दुनिया का अनोखा मंदिर, यहां के चमत्कारी कुंड में स्नान से होता है कुष्ठ रोग का इलाज
सूर्य नमस्कार और सूर्य को जल चढ़ाने से हर कष्ट का निवारण होता है। शिव की पूजा कर हम प्रकृति के करीब होने का अहसास पाते है। दुनिया में तो कई ऐसे मंदिर जहां कि अपनी विशेषता और खासियत है
औरंगाबाद(बिहार): सूर्य नमस्कार और सूर्य को जल चढ़ाने से हर कष्ट का निवारण होता है। शिव की पूजा कर हम प्रकृति के करीब होने का अहसास पाते है। दुनिया में तो कई ऐसे मंदिर जहां कि अपनी विशेषता और खासियत है। खासकर भारत में तो मंदिरों की भरमार है। लेकिन सूर्य मंदरि एकाध जगह ही है। देश मे प्रमुख सूर्य मंदिरों में एक बिहार में है। राज्य में ऐसे कई धार्मिक स्थल हैं, जो धार्मिक विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं। जो स्नान की वजह से ही प्रसिद्ध हैं। बिहार के औरंगाबाद में सूर्य मंदिर है वैसे तो इस जगह की महत्ता छठ पर्व पर ज्यादा है जब भक्तों की भीड़ उमड़ती है। लेकिन ऐसे भी लोग अपने कष्टों के छुटकारा के लिए आते हैं।
यह पढ़ें....चलती बस में मौत: खिड़की से बाहर निकाला सिर, हुआ ऐसा मचा कोहराम
अद्भुत और इकलौता मंदिर
इस मंदिर की विशेष मान्यताएं हैं। मंदिर में कई कारियां हैं जो हर किसी को आकर्षित करती हैं। यह मंदिर दुनिया का इकलौता पश्चिमाभिमुख सूर्यमंदिर है। किवदंती है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने खुद किया था। यह मंदिर एकमात्र ऐसा सूर्य मंदिर है जो पूर्वाभिमुख न होकर पश्चिमाभिमुख है। मंदिर में शिव-पार्वती की दुर्लभ प्रतिमा है।
काले और भूरे पत्थरों से बना ये मंदिर देखने में भी खूबसूरत है। यह मंदिर बाहर से देखने में बिलकुल जगन्नाथ मंदिर की तरह है। मंदिर में 7 रथों से सूर्य की उत्कीर्ण प्रस्तर प्रतिमाएं अपने तीनों स्वरूपों उदयाचल – प्रातः सूर्य, मध्याचल-मध्य सूर्य और अस्ताचल सूर्य-अस्त सूर्य के रूप में विद्यमान हैं।
यह पढ़ें....पाकिस्तान की नापाक हरकत: अजीत डोभाल को आया गुस्सा, उठाया ये कड़ा कदम
जरूर करें स्नान
कहते है कि मंदिर प्रागंण में धार्मिक स्नान बहुत महत्व है। एक मान्यता के अनुसार, एक राजा ऋषि के श्राप से कुष्ठ रोग से पीड़ित थे। वे एक बार शिकार करने गए और रास्ता भटक गए। भूखे प्यासे राजा को एक सरोवर दिखाई दिया। जहां वे उसके किनारे गए और उन्होंने अंजलि में पानी भर कर पानी पिया। वो हैरान हो गए कि जिन जगहों पर पानी का स्पर्श हुआ वहां से सफेद दाग ठीक हो गए। यह देखकर राजा वस्त्रों सहित पानी में लेट गए। जिससे उनके पूरे शरीर के दाग ठीक हो गए। तब से मान्यता है कि जो भी इस सूर्य मंदिर के पवित्र सूर्य कुंड में स्नान करता है उसके शरीर के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इसी कारण यहां हर साल लाखों लोग कुंड में स्नान करने आते हैं।