कैंसर को मात देने के लिए यहां 19 अक्टूबर को होगा बड़ा आयोजन, जानें इसके बारे में

ब्रेस्ट कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से दो-दो हाथ कर उसे हराने वाली लखनऊ की बहादुर महिलाएं बॉलीवुड अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे और भजन गायिका तृप्ति शाक्या की मौजूदगी में आगामी 19 अक्टूबर को फैशन वॉक में जलवा बिखेरेंगी।

Update: 2023-08-29 12:53 GMT

लखनऊ: ब्रेस्ट कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से दो-दो हाथ कर उसे हराने वाली लखनऊ की बहादुर महिलाएं बॉलीवुड अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे और भजन गायिका तृप्ति शाक्या की मौजूदगी में आगामी 19 अक्टूबर को फैशन वॉक में जलवा बिखेरेंगी।

इस फैशन वॉक के जरिये यह वीरागंनाएं यह संदेश देंगी कि ब्रेस्ट कैंसर को न केवल हराया जा सकता है बल्कि इससे उनकी सुंदरता पर भी कोई असर नहीं पड़ता है।

इस रैम्पवाक के आयोजक केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आनन्द कुमार मिश्रा ने बताया कि लखनऊ ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप (एलबीसीएसजी) मीट 2019 सांइटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित की जा रही है।

उन्होंने बताया कि बीते मई माह में 20 महिलाओं से शुरू हुआ यह ग्रुप अब 55-60 महिलाओं तक पहुंच चुका है और इसमे दो पुरुष भी शामिल है।

डा. मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम में बताया जायेगा कि ब्रेस्ट कैंसर कोई शर्माने और छिपाने की चीज नहीं है और अब राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पताल में भी इसका ईलाज मौजूद है।

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स्तन कैंसर से मुक्ति पाये करीब 60 लोग होंगे शामिल

इसके साथ यह संदेश भी दिया जायेगा कि इस बीमारी पर जीत हासिल करने वाले लोग पूरी शान और आत्मविश्वास के साथ अपना जीवन यापन कर रहे है। उन्होंने बताया कि देश में यह पहला ऐसा आयोजन है, जिसमे स्तन कैंसर से मुक्ति पाये करीब 60 लोग शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इन सभी प्रतिभागियों की उम्र 45 से 60 वर्ष के बीच है।

डा. आनंद ने कहा कि 40 वर्ष के बाद प्रत्येक महिला को महीने में एक बार अपने स्तन की स्वयं जांच करनी चाहिए उन्होंने कहा कि यह बहुत आसान है जांच करते समय महिलाओं को यह देखना है कि उनके स्तन में कहीं कोई गांठ तो नहीं उभर रही है और अगर ऐसा लगे तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

ये लक्षण दिखे तो फौरन डाक्टर से मिले

इसके अलावा कैंसर के अन्य लक्षणों में निप्पल का अंदर की ओर धंसना, चमड़ी लाल होकर मोटी हो जाना, निप्पल के किनारे काले घेरे में घाव, निप्पल से पानी या खून का स्राव होना, कांख (बगल) में कोई गांठ जैसी देखें तो चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने बताया स्वस्थ महिलाओं को भी साल में एक बार अपने स्तन की मैमोग्राफी करानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर, शुरुआती स्टेज में इसका पता लग जाता है तो इसका इलाज सिर्फ सर्जरी से करके किया जा सकता है लेकिन जब यह एडवांस स्टेज में पहुंच जाता है तो फिर सर्जरी के साथ कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी जैसे उपचार की आवश्यकता पड़ती है।

उन्होंने बताया कि अभी ज्यादातर मरीज कैंसर की एडवांस स्टेज होने पर आते हैं। उन्होंने कहा कि स्तन में गांठ अगर दो सेंटीमीटर की है तो सिर्फ सर्जरी से काम चल जाता है लेकिन अगर बढ़कर चार सेंटीमीटर की हो जाती है तो सर्जरी के साथ कीमोथैरेपी, रेडियोथैरेपी भी करनी पड़ती है।

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