Lucknow Viral Video: महिला दरोगा ने नहीं सुनी पीड़ित महिला की गुहार, जानें क्या है पूरा मामला
Lucknow Viral Video: महिला सशक्तिकरण का दावा करने वाली लखनऊ कमिशनरेट पुलिस की पोल वायरल वीडियो ने खोल कर रख दी है। ये मामला राजधानी के पारा पुलिस स्टेशन में स्थापित महिला हेल्प डेस्क का है।
Lucknow Viral Video: राजधानी के थानों में पीड़ित महिलाओं की कोई फरियाद नही सुनी जा रही है। चौकाने वाली बात तो यह है कि महिला हेल्प डेस्क पर तैनात की गई महिला दरोगा भी इन पोडित महिलाओं की कोई फरियाद नहीं सुन रही हैं। महिला सशक्तिकरण का दावा करने वाली लखनऊ कमिशनरेट पुलिस की पोल वायरल वीडियो ने खोल कर रख दी है। ये मामला राजधानी के पारा पुलिस स्टेशन में स्थापित महिला हेल्प डेस्क का है।
बता दें कि वायरल वीडियो इस बात की साफ-साफ गवाही दे रहा है कि योगी सरकार ने जिस उद्देश्य से राजधानी के पुलिस स्टेशनों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना करवाई है, ये महिला हेल्प डेस्क लापरवाह महिला पुलिस अधिकारियों के कारण अपने मकसद से मीलों दूर दिखाई दे रही हैं।
इस वायरल वीडियो में पीड़ित महिला अपनी व्यथा सुनाने के लिये पिछले दो दिनों से रोती बिलखती हुई राजधानी के पारा पुलिस स्टेशन की महिला हेल्प डेस्क पर तैनात महिलाओं के पास चक्कर लगा रही है। लेकिन इस पीड़ित महिला को न्याय मिलना तो दूर की बात है यहां महिला हेल्प डेस्क पर तैनात महिला दरोगा उसकी बात तक नहीं सुन रही हैं। यह वायरल विडियो इस बात का साफ प्रमाण दे रहा है कि राजधानी की महिला पुलिसकर्मी किस हद तक महिला सशक्तिकरण की धज्जियां उड़ा रही हैं।
पारा थाने की महिला हेल्प डेस्क पर तैनात महिला दरोगा के सामने पीड़ित महिला रो रही है। लेकिन यह महिला दरोगा उसे किसी भी तरह से कोई तवज्जो नहीं दे रही है। यह वीडियो इस बात की गवाही है। यह साफ साफ बता रहा है कि पीड़ित महिलाआंे की शिकायते सुनने में पारा थाने में तैनत महिला दरोगा कोई रुचि नहीं ले रही हैं। पीड़ित महिला का कहना है कि 2 दिन से इस थाने के चक्कर लगा रही है लेकिन अब तक उसकी समस्या कोई नही सुन रहा है।
अब इन परिस्तिथियों में यह दावा कैसे किया जा सकता है कि राजधानी के थानों में विधिवत पीड़ित महिलाओं की सुनवायी हो रही है। क्या पुलिस का यह रवैया योगी सरकार के महिला सशक्तिकरण अभियान को कलंकित नहीं कर रही है? सरकार की छवि बचाने के लिये राजधानी के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर को बेहद गम्भीर कदम उठाने होंगे। अन्यथा ऐसी घटनाएं राजधानी की मित्र पुलिस की छवि को बिगाड़ ही रहीं हैं।