यूपी में गन्‍ने का रेट 425 से कम मिला, तो प्रदेशभर में होगा आंदोलन: राकेश टिकैत

यूपी सरकार गन्ने का रेट (Sugarcane Rate) बढ़ाने की कवायद में जुटी है।

Newstrack :  Network
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-09-26 02:47 GMT

यूपी में गन्‍ने का रेट 400 से कम मिला, तो प्रदेशभर में होगा आंदोलन (social media)

Tiन कृषि कानूनों के खिलाफ 10 महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों ने यूपी में गन्‍ने के दाम की अपनी मांग को फिर से दोहराया है। भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya kisaan union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने शनिवार को कहा कि यूपी में किसानों को गन्ने का रेट सवा चार सौ रुपये क्विंटल से एक पाई भी कम मंजूर नहीं होगा। अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया, तो किसान सूबे की सरकार की भी मोर्चेबंदी करेगी।

सरकारी उनकी बात नही मानी, तो वह प्रदेशभर में प्रदर्शन करेगी

राकेश टिकैत ने आगे कहा कि बीजेपी ने 2017 में अपने घोषणा-पत्र में गन्ने का रेट 370 रुपये प्रति क्विंटल करने का वादा करके सरकार में आई थी। अब इस रेट में साढ़े चार साल में बढ़ी महंगाई का भी हिसाब जोड़ लिया जाना चाहिए। उन्हें जानकारी मिली है कि यूपी सरकार गन्ने का रेट (Sugarcane Rate) बढ़ाने की कवायद में जुटी है। किसान को अगर गन्ने का सही रेट नहीं मिला, तो भाकियू (BKU) प्रदेशभर में जबरदस्त आंदोलन करेगी। यूपी सरकार किसान के ट्यूबवैल के लिए 170 रुपये प्रति हॉर्सपावर की दर से बिजली दे रही है, जबकि हरियाणा में 15 रुपये प्रति हॉर्सपावर ही किसानों को देना पड़ता है।

दस रुपये बढ़ाने के बाद गन्ने का रेट फिर नहीं

टिकैत ने कहा कि 2007 में बनी बीएसपी सरकार ने अपने कार्यकाल में गन्ने के रेट में कुल मिलाकर 115 रुपये का इजाफा किया था। अखिलेश यादव की सरकार में भी गन्ने का रेट 65 रुपये बढ़ा, लेकिन जब से बीजेपी सरकार आई है, शुरुआत में दस रुपये बढ़ाने के बाद गन्ने का रेट फिर नहीं बढ़ा। यूपी का किसान अवारा पशुओं से हो रहे नुकसान से तंग आ चुका है. अगर सरकार किसान की बात नहीं सुनती है तो किसान चुनाव में इसका जवाब देगा। सरकार की नीतियों के कारण अवारा पशुओं से फसल को हो रहे नुकसान का खामियाजा भी भुगते रहे हैं।

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