Uttar Pradesh News : घटनाएं जिससे दहल गया उत्तर प्रदेश, पुलिस समेत प्रशासन पर उठे नाकामी के कई सवाल

Uttar Pradesh News : आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में घटी कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में जिनसे उत्तर प्रदेश समेत पूरा देश दहल गया ।

Report :  Rajat Verma
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-10-06 19:52 IST

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में दिन-ब-दिन घटित हो रही हिंसक और अमानवीय घटनाएं प्रदेश की पुलिस और प्रशासन को नाकामी के कठघरे में खड़ा कर दे रही हैं। प्रदेश की वर्तमान योगी सरकार पर तमाम ऐसे सवाल उठ रहे हैं, जिसका जवाब देने की बजाय सरकार बचाव ढूंढती नज़र आ रही है।

आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में घटी कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में जिनसे उत्तर प्रदेश समेत पूरा देश दहल गया । इन घटनाओं ने प्रदेश प्रशासन और पुलिस की नाकामी को सवालिया घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है-

1. उन्नाव रेप कांड

उन्नाव रेप कांड (फोटो- सोशल मीडिया)

4 जून, 2017 को उन्नाव के बांगरमऊ में 17 वर्षीय एक किशोरी नौकरी के सिलसिले में तत्कालीन भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से मिलने पहुंची थी । उसी मुलाकात के कुछ दिनों बाद किशोरी ने आरोप लगाया कि विधायक कुलदीप सेंगर ने उनके साथ बलात्कार (Unnao Rape Kand) किया है। पीड़ित परिवार द्वारा न्यायालय में जाने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। लेकिन इसके बाद भी घटना संबंधित कोई भी जांच-पड़ताल पुलिस द्वारा नहीं की गयी।

पीड़ित परिवार ने कुलदीप सेंगर पर धमकी देने, समझौते का दबाव बनाने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया। घटना के तूल पकड़ने के बाद CBI को मामले की जांच के आदेश दिए गए ।

जिसका नतीजा यह हुआ कि CBI द्वारा किशोरी के बलात्कार के आरोप की पुष्टि कर दी गयी। आरोपी कुलदीप सेंगर पर भारतीय दंड संहिता (IPC) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) की 4 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। भाजपा ने विधायक को पद तथा पार्टी से निष्काषित कर दिया।

2. विवेक तिवारी हत्याकांड (लखनऊ)

विवेक तिवारी हत्याकांड (फोटो- सोशल मीडिया)

29 सितंबर की रात को उत्तर प्रदेश पुलिस पर 38 वर्षीय एप्पल स्टोर मैनेजर विवेक तिवारी (Vivek Tiwari Hatyakand Lucknow) को जान से मारने के तथाकथित आरोप लगे थे। मामला शिनवार रात लखनऊ शहर के गोमतीनगर इलाके का था, जब विवेक तिवारी एक महिला के साथ अपनी कार में बैठे थे ।

तभी मौके पर गस्त कर रहे दो पुलिस वालों ने उनसे उस वक़्त वहां मौजूद होने का कारण पूछा। मौके पर मौजूद कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने जानकारी देते हुए कहा था कि विवेक तिवारी ने तेज़ी से पुलिस वालों पर कार चढ़ाने को कोशिश की जिसके जवाब में आत्मरक्षा के चलते पुलिस को गोली चलानी पड़ी।

विवेक की पत्नी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिख मामले में निष्पक्ष जांच कराए जाने को लेकर गुहार लगाई थी।

जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज़रूरत पड़ने पर CBI जांच कराने और दोषियों को बख्शे ना जाने को लेकर विवेक की पत्नी को आश्वासन दिया।

न्यायालय में कुछ भी साबित ना होने के चलते हाल ही में मार्च, 2021 को हाईकोर्ट ने इस मामले पर फैसला दिया कि विवेक तिवारी हत्याकांड के आरोपी की बर्खास्तगी रद्द होने के साथ-साथ सिपाही को पुनः पुलिस सेवा में बहाल किया जाए।

3. इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह हत्याकांड (बुलंदशहर)

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह हत्याकांड (फोटो- सोशल मीडिया)

3 दिसंबर, 2018 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भड़की हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Inspector Subodh Kumar Singh Hatyakand) की हत्या हो गई थी।

तत्कालीन बुलंदशहर पुलिस (Bulandshahr Police) अधीक्षक अतुल श्रीवास्तव के आदेश पर हत्याकांड और दंगों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा 38 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। कुल 38 लोगों में से पांच के खिलाफ इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के तहत चार्ज लगाए गए थे।

इसी के साथ बजरंग दल के स्थानीय संयोजक योगेश राज और बीजेपी यूथ विंग के नेता शिखर अग्रवाल के खिलाफ कथित गोहत्या मामले को लेकर हिंसा और आगजनी भड़काने के चलते केस दर्ज किया गया था।

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को दंगाइयों द्वारा सिर में तब गोली मारी गई थी जब वह दंगाइयों द्वारा फैलाई गई हिंसा को काबू करने में लगे हुए थे।

4. सोनभद्र हत्याकांड

सोनभद्र हत्याकांड (फोटो- सोशल मीडिया)

2019 में लोकसभा चुनाव के बाद सोनभद्र हत्याकांड (Sonabhadr Hatyakand Biraha) की घटना ने पूरे देश को दहला दिया था। मामला 17 जुलाई, 2019 से जुड़ा है जब सोनभद्र जिले के उभ्भा गांव में भूमि संबंधी विवाद के चलते 11 आदिवासियों को जान से मार दिया गया था।

17 जुलाई, 2019 को भूमि विवाद मामले के चलते दो पक्षों में लाठी-डंडे और धारदार हथियारों से झड़प हो गई थी । इसके चलते 11 लोगों की मौत हो गई। दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए थे।

इस घटना के बाद भी आदिवासियों की सुरक्षा के मद्देनजर कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई । हालांकि सूचना के अनुसार सरकारी घोषणाओं के अनुरूप मृतकों के परिजनों को जमीन का पट्टा, शौचालय, राशनकार्ड और करीब 18 लाख रुपये उपलब्ध कराए गए थे।

5. CAA और NRC विरोध प्रदर्शन

CAA और NRC विरोध प्रदर्शन (फोटो- सोशल मीडिया)

दिसंबर, 2019 में केंद्र सरकार द्वारा लाये CAA (Citizenship Amendment Act) और NRC (Nation Register for Citizens) के विरोध में देश समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हुए थे। लखनऊ और अन्य ज़िलों में भी इस कानून के विरोध में भयानक हिंसा भड़क गई थी।

सरकार पर कथित तौर पर आरोप लगे कि कानून के विरोध में प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस की कार्यवाही में करीब 23 लोगों की जान गई और 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए लोगों में प्रदेश के प्रख्यात वकील, शिक्षक, समाजिक कार्यकर्ता आदि शामिल थे।

प्रदेश में तमाम जगह विरोध प्रदर्शनों के चलते केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार इन सवालों के घेरे में आ गयी कि यदि सरकार के मुताबिक CAA और NRC कानून जनता के हित का है और जनता ही इसके खिलाफ आवाज़ उठा रही है तो इस कानून का कार्यान्यवन क्यों जरूरी है।

6. विकास दुबे हत्याकांड (कानपुर)

विकास दुबे हत्याकांड (फोटो- सोशल मीडिया)

कानपुर के बिकरु निवासी गैंगस्टर विकास दुबे हत्याकांड (Vikas Dubey Hatyakand) प्रदेश समेत पूरे देश में सनसनी का विषय बना हुआ था। जुलाई, 2020 को कानपुर के बिकरु में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने उसको पकड़ने गयी पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसते हुए डीएसपी और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।

घटना के बाद विकास दुबे मौके से फरार हो गया । कई दिनों बाद उसकी मौजूदगी की सूचना मध्य प्रदेश के उज्जैन में मिली। सूचना मिलने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम को उसे लाने उज्जैन भेज गया । जिसके बाद उसे वापस लाते समय रास्ते में पुलिस एनकाउंटर में उसकी मौत हो गयी।

पुलिस ने इस घटना से सम्बंधित जानकारी देते हुए कहा था कि विकास दुबे जिस गाड़ी में बैठा था वह गाड़ी सड़क पर पलट गई। विकास दुबे गाड़ी से उतारकर भागने लगा जिसके बाद पुलिस एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई।

7. महंत नरेंद्र गिरि की मौत (प्रयागराज)

महंत नरेंद्र गिरि (फोटो- सोशल मीडिया) 

प्रयागराज के बाघंबरी मठ के कर्ताधर्ता महंत नरेंद्र गिरि की मौत (Mahant Narendra Giri Suicide) के मामले ने एक बार फिर योगी सरकार पर सवालिया निशान खड़े कर दिए और वापस से "योगी सरकार में योगी असुरक्षित" ट्रेंड करने लगा।

महंत नरेंद्र गिरि द्वारा 8 पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या का मामला हाल ही में सितंबर 2021 को सामने आया । जिसमें उन्होंने आनंद गिरि , आद्या प्रसाद तिवारी समेत 3 लोगों को उन्हें ब्लैकमेल करने और उनकी मौत का जिम्मेदार बताया। इसके जवाब में उत्तर प्रदेश ने SIT गठित की। मामले की जांच शुरू हुई और आनंद गिरि तथा आद्या प्रसाद तिवारी समेत 3 लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

8. जमीन व्यवसायी हत्याकांड (गोरखपुर)

हाल ही में 29 सितंबर को कानपुर निवासी जमीन व्यवसायी की गोरखपुर में पुलिसकर्मी द्वारा हत्या का मामला सामने आ गया। सूचना के अनुसार गोरखपुर पुलिस कर्मियों ने मामूली सी बात पर कानपुर निवासी जमीन व्यवसायी की निर्मम हत्या कर दी। विपक्षियों द्वारा इस घटना को बेहद कड़े अंदाज़ में उछाला गया।

प्रदेश में व्याप्त अराजकता पर खुलकर बात की गई। इस मामले ने इस क़दर तूल पकड़ा की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार से मिलते हुए जल्द से जल्द मामले पर सुनवाई करते हुए दोषी को सज़ा देने का वायदा किया।

पोस्टमार्टम में व्यवसायी के सर पर चोट के निशान मिले हैं। इससे साफ है कि इसी चोट के चलते व्यवसायी की मौत हुई । मामले को हुए संभालते प्रदेश सरकार ने मृत व्यक्ति की पत्नी को सरकारी सहायता के रूप में धनराशि दी।

9. तिहरा हत्याकांड (कानपुर)

तिहरा हत्याकांड (फोटो- सोशल मीडिया) 

1 अक्टूबर रात की घटना में कानपुर के फज़लगंज निवासी परचून व्यापारी प्रेमकिशोर, उनकी पत्नी गीता और बेटे नैतिक को अज्ञात लोगों ने धारदार चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी।

हालांकि 24 घंटे के भीतर पुलिस ने हत्यारे को धर दबोचा और हत्यारा कोई अंजान या दुश्मन नहीं बल्कि प्रेमकिशोर का एक पुराना दोस्त और उसका साथी निकला। पकड़े गए हत्यारे की पहचान इटावा निवासी गौरव शुक्ला उर्फ शिवम तथा उसके साथी की पहचान इटावा निवासी हिमांशु के रूप में हुई है। दोनों हत्यारे सुबह दिल्ली जाने के चलते रात में प्रेमकिशोर के घर आए थे और सुबह होने से पहले हत्या और लूटपाट करके भाग गए।

10. सपा नेता हत्याकांड (कानपुर)

सपा नेता हत्याकांड (फोटो- सोशल मीडिया) 

1 अक्टूबर को देर रात में कानपुर बर्रा निवासी और समाजवादी पार्टी के युवा नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार उसे कई गोलियां मारी गई।हमलावर ने एक गोली कनपटी पर बंदूक सटाकर मारी ।

इसके बाद हमलावर मौके से फरार हो गए । घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुची। उसने शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

इस घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार किया । तमंचा व गाड़ी भी बरामद की गई थी। हालांकि हत्या के कारणों का पता अभी तक पुलिस नहीं लगा पाई है।

11. किसान हत्याकांड (लखीमपुर खीरी)


रविवार को लखीमपुर खीरी में किसान बिल क़ानून के विरोध में हुई हिंसा (Kisan Hatya Kand) के चलते 8 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। रविवार को लखीमपुर में उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की जनसभा में तब हड़कंप मच गया।

जब तेज़ी से आती गाड़ियों ने आंदोलन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, इस घटना को लेकर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि किसानों को रौंदती गाड़ियां लखीमपुर खीरी से सांसद और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र 'टेनी' के पुत्र आशीष मिश्र और उनके साथियों की थी।

इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आ रहा है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से तेज़ रफ़्तार गाड़ियों ने किसानों को रौंदा।

मामले को लेकर समूचे देश में आक्रोश का माहौल बना हुआ है। पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा तमाम अन्य पार्टियों के नेताओं को लखीमपुर जाने की इजाज़त नहीं थी । लेकिन बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने हर राजनैतिक दलों से 5 लोगों को लखीमपुर जाने की इजाज़त दे दी है। इसके चलते राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, संजय सिंह समेत तमाम अन्य नेता लखीमपुर जाने के लिए रवाना हो।गए हैं।

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