Amethi News: इलाज के अभाव में रहस्यमयी बुखार से दो की मौत, प्रशासन की अब टूटी नींद

अमेठी में इलाज के अभाव में सगे भाई बहनों की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने चिकित्सकों पर इलाज न करने का आरोप लगाया है।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-09-10 11:22 GMT

रहस्यमयी बुखार से बच्चे की मौत के बाद बिलखती मां (फोटो-न्यूजट्रैक)

Amethi News: अमेठी में इलाज के अभाव में सगे भाई बहनों की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने चिकित्सकों पर इलाज न करने का आरोप लगाया है। मौत का कारण डेंगू बुखार बताया जा रहा है। दो मौतों के बाद प्रशासन की नींद खुल गई है। प्रशासनिक अमला गांव पहुंच गया है। यह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का संसदीय क्षेत्र है।

अमेठी तहसील क्षेत्र के पसरावां गांव में कोहराम मचा हुआ है़। गांव निवासी रामलाल कश्यप की पुत्री कविता और पुत्र हर्षित की रहस्यमयी बुखार से मौतें हुई हैं। मृतक बच्चों की मां का आरोप है़ कि डेंगू से बुधवार को मेरी बेटी और आज मेरा बेटा खत्म हुआ। बच्चों की मां ने सवाल करते हुए पूछा कैसे आया डेंगू? उसने यह भी आरोप लगाया कि अगल-बगल वाले शौचालय का पानी यहां गिरता है, इससे महामारी फैली। उसने कहा कि हम लोग शैतान हैं कि इंसान हैं।

वहीं मृतक के परिजन ने बताया कि मरीज को सुलतानपुर हॉस्पिटल लेकर गए थे। जहां हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज लखनऊ रेफर किया गया था। हम लोगों ने एंबुलेंस किया और मेडिकल कॉलेज पहुंचे। वहां एक लेडीज थीं, उन्होंने कहा कि हमारे यहां बेड नहीं है़। तब तक पीछे से एक चिल्लाता हुआ आया कोई भी हो भर्ती करने से मना कर दो। वहीं आज जब हर्षित की मौत हुई तो ये ख़बर जंगल में आग की तरह फैली, स्वास्थ्य अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए।


सीएमओ आशुतोष दुबे ने मौके पर पहुंचकर परिजनों से बात की। उन्होंने मीडिया को बताया कि बच्चों को अस्वस्थ होने के बाद परिजन सुलतानपुर हॉस्पिटल लेकर गए थे। वहां से लखनऊ रेफर किया गया था और बेटी का लखनऊ में निधन हुआ। लड़के को सुलतानपुर ले गए थे, आज वहां से प्रतापगढ़ ले जा रहे थे रास्ते में मौत हो गई। हम प्रकरण की जांच करा रहे हैं। साथ ही स्वास्थ्य टीम को लगाया गया है़, जो घर-घर जाकर डेंगू-मलेरिया की जांच करेगी।

आपको बता दें कि गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। साफ सफाई नहीं हो रही है। सफाई कर्मचारी महज ग्राम प्रधान व सरकारी कार्यालयों तक ही अपनी ड्यूटी समझते हैं। मच्छरों के रोकथाम के लिए महज कागजों तक ही कार्य हो रहे हैं। मीटिंग बैठक में टीम गठित कर दी जाती है। धरातल पर कोई कार्य नहीं दिखाई दे रहा है। चाहे शौचालय के पानी हो व नलकूपों की, नालियों के ऊपर पानी फैल रहे हैं। गंदगी का आलम यह है कि कभी भी गांव में सफाई कर्मी सफाई के लिए नहीं आते। गांव की पगडंडियों पर झाड़ियां उग आई हैं, जिसमें मच्छर कीड़े पतंगे उड़ रहे हैं। यही हाल पूरे जनपद में है।

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