नहीं मिला न्याय: अफसरों की चौखट चूम रहा पीड़ित, अपनी जमीन की मांग रहा भीख
बिधूना तहसील में चार भाइयों द्वारा 21 साल पहले एक जमीन का बैनामा कराया था मगर आज तक उन्हें इन्हीं अव्यवस्थाओं के चलते उस पर कब्जा नहीं मिल सका है।
औरैया सरकारी काम में फंस कर आम आदमी का जीना पूरी तरह से दुश्वार हो चुका है। जिसकी एक बानगी बिधूना तहसील में देखने को मिली। जिसमें चार भाइयों द्वारा 21 साल पहले एक जमीन का बैनामा कराया था मगर आज तक उन्हें इन्हीं अव्यवस्थाओं के चलते उस पर कब्जा नहीं मिल सका है।
यही नहीं विक्रेता के सौतेले पुत्र व सौतन खरीदारों के ऊपर फर्जी मुकदमे में फंसाए जाने व जान से मारने की धमकी तक दे रहे हैं। इस संबंध में पीड़ित व्यक्ति चक्कर परेशान हैं।
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पूरा मामला
गुरुवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचे पीड़ित रमेश चंद्र पुत्र अशर्फीलाल आदि ने दिए प्रार्थना पत्र । बताया कि वह पुरवा मोहकम मौजा जागूपुर कोतवाली बिधूना क्षेत्र के निवासी हैं। वह मुंबई में रहकर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए मेहनत मजदूरी करते हैं। बताया कि कभी कभार आकर वह गांव में अपनी खेती बाड़ी भी देखते हैं। उन्होंने कहा कि साल 1999 में जमीन को लीलावती पत्नी सुक्खा उर्फ सुखलाल से क्रय किया था। मगर उसके उपरांत लीलावती ने अपने पति सुखलाल को छोड़ दिया और वह कहीं और चली गई।
केलावती के पुत्र और सहयोगी का दबाव
बाद में सुखलाल ने केलावती से शादी कर ली जो अपने साथ दो बच्चे लाई थी जो बहादुरपुर मौजा सेहुद की निवासनी थी। बताया कि इसका मुकदमा काफी समय तक न्यायालय में चला जिसे जज ने खारिज करते हुए हमारे पक्ष में फैसला सुना दिया । मगर अब केलावती के पुत्र और उनके सहयोगी लगातार उन पर दबाव बना कर जगह को वापस करने की बात कह रहे हैं।
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रमेश चंद्र ने बताया कि वह लोग कफी दिनों से धमकी देते हैं कि वह उसे हत्या और बलात्कार जैसे झूठे मुकदमे में फंसा देंगे। यही नहीं उन लोगों का यह भी कहना है कि वह अपनी मां केलावती की हत्या कर उन्हें उसके हत्या के जुर्म में फंसा सकते हैं। इसकी शिकायत जब रमेश चंद्र ने पुलिस अधीक्षक से की तो उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए अधीनस्थों को कार्रवाई कर उचित निर्णय दिए जाने के निर्देश दिए हैं।
रिपोर्टर प्रवेश चतुर्वेदी औरैया