Lucknow News: अब सेटिंग से नहीं होगा अस्पतालों का पंजीकरण, सीएमओ की बजाय डीएम से लेनी होगी मंज़ूरी

Lucknow News : पहली जनवरी से हॉस्पिटल्स के पंजीकरण (Hospitals Registration) मानक को लेकर नियम पूरी तरह बदल जाएंगे। अस्पताल संचालकों को केंद्र द्वारा 'द क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010' के तय पालन करना होगा।

Newstrack :  Network
Published By :  Shraddha
Update: 2021-11-25 15:57 GMT

अब सेटिंग से नहीं होगा अस्पतालों का पंजीकरण (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

Lucknow News :  प्रदेश में मानक विरुद्ध चल रहे अस्पतालों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। इससे अब किसी भी अस्पताल (Hospital) के मालिक अधिकारियों से सेटिंग बैठाकर पंजीकरण नहीं करा सकेंगे। पहली जनवरी से हॉस्पिटल्स के पंजीकरण मानक (Hospitals Registration Standards) को लेकर नियम पूरी तरह बदल जाएंगे। अब अस्पताल संचालकों को केंद्र द्वारा 'द क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट (The Clinical Establishment) (रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन) एक्ट 2010' के तय सभी मानकों का पालन करना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें जुर्माना भी भुगतान पड़ सकता है।

31 मार्च से पहले कराना होगा पंजीकरण

बता दें कि अभी जो अस्पताल पंजीकृत हैं, उनकी वैधता 31 मार्च, 2022 तक ही है। ऐसे में यह एक्ट लागू होने के बाद उन्हें 31 मार्च, 2022 से पहले ही अपना पंजीकरण 'द क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन) एक्ट 2010' के तय मानकों के तहत कराना होगा। इसके मद्देनजर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक द्वारा पंजीकरण के लिए बने पोर्टल में ज़रूरी सुधार भी करवाना होगा। अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा है कि "अस्पतालों के पंजीकरण की मौजूदा व्यवस्था इस साल 31 दिसंबर के बाद लागू नहीं रहेगी। वर्तमान व्यवस्था के तहत पंजीकृत सभी अस्पतालों के पंजीकरण की वैधता 31 मार्च 2022 को स्वत: खत्म हो जाएगी।"

15 दिसम्बर से शुरू हो जाएगा आवेदन

पंजीकरण पोर्टल में ज़रूरी संशोधन का कार्य 15 दिसंबर से पहले पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा सभी सीएमओ और डिप्टी सीएमओ की ट्रेनिंग भी 15 दिसंबर के पूर्व पूरी करा ली जाएगी। जिसके बाद, 15 दिसंबर से द क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन) एक्ट 2010 के तहत पंजीकरण के लिए आवेदन शुरू हो जाएगा।

डीएम के कार्यक्षेत्र में आएगा अस्पतालों का पंजीकरण

अभी तक जिलों में हॉस्पिटल्स के पंजीकरण का कार्य सीएमओ के द्वारा होता था। लेकिन, अब यह डीएम की अध्यक्षता वाली जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा। इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक, समस्त डीएम और सीएमओ को निर्देश जारी किया है।

पहले चरण में 30 बेड़ वाले अस्पताल को पूरे करने होंगे मानक

एक्ट लागू होने के बाद पंजीकरण तो सभी अस्पतालों को कराना पड़ेगा। लेकिन, शुरुआत में 30 बेड़ से कम वाले अस्पतालों को नियमों में कुछ छूट मिलेगी। उन्हें अग्निशमन, पंजीकरण जनशक्ति और बायो मेडिकल वेस्ट अधिनियम से संबंधित मानक पूरे करने पर ही मंज़ूरी मिल जाएगी। वहीं, 30 बेड या उससे अधिक वाले अस्पतालों को सारे नियमों का पालन करना होगा।

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