Lucknow News: सुरेश राणा का दावा, गन्ना किसानों के भुगतान का कीर्तिमान स्थापित किया
गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने कहा है कि योगी सरकार ने गन्ना किसानों को भुगतान का नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
Lucknow News: चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने कहा है कि योगी सरकार ने गन्ना किसानों को भुगतान का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अब तक 45.22 लाख से अधिक गन्ना किसानों को राज्य सरकार ने 1,42,311 करोड़ का रिकार्ड गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गन्ने का मूल्य जल्द ही बढ़ाया जाएगा।
सुरेश राणा ने शुक्रवार को कहा कि पिछली सरकारों में एक के बाद एक बंद होती चीनी मिलों को योगी सरकार ने न सिर्फ दोबारा शुरू किया बल्कि यूपी को देश में गन्ना एवं चीनी उत्पादन में नंबर वन बना दिया। राज्य सरकार ने तीन पेराई सत्रों एवं वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 समेत यूपी में कुल 4,289 लाख टन से अधिक गन्ने की पेराई कर 475.69 लाख टन चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। वर्ष 2017-18 से 31 जुलाई तक 53 डिस्टिलरीज के माध्यम से प्रदेश में कुल 323 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन हुआ, जो कि एक रिकार्ड है।
पहली बार 272 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना के लिए लाइसेंस जारी
उन्होंने बताया कि 25 सालों में पहली बार 272 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना के लिए लाइसेंस जारी किये गए, जिनमें से 176 इकाइयां संचालित हो चुकी हैं। इन इकाइयों में 388 करोड़ का पूंजी निवेश होने के साथ करीब 20,000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार की प्राप्ति होगी। पिछली सरकार में बकाया भुगतान के लिए गन्ना किसानों को दर दर भटकना पड़ता था। हालात से परेशान कई किसान गन्ना उत्पादन से तौबा कर बैठे थे। लेकिन योगी सरकार ने गन्ना मूल्य का ऐतिहासिक भुगतान कर किसानों को गन्ने की मिठास लौटा दी है।
उन्होंने बताया कि में लॉकडाउन के दौरान एक भी चीनी मिल बंद नहीं हुई। सभी 119 चीनी मिलें चलीं। प्रदेश में 45.44 लाख से अधिक गन्ना आपूर्तिकर्ता किसान हैं और लगभग 67 लाख किसान गन्ने की खेती से जुड़े हैं। आज देश की 47 प्रतिशत चीनी का उत्पादन यूपी में हो रहा है और गन्ना सेक्टर का प्रदेश की जीडीपी में 8.45 प्रतिशत एवं कृषि क्षेत्र की जीडीपी में 20.18 प्रतिशत का योगदान है।
20 बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर शुरू कराया
पिछली सरकारों में वर्ष 2007-17 तक 30 चीनी मिलें बंद की गईं, जबकि योगी सरकार नें 20 बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर शुरू कराया। जिसके तहत पिपराइच-मुंडेरवा में नई चीनी मिलें लगाकर शुरू कराईं। संभल और सहारनपुर की बंद चीनी मिल भी अब चलने लगी है। रमाला चीनी मिल की क्षमता बढ़ाकर कोजन प्लांट लगाया गया है। इसके अलावा 11 निजी चीनी मिलों की क्षमता में 20,600 टीसीडी की वृद्धि की गयी। करीब 8 साल से बंद वीनस, दया और वेव शुगर मिलें चलवाई गईं। सठियांव और नजीबाबाद सहकारी मिलों में एथनॉल प्लांट लगा।
गन्ना मंत्री ने बताया कि प्रदेश की सभी सहकारी समितियों में हो रही पर्ची प्रिन्टिग एवं उसके वितरण के कार्य को रोककर केवल एसएमएस पर्ची का प्रेषण कृषक के पंजीकृत मोबाइल पर भेजा जाने लगा है। केवल एसएमएस पर्ची के माध्यम से ही गन्ना आपूर्ति की व्यवस्था किये जाने से जहाँ कोविड-19 महामारी के ग्रामीण अंचलों में संक्रमण को रोकने में मदद मिली है वहीं कृषकों को कुछ मिनट में एसएमएस पर्ची पहुंचने से उन्हें पेपर पर्ची की अपेक्षा ज्यादा लाभ मिला।