Lucknow News: आरटीपीसी की कम्प्लीट रिपोर्ट न होने से पहले दिन कारागरों में मुलाकातों की संख्या नगण्य रही

सूबे के कारागरों में बंद कैदियों व बंदियों की अपने स्वजनों से मुलाकात के बीच आरटीपीसी की रिपोर्ट सबसे बड़ी रोड़ा बन गयी।

Report :  Sandeep Mishra
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-08-16 21:31 IST

लखनऊ जेल की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Lucknow News: सोमवार को पहले दिन सूबे के कारागरों में बंद कैदियों व बंदियों की अपने स्वजनों से मुलाकात के बीच आरटीपीसी की रिपोर्ट सबसे बड़ी रोड़ा बन गयी। इसीलिये मुलाकात के लिये सूबे की विभिन्न कारागारों में पहुंचे स्वजन जेल में बंद अपने अपने प्रियजनों से नहीं मिल सके, क्योंकि इनकी कोविड की आरटीपीसी रिपोर्ट कम्प्लीट नहीं थी। सूबे के देवरिया जिला कारागार के जेलर किशोर दीक्षित ने बताया कि कोविड की आरटीपीसी की रिपोर्ट कम्प्लीट न होने की वजह से उनके कारागार में बंद किसी भी कैदी व बंदी की अपने स्वजनों से मुलाकात सम्भव नहीं हो सकी है, लेकिन जितने भी लोग खाने पीने का सामना लेकर आये थे, उनका सामान जेल में बंद उनके प्रियजनों तक जरूर पहुंचा दिया गया।

जेलर किशोर दीक्षित ने बताया कि सभी से कह दिया गया है कि अगली बार आरटीपीसी की रिपोर्ट कम्प्लीट करवाकर लाइये, तभी मुलाकात सम्भव है। इसी तरह का माहौल इटावा, फतेहगढ़, कानपुर कानपुर देहात समेत सूबे के कई कारागारों में देखने को मिला है। इन कारागारों के जेल अधीक्षकों व जेलरों ने बताया कि जानकारी के अभाव में लोग अपनी आरटीपीसी की कोविड रिपोर्ट लेकर जेल नहीं पहुंचे थे, इसलिये आज सोमवार में सूबे की जेलों में मुलाकात नगण्य ही रही है।

सावन का आखरी सोमवार लाया खुशखबरी

भगवान शिव की सूबे के कारागरों में बंद कैदियों व बंदियों पर कुछ ऐसी कृपा हुई कि सावन के आज आखिरी सोमवार के दिन से कारागरों में मुलाकात पर लगी रोक को हटा लिया गया है। सूबे की कारागरों में बंद 13 हजार कैदी बीते दिनों में कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिस कारण सरकार ने सूबे के कारागरों में बन्द कैदियों व बंदियों से उनके स्वजनों से मुलाकात करने पर रोक लगा दी थी।सूबे में कुल 72 कारागार हैं, जिसमें 67 जिला कारागार व 5 केंद्रीय कारागार हैं।

इन कारागारों में पुरुष वर्ग के 54 हजार 3 सौ 97 व महिला वर्ग 3 हजार 2 सौ 19 कैदियों व बंदियों को रखने की व्यवस्था है। जबकि इस समय सूबे के कारागरों में 1 लाख 1 हजार 3 सौ 50 पुरुष वर्ग के कैदी बन्द हैं। इसमें 23 हजार 841 दोष सिद्ध कैदी व 77 हजार 5 सौ 9 विचाराधीन बंदी बन्द हैं। जबकि महिला वर्ग की सिद्ध दोष कैदी 1 हजार 1 व विचाराधीन बंदी 3 हजार 5 सौ 96 बन्द हैं। इस तरह से सूबे के कारागरों में कैदी व बंदी पुरुष व महिला मिलाकर रखने की व्यवस्था 57 हजार 6 सौ 16 है। जबकि मौजूदा समय में पुरुष व महिला कैदी व बंदी कुल मिलाकर 1 लाख 5 हजार 9 सौ 47 बन्द हैं। अब ये अभी कैदी व बंदी आज से अपने स्वजनों से मुलाकात कर सकेंगे।

कोविड प्रोटोकॉल का तहत होगी मुलाकत

सावन मास के अंतिम सोमवार यानि आज 16 अगस्त से सूबे के कारागरों में बंद कैदियों व बंदियों से उनके स्वजन कोविड प्रोटोकॉल का तहत ही मुलाकात कर सकेंगे। सूबे के कारागरों में बंद कैदियों व बंदियों से मिलने के लिये उनके स्वजनों को मुलाकात से 72 घंटे के अंदर अपनी आरटीपीसी रिपोर्ट कारगार प्रशासन को देनी होगी। बंदी व कैदी से सप्ताह में एक बार में अधिकतम दो लोग ही मुलाकात कर सकेंगे। मुलाकात के दौरान कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा।मुलाकाती को थर्मल स्कैनिग, सैनेटाइजेशन व मास्क का अनिवार्य रूप से प्रयोग करना होगा।

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