Awadhesh Rai Murder Case: क्या है अवधेश राय हत्याकांड, जिसने यूपी की सत्ता से लेकर देश को भी हिला दिया था
Awadhesh Rai Murder Case: तीन दशक से अधिक समय चले सुनवाई के बाद वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाने जा रही है। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार को ऑनलाइन कोर्ट में पेश किया जाएगा।
Awadhesh Rai Murder Case: पूर्वांचल के माफिया डॉन और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के खिलाफ एक और चर्चित मामले में अदालत का आज फैसला आने वाला है। 32 साल पुराना यह मामला पूर्व मंत्री और विधायक अवधेश राय हत्याकांड से जुड़ा है। तीन दशक से अधिक समय चले सुनवाई के बाद वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाने जा रही है। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार को ऑनलाइन कोर्ट में पेश किया जाएगा। जबकि केस के एक अन्य आरोपी को फिजिकली पेश किया जाएगा।
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क्या है अवधेश राय हत्याकांड ?
पिंडरा विधानसभा के कई बार के विधायक और पूर्व मंत्री अवधेश राय की दिनदहाड़े हुई हत्या ने 90 के दशक में यूपी की राजनीति हिला कर रख दिया था। साथ ही इस हत्याकांड ने जरायम की दुनिया में माफिया मुख्तार अंसारी को भी स्थापित कर दिया था। जिस समय यह कांड हुआ था, उस समय तक मुख्तार की एंट्री राजनीति की दुनिया में नहीं हुई थी। लेकिन तब तक उसके पर माफिया का टैग लग चुका था।
3 अगस्त 1991 की सुबह आम दिनों की ही तरह थी। वाराणसी के चेतगंज थाना क्षेत्र के लहुराबीर इलाके में स्थित अपने आवास के बाहर अवधेश राय अपने छोटे भाई और कांग्रेस नेता अजय राय के साथ किसी चर्चा में मशगूल थे। ठीक उसी वक्त उनके करीब एक मारूति वैन आई, जिसमें हथियारबंद बदमाश बैठे थे। टारगेट के पास पहुंचते ही बदमाशों ने फायरिंग करना शुरू कर दिया। राय को गोलियों से छलनी कर दिया गया था।
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पूर्व मंत्री के जमीन पर गिरते ही हमलावर वहां से भाग निकले। अजय राय ने आननफानन में अपने बड़े भाई को कबीर चौरा अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना को लेकर अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह, राकेश न्यायिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इनमें से कमलेश और अब्दुल कलाम की मौत हो चुकी है। बाद में इसकी जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई।
पूर्व मंत्री अवधेश राय की हत्या मुख्तार अंसारी गैंग के द्वारा उस समय किया गया सबसे हाईप्रोफाइल मर्डर था। इस हत्याकांड के बाद मुख्तार ने भी अगले कुछ सालों में राजनीति में कदम रख दिया। धनबल, बाहुबल और सत्ता की मदद से उसने सालों तक इस केस को दबाने की कोशिश की और काफी हद तक कामयाब भी रहा। मुख्तार अंसारी ने जब इस वारदात को अंजाम दिया था,उस समय वह विधायक नहीं थी, और अब जेल इस मामले में कोर्ट सजा सुनाने जा रही है तब भी वह विधायक नहीं है। माना जा रहा है कि इस मामले में माफिया डॉन को अब तक की सबसे कड़ी सजा मिल सकती है।