Lucknow News: लखनऊ के 90 प्रतिशत अस्पतालों के पास नहीं है फायर एनओसी, 19 निजी अस्पताल होंगे बंद, होगी जांच

Lucknow News in Hindi Today: लखनऊ सीएमओ ऑफिस में लगभग 1200 निजी अस्पताल पंजीकृत हैं। मगर, जानकर हैरानी होगी कि इनमें से 90 प्रतिशत अस्पतालों के पास फायर एनओसी है ही नही। इन सारे अस्पतालों ने फायर के उपकरण टांग कर खुद ही शपथ पत्र दे दिया है।

Report :  Shashwat Mishra
Published By :  Deepak Kumar
Update:2021-10-26 21:52 IST

अस्पताल फोटो। (Social Media)

Lucknow News in Hindi Today: राजधानी में फर्जी तरीके से चल रहे अस्पतालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा रुख अपना लिया है। बता दें कि, कुछ महीने पहले लखनऊ में जिला प्रशासन के निर्देशन में निजी अस्पतालों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। जिसमें 19 अस्पतालों को चिन्हित किया गया था। इनके न तो मानक पूरे थे और न ही इन अस्पतालों में एमबीबीएस डॉक्टर व ज़रूरी संसाधन थे। ऐसे ही 19 अस्पतालों को बंद करने के लिये सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल (CMO Dr. Manoj Agarwal) ने डीएम को संस्तुति भेजी थी। जिसे जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश द्वारा मंजूरी दे दी गई थी। अब इन पर कार्रवाई की तैयारी है।

इन अस्पतालों पर लगेगा ताला:-

लखनऊ के जिन 19 निजी अस्पतालों को बंद करने की तैयारी है, उसमें ज्यादातर अस्पताल राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार- इकाना अस्पताल, सम्राट हॉस्पिटल, बेस्ट केयर, वेलकेम, गैलैक्सी, मेडिविन, सनफोर्ड, साधना, शालिनी, प्रभाकर, उजाला, सिमना, उन्नति उजाला और कॉकोरी हॉस्पिटल को बंद किया जायेगा। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि ये निजी अस्पताल बन्द होंगे और इनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।

इन अस्पतालों की होगी जांच:-

स्वास्थ्य विभाग द्वारा राजधानी के कुछ अस्पतालों की सूची बनाई गई है। जिनके खिलाफ जांच शुरू की जा चुकी है। सूत्रों के मुताबिक- लखनऊ के शेफालिया अस्पताल, चंद्रा हॉस्पिटल, एसएन हॉस्पिटल, लखनऊ हॉस्पिटल, जैना हॉस्पिटल, लक्ष्य कैंसर हॉस्पिटल, हिमसिटी, हर्बल हॉस्पिटल, न्यू तुलसी, न्यू एशिया और दीपक लाइफ सांइसेंस के अलावा कई ऐसे अस्पताल हैं, जो जांच के दायरे में हैं।

लखनऊ के 90 प्रतिशत अस्पतालों के पास नहीं है फायर एनओसी

लखनऊ सीएमओ ऑफिस में लगभग 1200 निजी अस्पताल पंजीकृत हैं। मगर, जानकर हैरानी होगी कि इनमें से 90 प्रतिशत अस्पतालों के पास फायर एनओसी है ही नही। इन सारे अस्पतालों ने फायर के उपकरण टांग कर खुद ही शपथ पत्र दे दिया है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार- अब जिन अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं है। उनके खिलाफ भी जल्द से जल्द उचित कदम उठाने की तैयारी की जा रही है।

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