उमेश ने अपने शिकायती पत्र में आगे लिखा- इससे पहले मैंने हाई कोर्ट में अपनी सुरक्षा के लिए एक रिट दायर की थी। सुरक्षा समिति ने भी मेरी जान को खतरा बताया, लेकिन मुझे 100 प्रतिशत भुगतान पर गार्ड देने की बात कही गई। मेरी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि मैं पैसों का भुगतान कर सकूं। मेरी मजबूरी का सांसद अतीक ने फायदा उठाया और मुझे कोर्ट में झूठा बयान देने के लिए मजबूर किया।

मुझे यह भी पता चला कि अतीक ने अन्य लोगों से भी अदालत में झूठे बयान करवाए हैं। प्रार्थना है कि मेरे साथ हुई घटना की रिपोर्ट दर्ज कर कोर्ट में दिए गए बयान को असत्य समझा जाए। मेरी और मेरे परिवार की जान माल की हिफाजत की जाए। उमेश पाल अपहरण मामले में आज कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।

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