IPS Ajay Raj Sharma: आईपीएस अजय राज शर्मा का निधन, एसटीएफ की रखी थी नींव, चंबल में डाकुओं का किया था सफाया
IPS Ajay Raj Sharma: आईपीएस अजय राज शर्मा उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के रहने वाले थे। वह 1966 बैच के आईपीएस हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा देहरादून के सेंट जोसेफ एकेडमी में हुई।;
ips ajay raj sharma
IPS Ajay Raj Sharma: उत्तर प्रदेश से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक अपने उल्लेखनीय कार्यो के लिए जाने जाने वाले आईपीएस अजय राज शर्मा का 80 साल की आयु में को निधन हो गया। वह काफी लंबे से बीमार चल रहे थे। आईपीएस दिल्ली पुलिस पहले ऐसे कमिश्नर थे जिनकी तैनाती एजीएमयूटी कैडर को दरकिनार कर की गयी थी। तत्कालीन गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी आईपीएस अजय राज शर्मा को यूपी कैडर लाए थे।
कौन हैं आईपीएस अजय राज शर्मा
आईपीएस अजय राज शर्मा उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के रहने वाले थे। वह 1966 बैच के आईपीएस हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा देहरादून के सेंट जोसेफ एकेडमी में हुई। इसके बाद 1956 में उन्होंने इलाहाबाद के क्रिश्चियन पब्लिक स्कूल में 12वीं की पढ़ाई पूरी की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और फिर परास्नातक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। मेहनत और लगन के बल पर अजय राज शर्मा ने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर लिया और आईपीएस अधिकारी बन गये।
ट्रेनिंग के बाद चंबल में मिली पहली तैनाती
आईपीएस अजय राज शर्मा को ट्रेनिंग के बाद चंबल में पहली तैनाती मिली। 1970 के दशक में चंबल में डाकुओं का आतंक था। उकी तैनाती के दौरान एक महिला डाकू गुल्लो ने सब इंस्पेक्टर महाबीर सिंह की हत्या कर दिया। इसके बाद उनका अपराधियों के प्रति सोच का नजरिया बदल गया। उन्होंने इस हत्याकांड का बदला लेने की ठानी। हालांकि उनका तबादला कर दिया गया। लेकिन इस घटना के ठीक चार साल बाद उन्हें चंबल की घाटियों से डाकुओं के आतंक को खत्म करन का जिम्मा मिला। जिसके बाद आईपीएस अजय राज शर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने दो खूंखार डाकुओं लज्जाराम पंडित और कुंवरजी गडरिया का मुठभेड़ में ढेर कर दिया।
इसके बाद उन्होंने एक एनकांउटर में 13 डाकुओं के गैंग के सदस्यों को भी मिट्टी में मिला दिया। यह मुठभेड़ राजस्थान में घुसकर किया गया था। यह पहला ऐसा एनकाउंटर था जोकि इतने बड़े पैमाने पर किया गया। जब कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को मारने के लिए सुपारी ली। तब उत्तर प्रदेश में स्पेशल टास्क फोर्स बनाया गया। जिसका चीफ आईपीएस अजय राज शर्मा का बनाया गया। अजय राज शर्मा ने श्रीप्रकाश शुक्ला को ढेर कर दिया। एसटीएफ की नींव आईपीएस अजय राज शर्मा के नेतृत्व में ही रखा गया था।