World AIDS Day: अभी तक नहीं बनी HIV वैक्सीन, 2020 में हुई 6 लाख से ज़्यादा मौतें,

World AIDS Day: पूरे विश्व में साल 2020 में एड्स (AIDS) से 6.8 लाख लोगों की मृत्यु हुई थी। जबकि, 3.77 करोड़ लोग इससे संक्रमित हुए थे।

Written By :  Shashwat Mishra
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-11-30 14:44 GMT

World AIDS Day (फोटो- सोशल मीडिया) 

Lucknow : विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक- "पूरे विश्व में साल 2020 में एड्स (AIDS) से 6.8 लाख लोगों की मृत्यु हुई थी। जबकि, 3.77 करोड़ लोग इससे संक्रमित हुए थे।' यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं। इन्हें देखकर लोगों में डर पैदा होता है और होना भी चाहिए। क्योंकि, यह एक लाइलाज बीमारी है। और तो और लगभग चार दशक पुरानी इस बीमारी की अभी तक कोई वैक्सीन भी नहीं बन सकी है।

हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जाता है। जिससे इस बीमारी से सम्बंधित जानकारियां लोगों को बताई जा सकें। आमजनमानस को इससे बचाव के तरीके भी मालूम हों।

'HIV संक्रमण के साथ जी रहे लोगों को दें सम्मान'

इस बारे में बात करते हुए यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (UPSACS) की परियोजना निदेशक अनीता सी. मेश्राम (Anita C Meshram, UP State AIDS Control Society) ने बताया कि ''एचआईवी संक्रमण के साथ जी रहे लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए उन्हें शिक्षा, रोजगार, कार्यक्षेत्र में हर जगह सम्मान देना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश के हर एक नागरिक को एकजुट होकर अपनी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी को निभाना होगा।

ट्रांस समुदाय के लिए उत्तर भारत का पहला क्लिनिक लखनऊ में
(Trans Samuday Ke Liye Uttar Bharat Ka Pehla Clinic Lucknow Mein)

एचआईवी से ग्रसित होने वाले ट्रांस समुदाय के लोगों को ध्यान में रखते हुए एक अलग क्लिनिक लखनऊ (North India's first clinic for trans community in Lucknow) खोला गया है। जहां ट्रांस समुदाय से ताल्लुक रखने वाले ही लोगों का स्टॉफ है। यह इस तरह का उत्तर भारत में पहला क्लिनिक है। अनीता सी. मेश्राम ने बताया कि इस क्लिनिक में ट्रांस समुदाय हेतु एचआईवी रोकथाम की सारी सेवाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं।

'मॉडर्ना' बना रही है वैक्सीन
moderna vaccine manufacturer country

बता दें कि, एचआईवी की वैक्सीन बनाने के लिए 30 से ज्यादा बार कोशिशें की गई हैं। मग़र, अभी तक सफलता हाथ नहीं लग पाई। हाल ही में अमेरिका की बायोटेक्नोलॉजी कंपनी 'मॉडर्ना' को ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी दी गई है। एम-आरएनए तकनीक से यह वैक्सीन विकसित की जा रही है। जिससे उम्मीद की जा रही है कि यह प्रयोग सफल होगा और लोगों को पोलियो के बाद इससे भी निजात मिलेगी।

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