UP Election 2022: VVIP सीट अमेठी में फंसा पेंच, बीजेपी में दिग्गज आमने-सामने, कांग्रेस को भी दमदार प्रत्याशी की तलाश

वीवीआइपी सीट अमेठी विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार नहीं तय किए हैं। वहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट से अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Published By :  aman
Update: 2022-02-03 05:55 GMT

यूपी इलेक्शन 2022 

UP Election 2022: वीवीआइपी सीट अमेठी विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार नहीं तय किए हैं। वहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट से अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है और सपा प्रत्याशी महराजी देवी ने नामांकन भी दाखिल कर दिया है लेकिन बीजेपी और कांग्रेस ने इस सीट पर उम्मीदवार किसे बनाया जाए इस पर मंथन जारी है। क्योंकि इस सीट पर मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और अमेठी के पूर्व सांसद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।

स्मृति ईरानी के सामने जहां बीजेपी की जीत बरकरार रखने की चुनौती है तो वहीं कांग्रेस आलाकमान के पास अपने पुराने घर की जमीन को वापस पाने की ललक है। यही वजह है कि यह दोनों राष्ट्रीय पार्टियां अब तक इस सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाई हैं।

बीजेपी में परिवार के बीच फंसी सीट

सबसे पहले बात बीजेपी की करें तो यहां परिवार के बीच की जंग की वजह से बीजेपी में मामला फ़सा है।मौजूदा समय में अमेठी की महारानी और राजा डॉ संजय सिंह की पहली पत्नी रानी गरिमा सिंह यहां विधायक हैं, लेकिन संजय सिंह 2019 के चुनाव के बाद अपनी दूसरी पत्नी के साथ एक साल की राज्यसभा की सदस्यता छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। अब वह अपनी दूसरी पत्नी अमिता सिंह के लिए इस सीट से टिकट जा रहे हैं। क्योंकि बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा भी नहीं भेजा है।

दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी में शामिल होने के बाद डॉक्टर संजय सिंह आज तक अमेठी में केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी के साथ एक भी मंत्री बार मंच साझा करते नहीं दिखाई दिए हैं उनकी दूसरी पत्नी और विधायक गरिमा सिंह की स्मृति के साथ मंच साझा करती रही हैं ऐसे में कहा जा रहा है कि स्मृति की पसंद से ही यहां प्रत्याशी तय होना है लेकिन संजय सिंह भी यहां के राजा हैं और पार्टी में अपनी सांसदीय छोड़ कर बीजेपी में आये हैं तो उनकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती। ऐसे में स्मृति ईरानी और राजा संजय सिंह के बीच अमेठी की यह सीट फंसी हुई है। अब देखना यह होगा कि स्मृति ईरानी की पसंद का कोई उम्मीदवार होता है या राजा संजय सिंह अपनी दूसरी पत्नी अमिता सिंह को टिकट दिलाने में कामयाब होते हैं।

राजेश मसाला की भी चर्चा

अमेठी में यह भी चर्चा जोरों पर है की स्मृति ईरानी के सबसे खास कारोबारी और जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश मसाला को भी यहां से टिकट मिल सकता है। क्योंकि राजेश मसाला इस क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं और लोगों के बीच उनकी एक अलग पहचान है। सबसे मजबूत कड़ी उनकी स्मृति ईरानी के करीबी होने का है जिस वजह से उन्हें भी टिकट मिलने के कयासबाजी चल रही है।

सपा ने गायत्री प्रजापति की पत्नी को बनाया उम्मीदवार

वहीं समाजवादी पार्टी ने अखिलेश सरकार में खनन मंत्री रहे और जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महराजी देवी देवी पर दांव लगाया है महाराज जी देवी ने बुधवार को अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है महाराज जी देवी के प्रति क्षेत्र में संवेदनाएं भी देखी जा रही हैं वह अपने परिवार के साथ चुनाव प्रचार कर अपने पति गायत्री प्रजापति को फंसाने का आरोप लगाकर वोट मांग रही हैं। कहा जा रहा है कि ओबीसी में महराजी देवी के प्रति संवेदनाएं भी देखी जा रही हैं इस सीट पर उनके चुनाव लड़ने से समाजवादी पार्टी मजबूत स्थिति में भी है।

बसपा ने रागिनी तिवारी को बनाया उम्मीदवार

वहीं बसपा ने रागिनी तिवारी पर दांव लगाया है, रागिनी तिवारी अमेठी के भेटुआ के रहने वाले शशिकांत तिवारी की पत्नी हैं। कांग्रेस से बीएसपी में आए शशिकांत तिवारी के संबंध सतीश चंद्र मिश्रा से बताए जाते हैं और यही वजह है कि बिना कोई बड़ा राजनीतिक बैकग्राउंड के उन्हें अमेठी से चुनाव मायावती ने लड़ाया है।

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