Lucknow News: कर्मचारी शिक्षक मोर्चे का अल्टीमेटम, सरकार नहीं मानी तो 9 दिसंबर से काम बंदी

Lucknow News: वी.पी. मिश्रा ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि सरकार वेतन समिति की संस्तुतियों को 3 वर्ष से लागू नहीं कर रही है। इस संबंध में मुख्य सचिव समिति की एक भी बैठक नहीं हुई।

Newstrack :  Network
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-11-24 21:45 IST

कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी (फोटो:सोशल मीडिया)

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Lucknow News: कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वी.पी. मिश्रा व महामंत्री शशि कुमार मिश्र ने कहा है कि अगर सरकार 27 नवंबर तक मिल बैठकर मांगों पर निर्णय का क्रियान्वयन नहीं करती है, तो 9 दिसंबर से काम बंदी करने को बाध्य होना पड़ेगा। जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व राज्य सरकार का होगा। उन्होंने कहा कि जन जागरण चल रहा है। 27 नवंबर को सायं सभी जनपदों में मशाल जुलूस निकालकर मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को ज्ञापन देने की तैयारी पूरी कर ली गई है।

तीन वर्ष से लागू नहीं हुई वेतन समिति की संस्तुतियां

वी.पी. मिश्रा ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि सरकार वेतन समिति की संस्तुतियों को 3 वर्ष से लागू नहीं कर रही है। इस संबंध में मुख्य सचिव समिति की एक भी बैठक नहीं हुई। इससे कर्मचारियों के सातवें वेतन आयोग का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। पुरानी पेंशन को बहाल न करने से कर्मचारियों में रोष है। क्योंकि सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें रोटी चलाना भी मुश्किल हो जाएगा। इससे देशभर का कर्मचारी एवं अधिकारी नाराज है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारियों की सुरक्षा एवं न्यूनतम वेतन के लिए एक नीति नहीं बनाई जा रही है। ऐसे नौजवानों का भविष्य अंधकारमय है।

शिक्षक मोर्चे की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

लंबित पड़ी हैं नियुक्तियां व पदोन्नतियां

संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने बताया कि प्रदेश सरकार समाचार पत्रों में विज्ञापन के जरिए प्रचार कर रही है कि रिक्त पदों पर नियुक्तियां एवं पदोन्नतियां की जा रही हैं। कुछ विभागों में पदोन्नतियों के पद काटे जा रहे हैं, लेकिन ज्यादातर बड़े विभागों की नियुक्तियां एवं पदोन्नतियां लंबित पड़ी हैं। विभागीय संगठन कैडर पुनर्गठन करके नियुक्तियां पदोन्नतियां करने की मांग कर रहे हैं। मग़र, विभागीय अधिकारी विशेष रुचि नहीं ले रहे हैं। आउटसोर्सिंग से काम चला रहे हैं।

कर्मचारियों की ये है मांगें:-

• वेतन समिति की संस्तुतियों को लागू करना।

• कैडर पुनर्गठन करके नियुक्तियां व पदोन्नतियां।

• आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारियों की सुरक्षा एवं न्यूनतम वेतन के लिए नीति।

• स्थानीय निकायों के पदों का पुनर्गठन।

• दैनिक कर्मचारियों का विनियमितीकरण।

• राजकीय निगमों के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ।

• संवर्गों का पुनर्गठन।

• महंगाई भत्ते की सभी किस्तों का भुगतान

मोर्चा ने सरकार को 27 नवम्बर तक का दिया समय

वीपी मिश्रा ने बताया कि सेवानिवृत्ति होने वाले कर्मचारियों को कुछ भी नहीं मिल पा रहा है। शिक्षकों, शिक्षणेत्तर एवं विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों के भी सभी मामले लंबित हैं। मोर्चा की बैठक में मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव से आग्रह किया गया कि पूर्व की भांति मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके 27 नवंबर से पूर्व निर्णय करें, वरना कर्मचारियों की पीड़ा का खामियाजा विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।

इप्सेफ का मिला समर्थन

इप्सेफ के महासचिव प्रेमचंद्र ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा है कि मोर्चा इप्सेफ का घटक है। इसलिए उनके आंदोलन को पूरा समर्थन दिया है।

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