Lucknow News: केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर लिफ़्ट में फंसे, कड़ी मशक्कत के बाद आए बाहर
केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर उस समय लिफ़्ट में फंस गए जब आज दारुलशफा में एक प्रेसवार्ता करने आए थे। प्रेसवार्ता कमरा नम्बर 111 बी में होनी थी। जिसके लिए मंत्री कौशल किशोर को दूसरी मंज़िल पर जाना था।
Lucknow News: केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर उस समय लिफ़्ट में फंस गए जब आज दारुलशफा में एक प्रेसवार्ता करने आए थे। प्रेसवार्ता कमरा नम्बर 111 बी में होनी थी। जिसके लिए मंत्री कौशल किशोर को दूसरी मंज़िल पर जाना था। लेकिन अचानक लिफ़्ट फंस गई और दरवाज़े नहीं खुले।
यह देख कौशल किशोर के समर्थकों में हड़कम्प मच गया, आनन फ़ानन में व्यवस्था अधिकारी को बुलाया गया, जिसके बाद काफ़ी मशक़्क़त के बाद लिफ़्ट खुली। बता दें कि करीब 15 मिनट तक केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर लिफ़्ट में फंसे रहे।
इस सम्बन्ध में दारुलशफा के व्यवस्था अधिकारी अवनीश राठौर ने बताया कि लिफ्ट खराब नहीं हुई थी। जल्दबाजी में बटन दबाते समय लिफ्ट फंस गई थी। उन्होंने बताया कि लिफ्ट फंसने के कारण 15 मिनट तक मंत्री जी अंदर फंस गए थे।
पावरकट के कारण लिफ़्ट रुक गयी
लिफ्ट ऑपरेटर राम कृपाल यादव व राजेश कुमार (आउटसोर्सिंग) कर्मचारी ड्यूटी पर थे। उनका कहना है कि एक माह पहले ही लिफ्ट की सर्विस हुई थी। इसकी जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के विद्युत विभाग की होती है। घटना के बाद व्यवस्था अधिकारी और लिफ़्टमैन ने मौक़े पर पहुँचकर लिफ़्ट का जायज़ा लिया और पाया कि अचानक पावरकट हो जाने के चलते लिफ़्ट अचानक रुक गयी।
केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर
कौशल किशोर उत्तर प्रदेश के मोहनलाल गंज से लोकसभा सांसद हैं। इसी के साथ वह परख महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के एससी विंग के अध्यक्ष हैं। कौशल किशोर एक प्रभावी लीडर माने जाते हैं। साथ ही, सामाजिक न्याय के मुद्दों को लेकर वे काफी सक्रिय रहते हैं। इसके लिए वह देश भर में पहचाने जाते हैं।
इन पदों पर दे चुके हैं सेवा
-2002-2007: उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य
-2003-2004: उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री
-मई, 2014: 16वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित
-मई, 2019: 17वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित
किसानों की मदद को रहते हैं हमेशा आगे
कौशल किशोर लखनऊ के कालीचरण इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद कौशल किशोर ने C।R। Degree College में एडमिशन लिया। हालांकि, वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सके क्योंकि वह पारिवारिक बीमारी, और मजदूरों और किसानों की मदद में शामिल हो गए थे।
संघर्षों भरा रहा जीवन
कौशल किशोर के जन्म स्थल गांव में पक्की सड़क और बिजली की सुविधा नहीं थी। ऐसे में वह अक्सर प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय नेताओं के पास जाते थे और इस मुद्दे पर और गांव के उत्थान पर बात करते थे। कौशल किशोर का बचपन काफी संघर्ष भरा रहा। वह शिक्षा ग्रहण करने के लिए 20 किलोमीटर पैदल जाते थे। साल 1977 में, 12वीं कक्षा में जब उन्हें स्कॉलरशिप मिली, तब जाकर कौशल किशोर ने एक साइकिल खरीदी। अपनी मेहनत और लगन से आज राजनीति में उनका बड़ा नाम है।
विवाद
बीजेपी सांसद कौशल किशोर जल्द ही अपने बेटे आयुष और बहू अंकिता की वजह से कई बार विवादों में आये थे। आयुष गोलीकांड मामले में भी उनका नाम आया था। वहीं, कुछ समय पहले बहू अंकिता के पिता ने सांसद कौशल किशोर और उनके परिवार पर उसके अपहरण का आरोप लगाया था। यह शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुलिस कमिश्नर लखनऊ तक पहुंची थी। लेकिन सांसद ने कहा था कि उन्होंने बेटे और बहू से सारे रिश्ते तोड़ लिए हैं। दोनों से उनका कोई लेना-देना नहीं है।