Lucknow News: कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा करेगा बड़ा आंदोलन, दी चेतावनी

उम्मीद की जा रही है कि इस आंदोलन में लंबी हड़ताल भी शामिल हो सकती है।

Written By :  Shashwat Mishra
Published By :  Shweta
Update: 2021-09-30 16:42 GMT

कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा

Lucknow News: कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा को अंतिम रूप देने में इन दिनों जुटा हुआ है। एक सप्ताह के अंदर मोर्चा इसकी घोषणा कर देगा। उम्मीद की जा रही है कि इस आंदोलन में लंबी हड़ताल भी शामिल हो सकती है। आंदोलन के प्रथम चरण में प्रदेश के समस्त जनपदों में मोर्चा के पदाधिकारियों द्वारा सभी सदस्य विधानसभा व सदस्य विधानपरिषद को ज्ञापन देकर मांगों पर मुख्यमंत्री योगी से निर्णय कराने का आग्रह किया गया।

मांगें न पूरी होने पर होगा बड़ा आंदोलन

मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्रा एवं महासचिव शशि कुमार मिश्र ने बताया कि वेतन समिति की संस्तुतियों को लागू न करने, फ्रीज़ महंगाई भत्ते की किस्तों के भुगतान करने का निर्णय न करने, निजीकरण पर रोक लगाने, कैशलेस इलाज, विभिन्न कॉडर का केंद्र सरकार की भांति पुनर्गठन न करने, वेतन विसंगतियों को दूर न करने, राजकीय निगमों, स्थानीय निकायों के संवर्गों का पुनर्गठन न करने, उनकी मंहगाई भत्ते को राज्य कर्मियों के बराबर न करने व घाटे के नाम पर कर्मचारियों के वेतन भत्ते, सेवानिवृत्ति लाभ न देने, आउटसोर्सिंग यानी संविदा पर रोक व विनियमितीकरण व नियमित भर्ती एवं पदोन्नतिया न करने के कारण प्रदेश का लाखों कर्मचारी शिक्षक अत्यधिक आक्रोशित है। भीषण महंगाई से त्रस्त कर्मचारी अब बड़ा आंदोलन करने के मूड में है। नेताओं ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि मोर्चा की मांगों पर यदि एक सप्ताह में निर्णय न किया गया, तो बाध्य होकर बड़े आंदोलन की घोषणा करेगा।

बीमारी के इलाज का रिम्बर्समेंट भी बंद

मोर्चा के पदाधिकारी जनता के बीच जाकर विभिन्न माध्यमों से यह भी बताएंगे कि कोविड-19 वैश्विक महामारी में जान पर खेलकर मरीजों की सेवा की है। कई कर्मचारी दिवंगत भी हो गए हैं। उनके परिवार भीषण महंगाई से परेशान हैं। जब सरकार संकट में थी, तब कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन देकर सहयोग किया था। अब जब कर्मचारी परिवार संकट में है, तो प्रदेश सरकार उनके बकाया का भुगतान भी नहीं कर रही है। यहां तक की बीमारी के इलाज का रिम्बर्समेंट भी बंद है। इसलिए आंदोलन करने को विवश होना पड़ रहा है। इस बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राजकीय निगम कर्मचारी महासंघ, स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ, माध्यमिक शिक्षक संघ, विकास प्राधिकरण कर्मचारी संयुक्त संगठन, शिक्षणेत्तर कर्मचारी महासंघ, डिप्लोमा फार्मासिस्ट फेडरेशन, फेडरेशन ऑफ फारेस्ट कर्मचारी संघ, राजकीय शिक्षक संघ आदि उपस्थित थे।

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