मानव अंगों की आपूर्ति में सक्रिय हैं तस्करों के गैंग, मिडिल क्लास परिवारों की लड़कियां रहें सतर्क

human organ trafficking : मानव अंग (Human smuggling) उन मरीजों को लिये काफी ज़रूरी होते हैं जिनके अपने शरीर के अंग खराब हो गए हैं।

Report :  Sandeep Mishra
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-11-25 11:16 GMT

मानव अंगों की आपूर्ति में सक्रिय हैं तस्करों के गैंग, लड़कियां रहें सतर्क (सोशल मीडिया)

human organ trafficking: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) समेत देश के कई हिस्सों में विभिन्न तरह की बीमारी से ग्रसित लोगों को मानव अंगों (smuggling of human organs) की जरूरत बनी रहती है।यह मानव अंग (Human smuggling) उन मरीजों को लिये काफी ज़रूरी होते हैं जिनके अपने शरीर के अंग खराब हो गए हैं।क्या कभी आप ने सोचा है कि ये मानव अंग कहाँ से और कैसे उपलब्ध होते हैं?मानव अंग प्रत्यारोपण ( human organ transplant) के आज एक बहुत ही चौकाने वाले पहलू से आपको रूबरू करवाते हैं। जिसको जानकर आपकी रूह भी कांप जाएगी, लेकिन सबसे पहले जानते हैं कि भारत सरकार मानव प्रत्यारोपण (government Of India Human Transplant) के लिये क्या कर रही है।

अंगदान के लिए भारत सरकार के प्रयास

सरकार ने मृतकों के अंगदान को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) व देश में अंगदान को बढ़ावा (angdaan ko badhawa) देने के लिये प्रत्येक वर्ष अंगदान दिवस, सेमिनार, कार्यशाला, वाद विवाद प्रतियोगिताएं इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों का यह असर पड़ा है कि अब लोग अपने शरीर के अंगों को मरणोपरांत दान भी करने लगे हैं, लेकिन अपने शरीर के मरणोपरांत अंगदान करने के प्रति देश व उत्तर प्रदेश के आम आदमी में अभी उतनी जागरूकता नहीं आयी है जिसकी तुलना में मरीजों को अपने खराब अंगों की जगह फ्रेश अंगों की जरूरत है।अब सवाल यह है कि फिर भी मानव अंगों की आपूर्ति कहाँ से और कैसे हो रही है?

लखनऊ से लेकर पूरे उत्तर प्रदेश व देश मे तस्करों का गैंग है सक्रिय

मानव अंगों की तस्करी के विषय में अब जो आगे जानकारी दी जा रही है, उस सनसनीखेज जानकारी के पीछे लखनऊ समेत विभिन्न जिलों में तैनात क्राइम ब्रांच के स्रोतों से हासिल की गई है।आपको यह जानकर कर हैरानी होगी कि मानव अंगों की आपूर्ति के लिए लखनऊ से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में मानव अंग तस्करों का एक पूरा गैंग सक्रिय है।इस गैंग में कई सफेदपोश डॉक्टर व लोग शामिल हैं।उत्तरप्रदेश पुलिस ने इस संदर्भ में कुछ खास जानकारियां भी जुटा लीं है अब बहुत जल्द ही ऐसे तस्करी गैंग के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाही होने वाली है।

मिडिल क्लास परिवारों की लड़कियां रहें सतर्क

अमूमन यह देखा जाता है कि उत्तर प्रदेश व देश मे रहने वाली मिडिल क्लास परिवारों की लड़कियां सिगरेट,गुटखा व शराब जैसे व्यसनों से दूर रहतीं हैं।इन मानव अंग तस्करों के गैंग से इन्ही परिवारों की भोली भाली लड़कियां निशाने पर रहतीं हैं।इन तस्कर गिरोह से जुड़े लोग यह मानकर चलते हैं कि इनके शरीर का हर अंग जैसे दिल, लीवर, किडनी, आंते सभी अंग ट्रांसप्लांट के लिए सर्वोत्तम रहते हैं।

प्रोफेशनल क्रिमिनल फँसाते है इन लड़कियों को अपने जाल में

ये प्रोफेशनल क्रिमिनल रुपये कमाने के लिये कुछ भी कर सकते हैं।लखनऊ क्राइम ब्रांच के स्रोतों के अनुसार इन मिडिल क्लास लड़कियों के मानव अंग तस्कर गैंग के ये सदस्य धीरे धीरे अपने जाल में फँसाते हैं फिर अपने साथ बहला फुसलाकर भगा ले जाते हैं।पहले तो कुछ दिन व कुछ माह तक इन लड़कियों के साथ जमकर शारीरिक शोषण किया जाता है फिर इन्हें मार दिया जाता है फिर इस गैंग में शामिल डॉक्टर इनके शरीर के अंगों को निकाल लेते हैं जिन्हें बाद में जरूरतमन्दों को बेच दिया जाता है।

हर वर्ष 2 से चार लाख लड़कियां गायब हो रही हैं

इस क्षेत्र में काम कर रहे कुछ एनजीओ के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों में मिडिल क्लास परिवारों की 2 से 4 लाख लड़कियों के गायब होने का औसत आंकड़ा है।इस तरह की लड़कियां जब इस स्थिति में गायब हो जातीं है तो तब थाने में बस यही रिपोर्ट दर्ज होती है कि आशिकी में लड़की घर से भाग गई है।फिर हल्की धाराओं में केस रजिस्टर्ड होता है । कुछ दिन ऐसी गायब लड़कियों पुलिस तलाश करती है फिर सब कुछ ठंडे बस्ते में चला जाता है।इस तरह की शिकार उन्ही मिडिल क्लास के परिवारों की लड़कियों निशाना बनाया जाता है जिनके परिवार वक्त के थपेड़ों के चलते आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो जाते हैं।ऐसे परिवारों की लड़कियों को इस गैंग के लोग अपने कथित प्यार में जाल में फांसकर व नौकरी दिलाने का लालच देकर भगा ले जाते हैं।

यूपी पुलिस की नजर में आ गया है ये रैकेट, जल्द होंगी ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाहियां

सूबे के लखनऊ समेत विभिन्न जनपदों में सक्रिय क्राइम ब्रान्च की टीम के रडार पर इस गैंग से जुड़े लोगों का काला चिठ्ठा हाथ लग चुका है।इस रैकेट का खुलासा करने के लिए सूबे की खुफिया एजेंसियां भी अब सक्रिय भूमिका में आ चुकीं हैं। अब बहुत जल्द इस गैंग से जुड़े लोग सलाखों के पीछे होंगे।

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